साबुन बनाने का व्यवसाय कैसे शुरू करें? एक स्टार्टअप योजना

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साबुन बनाने का व्यवसाय कैसे शुरू करें? एक स्टार्टअप योजना

साबुन उद्योग विश्व का काफी पुराना उद्योग है। वर्तमान 20 वी सदी में साबुन उद्योग का बहुत तेजी से विकास हुआ है। साबुन यानी सोप का इस्तेमाल प्रत्येक व्यक्ति कई तरह की सफाई के लिए करता है। इसलिये प्रत्येक परिवार की साफ-सफाई के लिये कई तरह के साबुन की जरूरत होती है, जैसे कपड़े धोने का साबुन, नहाने का साबुन, बच्चों को नहलाने-धुलाने का साबुन, बर्तन धोने का साबुन,पालतू पशुओं की साफ सफाई का साबुन, चर्म रोग के लिए स्पेशल साबुन, खुशबू वाला साबुन आदि हैं। जैसे-जैसे मानव की साफ-सफाई के प्रति जागरुकता बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे ही साबुन उद्योग यानी सोप इंडस्ट्री का विकास होता जा रहा है। इससे इस उद्योग में अपनी संभावनाएं तलाशने वाले बिजनेस मैन के लिए बहुत ही अच्छा अवसर है। आज के जमाने में तो साबुन सोप प्रत्येक व्यक्ति की केवल आवश्यकता ही नहीं बल्कि आवश्यक आवश्यकता बन गया है। आज के समय में कोई भी व्यक्ति बिना साबुन के जीवन के बारे में सोच भी नहीं सकता है। सुबह से शाम तक उसे दो-तीन किस्म के साबुनों की आवश्यकता होती ही है। इसलिये साबुन बनाने और उसका व्यवसाय करने का आइडिया बहुत अच्छा है। किसी भी बिजनेस मैन के लिए साबुन बनाने का व्यवसाय सदाबहार बिजनेस है और इसमें मुनाफा भी अच्छा मिलता है।

हर व्यक्ति की जरूरत है साबुन

साबुन ऐसा प्रोडक्ट है जिसे पूरी दुनिया के लोग इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए लोग आसानी से पैसा खर्च करते हैं। यह प्रोडक्ट किसी भी व्यक्ति के लिए बोझ नहीं है बल्कि अत्यंत आवश्यकताओं में शामिल है। इस प्रोडक्ट को हर व्यक्ति खरीदता है, चाहे गरीब हो या अमीर हो। बस अन्तर केवल आर्थिक क्षमता के अनुसार हो जाता है कि वह कौन सी क्वालिटी और कितनी मात्रा में खरीदता है। वर्तमान समय में अच्छी लाइफ स्टाइल और अच्छी आमदनी के कारण लोगों में साबुन के खरीदने के प्रति अधिक रुझान हो गया है। अब चाहे गांव हो या शहर हो सभी कहीं साबुन की अच्छी खासी डिमांड है।

साबुन उद्योग की व्यापारिक उपयोगिता के बारे में यदि बात करें तो इसका वैश्विक व्यापार जगत में महत्वपूर्ण स्थान है। एक अनुमान के अनुसार साबुन उद्योग का बाजार प्रतिवर्ष 7 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है। आने वाले समय में इस व्यवसाय की रफ्तार में और तेजी आने की संभावना है। भारत के बारे में बात की जाये तो विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश के घर-घर में साबुन का इस्तेमाल किया जाता है। एक सर्वे में यह बताया गया है कि भारत में 98 प्रतिशत घरों में साबुन का इस्तेमाल किया जाता है। यह भी बताया जाता है कि साबुन में लोकल कंपनियों द्वारा सस्ता माल लाने तथा छूट आदि की सुविधाओं के कारण गांवों में साबुन की मांग तेजी से बढ़ गयी है। मॉइश्चरिंग, हर्बल और बेबी सोप की मार्केट में बहुत अच्छी डिमांड है। इन प्रोडक्ट की अच्छी डिमांड के साथ-साथ अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है।

group of natural handmade soap on craft vintage paper

साबुन को कहां कहां बेचा जा सकता है

साबुन यानी सोप को कहां-कहां बेचा जा सकता है। साबुन के बड़े-बड़े ग्राहक कौन हो सकते हैं। इस पर सर्च करने वाले जानकार लोगों का मानना है कि कुछ ऐसी इंडस्ट्री और कारोबार हैं, जहां पर साबुन की अच्छी खपत हो सकती है। वहां पर बिजनेस मैन सम्पर्क करके अपने प्रोडक्ट को बेचने की कोशिश करें तो उसका भारी मात्रा में साबुन आसानी से बिक भी सकताहै और उससे अच्छी आमदनी भी मिल सकती है। ऐसे प्रमुख स्थानों में से कुछ खास इस प्रकार हैं:-

