GST के फ़ायदे
जीएसटी लागू हुए 3 वर्ष कम्पलीट हो चुके हैं और 2020 -21 के लिए जीएसटी भुगतान की प्रक्रिया भी चालू हो गयी है। साथ में बाजार में मौजूद छोटे और मंझोले व्यापारियों के लिए कम्पोजीशन योजना से जुड़ने के लिए भी आवेदन भरे जाने लगे हैं। जो पंजीकृत करदाता थे उन्हें 31 मार्च 2020 से पहले आवेदन करना था लेकिन कोरोना महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका। क्योंकि 24 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लग गया जिसके वजह से व्यापारियों का एक बड़ा वर्ग पंजीकरण से वंचित रह गया। वही कोरोना महामारी के चलते न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी कोरोना ने पूरे व्यापार की दशा बिगड़ दी है। ज्यादा समय तक लॉकडाउन की स्थिति होने से व्यापार पूरी तरह ठप्प रहा न ही कोई नए उत्पाद का निर्माण हुआ न ही पुराने उत्पादों को बेचा जा सका। जिससे लेनदारी पूरी तरह स्थगित हो गयी। इसके चलते न केवल छोटे व्यापारियों को हानि हुई है बल्कि बड़े कारोबारी भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। साथ में सरकार की भी स्थिति सही नहीं रही वही व्यापार न होने और निरन्तर लेनदारी और कर न जमा होने से सरकार को भी काफी हानि हुई है। वहीँ जीडीपी भी गिर गयी।
फिर भी सरकार ने व्यापारियों को राहत देने के लिए बहुत सी रियायत दी, कर अदायगी की तारीख निरंतर बढ़ाते जा रही, पेनल्टी में छूट दी और वापस से व्यापार को पटरी में लाने के लिए कम ब्याज पर लोन उपलब्ध करवा रही वहीँ छोटे और मझोले, रेहड़ी और ठेला लगा कर जीवन यापन करने वाले व्यापारियों को सरकार अपने गॅरंटी पर लोन उपलब्ध करवा रही है। अब जबकि कोरोना काल के 6 महीने बीत चुके हैं और स्थितियां सामान्य हो रही हैं तो छोटे व्यवसाइयों के लिए विशेष रूप से जारी की गयी कम्पोजीशन योजना के लिए करदाताओं के लिए आवेदन आना शुरू हो गए हैं। जीएसटी के संसोधन के अनुसार इसमें छोटे व्यापारी को रिटर्न फाइल करने, हिसाब किताब रखने और कर अदायगी के लिए विशेष छूट दी गयी है। इस योजना में केवल सालाना डेढ़ करोड़ (जोकि पहले 1 करोड़ थी) वाले व्यापारी ही आवेदन कर सकते हैं। उत्तराखंड और उत्तर-पूर्व के सात राज्यों के व्यापारियों के लिए 75 लाख रुपये है। और जो व्यापारी माल के साथ सेवाएं भी दे रहा है उसके लिए सीमा 50 लाख है।
जीएसटीएन के अनुसार अब तक कम्पोजीशन योजना में 16,82,000 से ज्यादा व्यापारी जुड़ चुके हैं। कम्पोजीशन योजना से जुड़ने के बाद व्यापारी को बिक्री (सप्लाई) पर विभिन्न दरों से जीएसटी जमा नहीं करनी पड़ती। वह केवल बेचे गए कुल माल की बिक्री पर निश्चित राशि को जमा करना होगा। यह प्रक्रिया त्रैमासिक है व्यापारी को केवल 3 महीने में एक बार अदा करना होगा। कम्पोजीशन स्कीम में पंजीकृत होने वाले करदाता को जीएसटी पोर्टल के फॉर्म सीएमपी-02 के तहत सूचना देनी होगी। व्यापारी जो कि पहली बार जीएसटी पंजीकरण ले रहे वे फॉर्म सीएमपी-01 के तहत रजिस्ट्रेशन के समय ही इसकी सूचना देकर जुड़ सकते हैं।
संसोधन
छोटे व्यापारी जिनका सालाना व्यापार 20 लाख रूपये व उत्तर पूर्वी राज्यों का 10 लाख था उसे बढाकर 40 लाख व उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए 20 लाख कर दिया गया है। इससे छोटे व्यापारी जो 20 लाख के जीएसटी के अन्तर्गत आने वाले थे उन्हें भी छूट मिल गयी है। साथ ही इन्हे जीएसटी रजिस्ट्रेशन करने से मुक्ति मिल गयी है। यह नयी कम्पोजीशन स्कीम 1 अप्रैल 2019 से लागू है।
कम्पोजीशन योजना को काफी सरल बनाया गया है इसके तहत कारोबारियों को साल में केवल एक बार ही रिटर्न फाइल करनी होगी। जबकि कर तिमाही आधार पर भरना होगा। पहले इस योजना में साल में एक बार की जगह तिमाही रिटर्न भरना होता था। वही सेवा प्रदान करने वाली कम्पोजीशन योजना 50 लाख है जिस पर 6% के हिसाब से टैक्स लगेगा। कम्पोजीशन योजना में कारोबारियों को रजिस्ट्रेशन में छूट मिलेगी।
रेवेन्यू से रेट कट पर संसोधन
जीएसटी लागू होने के बाद जिस प्रकार से कर भुगतान में पारदर्शिता आयी है और सरकार का राजस्व बढ़ा है उसे देखते हुए वित्त मंत्रालय ने घोषणा की है की आने वाले समय में अगर भुगतान दर इसी प्रकार बढ़ती रही तो वह टैक्स के दायरे में और कटौती कर सकती है मतलब की जीएसटी की कर दरें घटा सकती है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस साल ये हो पाना मुश्किल है और इसके लिए व्यापारियों को एक लम्बे समय तक इंतज़ार करना होगा।
कम्पोजीशन योजना का लाभ केवल वही व्यापारी ले सकता है जो केवल एक राज्य में ही कारोबार करता है। अगर कोई व्यापारी एक राज्य से दूसरे राज्य में माल एवं सेवाएं प्रदान करता है तो वह इस योजना से नहीं जुड़ सकता है।
निष्कर्ष - यहाँ यह कहना गलत नहीं होगा की एक देश -एक कर की व्यवस्था ने देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह व्यापार में माल के निर्यात, आयात और खपत के ऊपर लिया गया एकमुश्त कर है जिसने छोटे व्यापारियों को उनकी शक्ति का एहसास कराया है। इससे व्यापार में अनुशासन आया है और पारदर्शिता बढ़ी है। छोटे व्यापारियों को लाभ हो रहा है।
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3) जीएसटी का बड़े व्यापारियों और बड़े बिज़नसों पर क्या असर पड़ा है?
