दुनिया में रोटी,कपड़ा और मकान की जरूरत सभी को होती है। रोटी के बाद कपड़ा ही ऐसी वस्तु है जिसे हर इंसान खरीदना चाहता है। रोटी-कपड़े के बाद इंसान के पास यदि आमदनी के पैसे बचते हैं तभी वह मकान के बारे में सोचता है। लेकिन आज के जमाने में मकान बहुत बड़ी चीज हो गयी है। इसलिये जो व्यक्ति मकान का सपना पूरा नहीं कर सकता है वो रोटी और कपड़े पर खर्च करके अपने शौक पूरा करना चाहता है।
कितना बदल गया है जमाना
पहले बुजुर्गों के बीच कहा जाता था कि कपड़ा तन ढकने के लिए चाहिये। उनका कहना था कि पहले सेहत का ध्यान रखो यानी खाने पर अधिक खर्च करो, कपड़े को केवल शरीर ढकने के लिए इस्तेमाल करना है यानी कपड़े पर कम से कम खर्च करना है। लेकिन अब जमाना बदल गया है। आज का जमाना फैशन का जमाना है। इस फैशन के जमाने में आम इंसान रोटी पर जितना खर्च करना चाहता है उतना तो वह खर्च करता है। उसके बाद सबसे ज्यादा खर्च अपने फैशन यानी कपड़े व अन्य फैशन के सामान पर करता है। कपड़ा आज फैशन की चीज बन गया है। कपड़े में भी रेडीमेड कपड़ों का नंबर सबसे ऊपर आता है। इसलिये रेडीमेड कपड़े का बिजनेस बहुत फायदेमंद है लेकिन क्या इसका विदेशों में एक्सपोर्ट बिजनेस करना भी फायदेमंद है या नहीं। इस बारे में जानते हैं।
फैशन का ज्ञान होना जरूरी है
फैशन के दौर में आप यदि रेडीमेड गारमेंट का एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं तो आपको नेशनल व इंटरनेशल फैशन का बहुत अच्छा ज्ञान होना चाहिये। आपको फैशन के कॉम्बिनेशन बनाने की कला आनी चाहिये। ये कला आपको बिजनेस चलाने में बहुत मदद करेगी। इसके लिए आप कोई डिजाइनर कोर्स कर लें तो आपके लिए बहुत ही अच्छा होगा । यह आपके बिजनेस को चलाने व उसे आगे बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा।
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है भारत
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा और रेडीमेड गारमेंट का निर्यातक देश है। भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री की भारतीय अर्थव्यवस्था को बनाने में बहुत बड़ी भूमिका है। भारतीय उद्योगों में टेक्सटाइल इंडस्ट्री की सात प्रतिशत की हिस्सेदारी है। कपड़ों व रेडीमेड कपड़ों का व्यवसाय भारतीय जीडीपी का दो प्रतिशत है जबकि देश के कुल निर्यातक आय का 15 प्रतिशत है। कपड़ा उद्योग एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर भारी संख्या में लोगों को रोजी-रोजगार मिला हुआ है। एक अनुमान के अनुसार साढ़े चार करोड़ लोगों का रोजगार इस कपड़ा उद्योग से चल रहा है।
एक्सपोर्ट बिजनेस की कमी का यह है मुख्य कारण