  1. प्रत्येक मार्केट
  2. होटल
  3. रेस्टोरेंट और कैन्टीन
  4. इवेंट प्लानर
  5. डे केयर
  6. हॉस्पिटल
  7. ऑफिस
  8. आटो रिपेयर सेंटर
  9. आटोमोबाइल मेंटीनेंस इंडस्ट्रियल यूनिट
  10. आटोमोबाइल सर्विस सेंटर

मार्केट और ग्राहक तलाशें

सोप मेकिंग बिजनेस शुरू करने से पहले यह सोचें कि पैसा व कारीगर लगाकर प्रोडक्ट तो तैयार किया जा सकता है लेकिन उस तैयार प्रोडक्ट को कौन खरीदेगा, कहां बेचा जा सकता है। जो प्रोडक्ट हम बना रहे हैं उसके खरीददार हैं भी या नहीं। बिजनेस में बिजनेस मैन की नहीं ग्राहक की मर्जी चलती है। इसके लिए हमें सबसे पहले ग्राहकों और मार्केट को तलाशना होगा। इसके बाद उनकी पसंद को देखना होगा। पसंद के अलावा ग्राहकों की परचेजिंग कैपिसिटी भी देखनी होगी। यह भी देखना होगा कि अभी तक ये ग्राहक कौन सा प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे हैं और हम उस प्रोडक्ट को और अच्छा किस तरह से बना सकते हैं कि ग्राहक हमारे प्रोडक्ट की ओर आकर्षित हो सकें। इन सारी चीजों को अच्छी तरह से खंगालना चाहिये। उसके बाद ही अपने प्रोडक्ट का चुनाव करके बिजनेस की प्लानिंग बनानी चाहिये।

1. अब सवाल उठता है कि क्या ग्राहक के घर-घर जाकर उनसे पूछा जा सकता है कि साबुन का कौन सा प्रोडक्ट क्यों खरीद रहे हैं। यदि बिजनेस मैन चाहे तो इस तरह के भी सर्वे कराये जा सकते हैं लेकिन ये सर्वे थोड़े महंगे और अधिक समय वाले होते हैं। यदि इस तरह के सर्वे आप कराना चाहते हैं तो जहां आप बिजनेस वाले एरिया के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं से इन्सेन्टिव के आधार पर इस तरह का काम करा  सकते हैं। उन्हें कंपनी की ओर से प्रचार सामग्री के साथ एक प्रश्नोत्तरी देनी होगी, जिन पर ग्राहकों से उनकी प्रतिक्रिया की पूरी जानकारी हासिल करनी होगी। लेकिन इसके लिए भरोसेमंद होने युवक चाहिये, जो अपना काम ईमानदारी से करें वरना ये युवक एक ही जगह पर बैठ कर अपने परिचितों के नाम लिखकर उनकी फर्जी प्रतिक्रियाएं भर देंगे। तो इससे आपको बहुत नुकसान हो जायेगा। यह भी  हो सकता है कि आपका बिजनेस शुरू होने से पहले ही बैठ भी जाये।

2. सर्वे करने का दूसरा तरीका यह भी हो सकता है कि आप स्वयं अपने बिजनेस वाले एरिया में जायें और वहां की अच्छी-अच्छी कॉलोनियों या घनी बस्ती वाले इलाकों के पास की मार्केट में फुटकर दुकानदारों से बिजनेस मैन के तौर पर मिलें और उनसे अपना इरादा बता कर उनसे जानकारी लेंगे तो वे आपकी मदद करेंगे। इसके अलावा इन रिटेलर्स की दुकान में रखे साबुन के अनेक प्रोडक्ट, व उनकी रोजाना, साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक बिक्री के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर लेंं। इसके अलावा उन प्रोडक्ट के रेट व क्वालिटी आदि की भी जानकारी हासिल कर लें। इस तरह से आपको मार्केट का नेचर मालूम हो जायेगा और ग्राहकों की पसंद व उनकी खरीदने की क्षमता का भी ज्ञान हो जायेगा। इसके बाद आपको यह मालूम हो जायेगा कि किस तरह का प्रोडक्ट आपको तैयार करना है और उसके रेट कितने रखने हैं। इस तरह को आपके बिजनेस की जमीन तैयार हो जायेगी। उसके बाद आगे की प्लानिंग करें।