4) जीएसटी का छोटे बिज़नेस और छोटे व्यापारियों पर क्या असर पड़ा है?
FAQs
Q. जीएसटी के फर्जी बिल की पहचान कैसे करें ?
Ans. व्यापारी जीएसटी के नाम पर जो बिल बना कर दे रहे हैं उनमे ज्यादातर फर्जी है क्योंकि बहुत से छोटे बिज़नेस जीएसटी के दायरे में नहीं आते। वहीँ बिल पर GSTIN नंबर की जगह पुराने TIN नंबर लिखकर बिल बना रहे इससे सावधान रहें।
Q. क्या कपड़ा कमीशन एजेंट या आपूर्तिकर्ता से प्राप्त ब्रोकरेज के लिए जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य है?
Ans. अगर आपूर्तिकर्ता व्यापारी का सलाना टर्नओवर 40 लाख से अधिक है तो उसे जीएसटी के अंतर्गत पंजीयन करना जरुरी होगा।
Q. एक पंजीकरण के लिए मोबाइल नंबर की आवश्यकता है?
Ans. हाँ, पंजीकरण के लिए मोबाइल नंबर सत्यापित करवाना आवश्यक होता है।
Q. क्या जीएसटी पंजीकरण के लिए खाता संख्या अनिवार्य है?
Ans. हाँ, जीएसटी पंजीकरण के लिए खाता संख्या देना अनिवार्य होता है अन्यथा सरकार आपको इनपुट क्रेडिट का लाभ आपके अकाउंट में नहीं भेज पायेगी।
Q. क्या जीएसटी पंजीकरण व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपकरण आयात करने के लिए आवश्यक है?
Ans. नहीं, निजी उपयोग के लिए जीएसटी पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।
Q. क्या रिचार्ज कूपन शॉप के लिए जीएसटी पंजीकरण आवश्यक है?
Ans. यह पूरी तरह से वार्षिक आय पर निर्भर करती है, अगर जीएसटी के संसोधन के अनतर्गत व्यापारी की वार्षिक टर्नओवर आता है तब जीएसटी पंजीकरण आवश्यक है।
Q. क्या एक ट्रांसपोर्टर को जीएसटी पंजीकरण की आवश्यकता है?
Ans. यदि व्यापारी अपना व्यापार अन्य राज्य में भी करता और माल ढुलाई के लिए ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करता है तब उसे पंजीकरण करना होगा।
Q. जीएसटी पंजीकरण ऑनलाइन प्रक्रिया क्या है?
Ans. इस प्रक्रिया को पूरा समझने के लिए हमारे आर्टिकल पर जाएँ। यहाँ क्लिक करें
Q. क्या अंशकालिक ब्लॉगर्स को जीएसटी के लिए आवेदन करने की आवश्यकता है?
Ans. अगर व्यापारी का टर्नओवर 40 लाख के ऊपर नहीं है तो आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है।
Q. क्या किराये की संपत्तियों के लिए जीएसटी अनिवार्य है?
Ans. यदि वार्षिक इनकम 20 लाख से अधिक है तब।
Q. क्या मोमबत्ती बनाने के व्यवसाय को जीएसटी पंजीकरण की आवश्यकता है?
Ans. बिज़नेस कोई भी हो अगर उसका सालाना टर्नओवर 20 लाख का है, जीएसटी पंजीकरण करना ही होगा।
Q. क्या जीएसटी पंजीकरण के लिए वैट पंजीकरण आवश्यक है?
Ans. नहीं, वैट पंजीकरण आवश्यक नहीं है जीएसटी पंजीकरण के लिए।
Q. क्या जीएसटी पंजीकरण रद्द किया जा सकता है?
Ans. हाँ, इसे रद्द किया जा सकता है।
Q. जीएसटी पंजीकरण कब रद्द हो सकता है?
Ans. जीएसटी पंजीकरण को व्यापार समाप्त होने पर या व्यवसाय संविधान को बदलने पर रद्द किया जा सकता है।
Q. जीएसटी पंजीकरण से पहले जीएसटी चालान बढ़ा सकते हैं?
Ans. नहीं, बिना जीएसटीआईएन नंबर के चालान नहीं बना सकते।
Q. एक पैन कार्ड के तहत दो जीएसटी पंजीकरण संभव है?
Ans. बिलकुल नहीं, यह केवल एक ही पंजीकरण के लिए होगा।