दुनिया के दूसरा सबसे बड़ा कपड़े का निर्यातक देश होने के बावजूद हमारे देश का रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट का बिजनेस जितना होना चाहिये उतना अभी नहीं है। उसका कारण यह है कि यहां का रेडीमेड गारमेंट उद्योग अभी भी पुराने ढर्रे पर अव्यवस्थित तरीके से चल रहा है। इस काम में लगे लोग अभी सेट व लालाओं के जमाने के तरीके अपनाते हैं। इस उद्योग के बड़े-बड़े व्यापारी अभी भी कूप मण्डूप बने हुए हैं। वे अपने शहर और अपनी मार्केट से आगे बढ़ना नहीं चाहते हैं। उन्हें अपने शहर से बाहर निकलने में डर लगता है। उन्हें लगता है कि उनका पैसा कोई मार न ले । यदि उनका पैसा किसी ने मार लिया तो वो क्या करेंगे। यही सोच कर वो केवल उन्हीं लोगों से व्यापार करते हैं जो वर्षों से उनसे जुड़े हुए हैं। ये लोग भी किसी खास व्यक्ति की गारंटी से जुड़े हुए हैं।
दुनिया के छोटे-छोटे देश इतनी तेजी से तरक्की कर रहे हैं, जिनके पास हमसे आधी भी ताकत नहीं है लेकिन हम डर के मारे आगे नहीं बढ़ना चाहते हैं। हम जहां पर हैं वहीं से संतुष्ट हैं। जबकि आजकल पूरी दुनिया में इंटरनेशनल ट्रेड वार मचा हुआ है, हर कोई अपना बिजनेस एक देश से दूसरे देश तक पहुंचा रहा है। इसके लिए कुछ भी करना पड़े कर रहा है।
एक शहर के बिजनेस मैन को दूसरा शहर विदेश से कम नहीं लगता
हमारे यहां पर रेडीमेड मार्केट विभिन्न बड़े-बड़े शहरों में फैला हुआ है। हालात यह है कि एक शहर का रेडीमेड गारमेंट दूसरे शहर में नहीं पहुंच पाता है। उसका कारण बिजनेसमैन के मन में पैसे डूबने का डर है। दिल्ली, नोएडा व आसपास का रेडीमेड का मैन्यूफैक्चरर्स केवल अपने आसपास की मार्केट में अपना माल बेचना चाहता है। मुंबई व उसके आस पास के मैन्यूफैक्चरर्स अपने आसपास ही माल बेच कर संतुष्ट है। सूरत और कोलकाता में भी यही हाल है। दिल्ली वाले बिजनेस मैन के लिए मुंबई ही विदेश बना हुआ है। तो वह विदेश अपना माल क्या भेजेगा । इसका फायदा विदेशी कंपनियां उठा रहीं हैं।
नये एक्सपोर्टर के लिए हैं काफी संभावनाएं
भारतीय रेडीमेड मैन्यूफैक्चरर्स और होलसेलर्स के बिजनेस के पुराने तरीके और पैसे डूबने के डर से एक गैप बना हुआ है। ये गैप है रेडीमेड गारमेंट के एक्सपोर्ट का। इसमें बिजनेस करने की अपार संभावनाएं हैं और इसमें उम्मीद से अधिक मुनाफा है। इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए बिजनेसमैन को दिमागी कसरत कुछ ज्यादा ही करनी होगी। इसके बाद सफलता मिलनी तय है।
एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू करने से पहले करने होंगे ये काम
रेडीमेड बिजनेस करने वाले को कुछ लीक से हटकर काम करना होगा। काफी मेहनत करनी होगी। उसके बाद रेडीमेड का एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू करना होगा। आइये जानते हैं बिजनेस शुरू करने से पहले क्या-क्या काम करने होंगे?