3. आपको महानगरों, बड़े नगरों को टारगेट करने की जगह कस्बों व बड़े गांवों के बीच अपने बिजनेस के ग्राहकों को तलाशना चाहिये और वहीं पर बिजनेस करना चाहिये। इसका कारण यह है कि स्थापित नेशनल व इंटरनेशनल कंपनियों के ब्रांडेड प्रोडक्ट महानगरों व बड़े शहरों में ही अधिक बिकते हैं, जहां पर रहने वालों की खरीदने की क्षमता अधिक होती है। इसकी अपेक्षा गांवों और कस्बों में रहने वालों की खर्च करने की क्षमता सीमित या कम होती है वहां पर अच्छी क्वालिटी वाला सस्ता लोकल माल ही आसानी से और बड़े पैमाने पर बिक सकता है। आपका बिजनेस इन्हीं कस्बों व गांवों में अच्छी तरह से चलने की संभावनाएं हैं।

सोप मेकिंग बिजनेस की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनायें

किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले उसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनानी जरूरी होती है। इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट में बिजनेस शुरू करने के लिए आवश्यक पूंजी और उसकी व्यवस्था करने के तरीके, आवश्यक जमीन, फैक्ट्री की कीमत या किराया, बिजली-पानी का खर्चा, कच्चा माल, काम करने वाले अनुभवी कुशल व अकुशल कर्मचारियों की सैलरी, मार्केटिंग पर होने वाला खर्चा, सामान ढोने के लिए वाहन, इसके अलावा कुछ अन्य मिसलेनियस खर्चों को शामिल करना होता है।

इसके अलावा प्रोजेक्ट रिपोर्ट में बिजनेस के प्रोडक्शन से लेकर प्रोडक्ट की बिक्री तक की योजना बनाई जाती है। इसको कई चरणों में  तैयार किया जाता है। प्रोजेक्ट की रिपोर्ट में दर्ज काम करने के तरीके को स्टेप बाई स्टेप लागू करने से बिजनेस बहुत ही अच्छी तरह से चलता है और उसके नतीजे अच्छे सामने आते हैं। ऐसे कारोबार में मुनाफा भी अच्छा मिलता है।

कौन कौन सी मशीनों की जरूरत होती है

सोप मेकिंग बिजनेस के लिए जिन मशीनों की आवश्यकता होती है, उनमें प्रमुख इस प्रकार हैं:-

1. मिक्सिंग केटल: गर्म तरीके से साबुन बनाने के काम में आता है

2. आटोमेटिक सोप स्टैम्पिंग यानी मोल्ड: साबुन पर छापा लगाने वाली मशीन

3. साबुन के बड़े डंडे को काटने वाली मशीन यानी स्टिक ब्लेंडर

4. स्टेनलेस स्टील का बना घड़ा ढक्कन सहित यानी लाई स्टोरेज टैंक

5. स्टील का चम्मच और नापने वाला कप व मग

6. माइक्रोवेव

7. टेस्टिंग किट

8. दास्ताने यानी ग्लब्स व काला चश्मा

कौन-कौन सा कच्चा माल यानी केमिकल की जरूरत होती है

खुशबूदार साबुन बनाने, नेचुरल साबुन, हर्बल साबुन, औषधीय साबुन व अन्य किसी भी प्रकार के साबुन बनाने के लिए कच्चा माल अथवा केमिकल की आवश्यकता होती है, जिन केमिकलों की जरूरत होती है, उनमें से प्रमुख केमिकल इस प्रकार हैं:-