- सबसे पहले रेडीमेड गारमेंट का एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू करने का पक्का इरादा करना होगा
- नये तरीके से बिजनेस करने के बारे में योजना बनानी होगी
- रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट में लगी अन्य कंपनियों की प्रोफाइल व बिजनेस के तरीके की स्टडी करनी होगी
- एक्सपोर्ट बिजनेस करने वाले नामी-गिरामी कंपनियों की वेबसाइट सर्च करनी होगी
- विदेशी कंपनियों द्वारा किये जा रहे बिजनेस के तरीकों व प्रोडक्ट की भी जांच करनी होगी
- विदेशी कंपनियों द्वारा बेचे जा रहे प्रोडक्ट की अपने देश में उपलब्धता की भी जांच करनी होगी
- एक्सपोर्ट कंपनियों के प्रोडक्ट के रेट और अपने देश में तैयार होने वाले उस तरह के प्रोडक्ट के रेट भी देखने होंगे
- इस तरह से विदेशी मार्केट की रिसर्च करनी होगी
जब यह सारी रिसर्च पूरी हो जायें तो फिर एक बार फिर से आंकलन करना होगा कि जो काम आप शुरू करने जा रहे हैं यानी रेडीमेड गारमेंट का एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं वो आप अच्छी तरह से कर पायेंगे या नहीं। जब पूरी तरह से भरोसा हो जाये तो इस बिजनेस को शुरू करने की तैयारी करें।
बिजनेस प्लान बनायें
आपको अपना रेडीमेड गारमेंट का एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू करने से पहले एक अच्छा सा बिजनेस प्लान बनाना होगा। इसमें आपको सबसे पहले अपनी इंटरनेशनल लेबल की वेबसाइट बनवाने का खर्चा, उसको आपरेट करने के लिए एक कुशल कारीगर, एक वेब डिजाइनर, कम्प्यूटर, लैपटॉप, एक ऑफिस, बिजली का खर्च, ई स्टोर बनवाने का खर्च,सैम्पल के लिए माल का खर्च, छोटे लेबल पर बिजनेस शुरू करने के लिए रेडीमेड गारमेंट के पीसेज खरीदने का खर्च आदि सभी को जोड़ कर बिजनेस प्लान तैयार करें। यदि कोई बात समझ में न आवे या मुश्किल लगे तो उसके लिए किसी विशेषज्ञ से राय मशविरा कर लें, परिचित में कोई अनुभवी व्यक्ति हो तो उससे भी सलाह ले सकते हैं। सारा कुछ करके आपको अपना बिजनेस प्लान ऐसा बनाना चाहिये ताकि वह भविष्य में आपके बिजनेस में किसी तरह की कोई समस्या आये तो उससे सुलझाई जा सके।
रेडीमेट गारमेंट का एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू करने से पहले कुछ होमवर्क कर लें
- सबसे पहले आप अपने विदेशी ग्राहकों को तलाशने के लिए मार्केटिंग प्लान बनायें
- एक अच्छी सी वेबसाइट बनवायें
- अपनी वेबसाइट के बारे में सोशल मीडिया के सभी प्लेट फार्म फेसबुक, व्हाट्सऐप, लिंक्डइन, इंस्टाग्राम, ट्विटर, गूगल माई बिजनेस आदि पर जमकर प्रचार करें
- वेबसाइट का जितना अधिक प्रचार होगा, उतना ही अधिक लाभ होगा
- आपको अपने प्रोडक्ट को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए सारे तरीके आजमाने होंगे
बिजनेस को हिट करने के कुछ खास टिप्स
1. यदि आपका बिजनेस अपसेट हो मतलब पूरी तरह से नियोजित न हो तो सबसे पहले अपने बिजनेस को नियोजित कर लें। यदि टैक्स आदि की बचत करने की सोच रहे हों तो उसे त्यागें। आप सारी सरकारी औपचारिकताएं ईमानदारी से पूरी करते हुए अपनी कंपनी या फर्म को नंबर वन की फर्म बनायें। इसके बाद अपनी कंपनी या फर्म का अच्छा सा नाम सोचें, जिस नाम से आप अपना प्रोडक्ट मार्केट में लेकर जायें। अपने प्रोडक्ट को ब्रांड बनायें। इसके लिए यदि थोड़ा पैसा खर्च करना पड़े तो खर्च करें। एक बार अपने ब्रांड को मार्केट में हिट करा देंगे तो फिर उस नाम का ब्रांड एक्सपोर्ट में भी हिट हो जायेगा। एक बार आपका ब्रांड इंटरनेशनल मार्केट में हिट हो गया तो समझो कि आपने अपने बिजनेस मे वारे-न्यारे कर लिये।