1. जैतून का तेल

2. नारियल का तेल

3. ताड़ का तेल

4. बिनौले का तेल

5. सोडियम हाइड्रोऑक्साइड

6. पोटेशियम हाइड्रोऑक्साइड

7. स्किन फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाने के लिए शहद

8. एलूवेरा, समुद्री शैवाल

9. जौ का आटा

10. रंगीन साबुन बनाने वाला रंग

11. खुशबूदार साबुन बनाने के लिए परफ्यूम

कौन-कौन से लाइसेंस की जरूरत होती है

प्रत्येक बिजनेस शुरू करने के लिए बिजनेसमैन को केन्द्र सरकार, राज्य सरकार के संबंधित विभागों या उद्योग विभाग से अनेक लाइसेंस व परमीशन लेनी होती है। इनमें से कुछ खास लाइसेंस व परमीशन इस प्रकार हैं:-

  1. फर्म का नाम चुनें

2. फर्म का आकार तय करें, सोल प्रोप्राइटर शिप, ओपीसी वन पर्सन कंपनी, पार्टनरशिप, एलएलपी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनीमें से एक का प्रारूप तय करें।

3. कंपनी रजिस्ट्रार के यहां फर्म या कंपनी का रजिस्ट्रेशन करायें

4. स्थानीय प्रशासन यानी नगर निगम, नगर पालिका, टाउन एरिया व ग्राम पंचायत जो भी हों उनसे बिजनेस लाइसेंस लेना होता है।

5. केमिकल इंडस्ट्री से जुड़े होने के कारण ड्रग एंड कॉस्मेटिक प्रोडक्ट का लाइसेंस लेना होता है

6. जीएसटी नंबर भी लेना होता है

7. बैंक में एक करंट अकाउंट भी खोलना होता है

8. बिजनेस मैन के नाम या बिजनेस के नाम जैसी जरूरत हो उसके मुताबिक एक पैन कार्ड बनवाना होता है

9. एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन करवा कर उद्योग आधार लेना होता है। इससे बिजनेस मैन को समय समय पर जारी होने वाली सरकारी सुविधाओं व छूट आदि का भी लाभ प्राप्त हो सकता है।

सोप मेकिंग बिजनेस को शुरू करने की लागत

सोप मेकिंग बिजनेस की यूनिट शुरू करने के लिए लागत बिजनेस मैन की क्षमता और प्लानिंग पर निर्भर करती है। यदि बिजनेस मैन बहुत छोटे स्तर से अपना काम शुरू करता है तो उसे अधिक लागत की आवश्यकता नहीं होती है। वह कम से कम साधनों का इस्तेमाल करके एक या दो लाख में अपना बिजनेस शुरू कर सकता है।

यदि मध्यम व बड़े स्तर से बिजनेस स्थापित करने की योजना कोई बनाता है तो उसे कम से कम प्लांट लगाने के लिए 1000 वर्ग फुट का कवर्ड एरिया चाहिये। जहां पर बिजली और पानी की सुविधा होनी चाहिये। साथ ही आने-जाने की भी सुविधा चाहिये। इसके अलावा प्लांट में काम करने के लिए दो कुशल अनुभवी कारीगर और दो अकुशल श्रमिक चाहिये। कच्चा माल लाना होगा। मशीनरी व उपकरण, रैपर या लेबल का खर्चा, पैकिंग का खर्चा, मार्केटिंग का खर्चा जोड़ा जाये तो औसतन 5-6 लाख रुपये की लागत आती है। इसके ऊपर बिजनेस मैन चाहे जितना खर्च कर सकता है यह उसकी क्षमता पर निर्भर करता है। इसके अलावा शहर , गांव व कस्बे के हिसाब से लागत में थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव भी हो सकता है।

मुनाफा कितना और कैसे मिलता है

1. सोप मेकिंग बिजनेस में मुनाफ कितना मिल सकता है और कैसे हासिल होता है। यह बहुत ही पेंचीदा मामला है। मुनाफा हासिल करना बिजनेस मैन की बुद्धि कौशल की सबसे बड़ी परीक्षा होती है।

2. इसका कारण यह है कि आपने नया-नया बिजनेस शुरू किया तो आपको मार्केट में जबर्दस्त कंपटीशन का सामना करना पड़ता है। पहले तो आपको नेशनल व इंटरनेशनल ब्रांड का सामना करना पड़ता है उसके बाद लोकल प्रोडक्ट से भी कंपटीशन का भी सामना करना पड़ता है।

3. अपनी मार्केट बनाने के लिए आपको सभी तरह के प्रोडक्ट की क्वालिटी से अच्छी क्वालिटी भी देनी है। अच्छी क्वालिटी बनाने में कच्चा माल भी अच्छा लगाना होता है। इससे प्रोडक्शन कास्ट बढ़ जाती है।

4. इसके बाद आपको मार्केट में उपलब्ध प्रोडक्ट के रेट को देखते हुए कम से कम रेट रखने होते हैं।

5. इसके अलावा आप बिजनेस सीधे ग्राहक से नहीं कर रहे हैं बल्कि थोक व्यापारी यानी होलसेल बिजनेस मैन से करने जा रहे हैं जो बहुत ही चतुर चालाक किस्म का बिजनेस मैन होता है। वो खुद तो अपने हिस्से का कमीशन या लाभ लेता ही लेता है और साथ ही वह रिटेलर्स के हिस्से का लाभ भी आपसे लेना चाहता है। इसलिये आपको उसको डील करने के लिए कम से कम मुनाफा पर अधिक माल बेचने की रणनीति पर काम करना होगा।

6. शुरू-शुरू में तो आपको मार्केट भी बनानी होती है, उसके लिए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए उन्हें कुछ छूट या ऑफर देना होता है। इसके अलावा नये-नये प्रोडक्ट को मार्केट व ग्राहक तक पहुंचाने के लिए महंगे प्रचार साधनों का भी इस्तेमाल करना होता है। इसलिये शुरू-शुरू में तो आपको मुनाफा कितना मिलेगा यह कोई नहीं चाहता है।

7. वैसे जानकार लोगों का मानना है कि सोप मेकिंग बिजनेस के स्थापित हो जाने के बाद 25 से 30 प्रतिशत तक का मुनाफा आसानी से मिल जाता है।

Natural soap bars in the basket on the Provencal market

बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिये क्या क्या करें

1. बिजनेस को तेजी से आगे बढ़ाने  के लिए कुछ लीक से हट कर काम करने होंगे। कहने का मतलब यह है कि आपको अपने बिजनेस में विशेष आकर्षण पैदा करना होगा तभी ग्राहक अन्य प्रोडक्ट को छोड़कर आपके पास आयेगा। इसके लिए आपको अपने प्रोडक्ट की पैकिंग आकर्षक करनी होगी। अच्छा सा कैच वर्ड चुनना होता जो लोगों की जुबान पर आसानी से चढ़ जाये।

2. अपने प्रोडक्ट को पशु चर्बी से मुक्त, हर्बल, आयुर्वेद, नेचुरल उत्पादों से तैयार आदि का प्रचार करने का भी फायदा मिल सकता है। मार्केट में ऐसे भी ग्राहक हैं जिन्हें पशु चर्बी आदि से सख्त परहेज करते हैं।

3. अपने प्रोडक्ट को बनाते समय ग्राहकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना होगा और यदि संभव हो तो अपने प्रोडक्ट के रैपर में इस बात का जिक्र भी करना चाहिये। इससे ग्राहक आपके प्रोडक्ट के प्रति आकर्षित हो सकता है।

4. आपका प्रोडक्ट नेशनल या इंटरनेशनल प्रोडक्ट के स्टैंडर्ड से किसी तरह से कम नहीं होना चाहिये। प्रोडक्ट को तैयार करने में इस्तेमाल किये जाने वाले कच्चा माल ओरिजनल, स्टैंडर्ड वाला और निश्चित मात्रा में होना चाहिये। इससे आपका प्रोडक्ट बाजार में किसी दूसरे नामी-गिरामी प्रोडक्ट को चैलेंज कर सकता है। इसका भी लाभ आपको मिल सकता है

5. ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनो तरह की मार्केटिंग करनी चाहिये। इसके अलावा अपने बिजनेस एरिया में होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेकर अपने प्रोडक्ट का प्रचार करना चाहिये।

6. इसके अलावा होटल, रेस्टोरेंट, स्पा, कैन्टीन, बड़े-बड़े ऑफिसों, इंडस्ट्रियल यूनिटों में सीधे सम्पर्क कर अपने माल को बेचने की कोशिश करनी चाहिये। उससे आपको मिलने वाले लाभ में इजाफा हो जायेगा।

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