2. एक्सपोर्ट बिजनेस में प्राइस यानी प्रोडक्ट की कीमत का बहुत बड़ा खेल होता है। अपनी सेल को बढ़ाने के लिए आपको इंटरनेशनल कंपटीशन का सामना करना पड़ता है। इसकी तैयारी पहले से ही कर लें तो बेहतर होगा। प्रोडक्ट की कीमत तय करते वक्त आपको इसमें काम आने वाले कच्चा माल, प्रोडक्ट को तैयार करने की कुल लागत और उसकी सप्लाई की आने वाली लागत को भी ध्यान में रखना होगा। इसके अलावा किस प्रोडक्ट की मार्केट में किस तरह की मांग है और किस तरह की सप्लाई है उसका भी कीमत तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उदाहरण के लिए जैसे किसी खास ब्रांड के खास प्रोडक्ट की मार्केट में कमी है और उसकी सप्लाई कम है, माल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। उस समय उस प्रोडक्ट की कीमत अच्छी तय की जा सकती है।
कौन कौन से लाइसेंस चाहिये
रेडीमेड गारमेंट का एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू करने के लिये आपको कौन-कौन से लाइसेंस की जरूरत होगी। सबसे पहले तो आपको अपनी कंपनी या फर्म का एक अच्छा सा नाम रखना होगा। इसे बिजनेस एक्ट में रजिस्टर्ड कराना होगा। इसके बाद आपको अपनी कंपनी का प्रारूप तय करना होगा। अकेले स्वयं चलायेंगे, या साझेदार रखेंगे या लिमिटेड कंपनी बनायें। इसका एमएसएमई से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिजनेस के लिए आपको जीएसटी नंबर भी लेना होगा। चूंकि एक्सपोर्ट का काम शुरू करना है तो आपको इम्पोर्ट एक्सपोर्ट सर्टिफिकेट यानी आईईसी कोड लेना होगा। इसके अलावा टेक्सटाइल एण्ड अपैरल के लिए आरसीएमसी भी हासिल करना होगा।
इस तरह से तलाशें मुख्य मार्केट वाले देश
रेडीमेड गारमेंट के एक्सपोर्ट के लिए कौन कौन से ऐसे देश हैं जो आपके लिए मुख्य ग्राहक देश हो सकते हैं अथवा जिन देशों में भारतीय माल को अधिक पसंद किया जाता है। हालांकि ऐसे देशों की कोई कमी नहीं है लेकिन हमें यह देखना है कि हम उन देशों को अपने देश का प्रोडक्ट बेचें जहां से हमें अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है। हमें अपने ग्राहक देश की तलाश करते समय कुछ खास बातों को ध्यान में रखना होगा, जो इस प्रकार हैं:-
- जिन देशों की अर्थव्यवस्था अच्छी खासी हो और जहां पर बिजनेस और उद्योग धंधे काफी अच्छे स्तर पर चलते हों
- जहां के नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय का स्तर काफी अच्छा होना चाहिये
- जहां के नागरिकों की खर्च करने की क्षमता काफी अच्छी होनी चाहिये
- इंटरनेशनल लेबल की इकोनॉमी देखते वक्त यह अवश्य चेक करें कि वहां की अर्थव्यवस्था हमारी अर्थव्यवस्था से दोगुनी अच्छी होनी चाहिये
- ऐसे देश को टारगेट करना होगा जहां पर साल में कई बार इनकम बढ़ने के सीजन आते हों
- ऐसे देशों को खोजना होगा जहां के लोग मौके-बे-मौके पर अपने व अपने परिवार के कपड़े जल्दी-जल्दी बदलने का शौक रखते हों
कौन-कौन से देश हैं भारतीय एक्सपोर्टर्स की नजर में
भारतीय एक्सपोर्टर्स ने अभी कुछ ही देशों को ही टारगेट किया हुआ है। लेकिन दुनिया में ऐसे बहुत से देश हैं जहां पर भारतीय रेडीमेड गारमेंट की अच्छी खासी डिमांड हैं और वहां पर अभी तक कोई भारतीय बिजनेसमैन नहीं पहुंच पाया है। फिलहाल भारतीय एक्सपोर्टर्स के ये प्रमुख लोकप्रिय ग्राहक देश हैं:-
- अमेरिका
- यूरोपियन संघ के अनेक देश
- मध्य एशिया के अनेक देश
- एशिया के अन्य देश
वक्त देखकर बनाये अपने एक्सपोर्ट बिजनेस की रणनीति
इन पारंपरिक देशों के अलावा अन्य देशों को भी टारगेट कर सकते हैं। इसके अलावा समय-समय पर इंटरनेशनल लेबल पर बिजनेस की परिस्थितियां भी बदलतीं रहतीं हैं। जैसे कोरोना काल में चीन के साथ सभी देशों के संबंध खराब हो गये, जिसमें अमेरिका और भारत ने चीन से सामान मंगाने पर पाबंदी भी लगा दी है। पाबंदी भी दो तरह से लगायी जाती है। एक तो पाबंदी होती है कि प्रतिबंधित देश से किसी वस्तु का आयात पूरी तरह से रोक दिया जाता है यदि कोई चोरी छिपे उस देश से प्रतिबंधित वस्तु मंगाता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाता है, जुर्माना न देने पर उसे जेल की सजा तक दी जाती है। दूसरी तरह की पाबंदी कि आयात शुल्क को अचानक कई गुना बढ़ा दिया जाता है जिससे सप्लाई करने वाला देश महंगे रेट पर सामान सप्लाई करने को मजबूर होगा तो ग्राहक उसे लेने से इनकार करेंगे। अब चीन के साथ ऐसा ही हुआ है। अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले कपड़ों व रेडीमेड गारमेंट पर अपना टैक्स दोगुने से भी ज्यादा बढ़ा दिया है। इससे अन्य देशों के लिए अमेरिका को कपड़े का एक्सपोर्ट करने का चांस ज्यादा बढ़ गया है। इसका फायदा उठाया जा सकता है।
लागत कितनी तक आती है इस बिजनेस में
रेडीमेड गारमेंट के एक्सपोर्ट बिजनेस को शुरू करने में कितनी लागत आती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप बिजनेस किस लेबल पर शुरू करना चाहते हैं। इस बिजनेस में सारी लागत बिजनेस का प्रचार करने में आती है। इसके अलावा कानूनी प्रक्रिया पूरी करने में जो फीस लगती है वो लागत आती है। इसके अलावा वेबसाइट बनवाने, ई स्टोर बनाने और शुरू में कुछ खास-खास प्रोडक्ट के आइटम रखने में भी थोड़ी बहुत पूंजी लगती है। इस तरह कुल मिलाकर माना जाये तो इस बिजनेस को एक से तीन लाख रुपये में शुरू किया जा सकता है।
मुनाफा कितना तक हासिल किया जा सकता हैरेडीमेड गारमेंट के एक्सपोर्ट बिजनेस को स्थापित करने में जितना वक्त लगता है, उसमें तो आपका पूरा ध्यान ग्राहक को अपनी ओर आकर्षित करने का होता है। साथ ही इंटरनेशनल लेबल की कंपटीशन पर भी ध्यान देना होता है। ऐसी स्थिति में आपका ध्यान मुनाफे की ओर जाता ही नहीं है। बिजनेस की डिमांड के अनुरूप आपको शुरू शुरू में ऐसा ही करना चाहिये। लेकिन यह रणनीति लम्बे समय तक जारी रखना बिजनेस की सेहत के लिए ठीक नहीं है। जैसे जैसे आपको अनुभव होता जाये आपको बिजनेस में अपना मुनाफा अवश्य निकालने की कोशिश करना होगा। यह स्थिति सभी तरह के बिजनेस में आती है। वैसे इस लाइन के विशेषज्ञों के अनुसार शुरू-शुरू में यह मुनाफा केवल 5 से 10 प्रतिशत तक होता है।उसके बाद आपकी स्किल पर निर्भर करता है कि कितना मुनाफा कमा सकते हैं। जानकार लोगों का मानना है कि आपके ग्राहक देश के नागरिकों की खर्च करने की क्षमता पर मुनाफा टिका होता है। परिस्थितियों को देखकर यह मुनाफा 30 से 50 प्रतिशत का हो सकता है।
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