एमएसएमई बिजनेस लोन यानी माइक्रो, स्माल एण्ड मीडियम एंटरप्राइज लोन ऐसा बिजनेस लोन होता है जिसका इस्तेमाल सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी अपने बिजनेस को संभालने के लिए कर सकते हैं। बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा सूक्ष्म से मध्यम स्तर के उद्यमियों को उनकी समय-समय की जरूरत के अनुसार दिया जाने वाला बिजनेस लोन है। उद्यमी अपनी सुविधा के अनुसार बैंकों व वित्तीय संस्थानों से व्यवसायिक ऋण लेकर कभी अपने लड़खड़Þते बिजनेस को संभालते हैं तो कभी अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए आवश्यक तकनीकी एवं अन्य जरूरतों को पूरा करते हैं। इस प्रकार का लोन उद्यमियों के लिए काफी लाभदायक है।
जरूरत के समय एमएसएमई बिजनेस लोन बहुत काम आता है
अक्सर बिजनेस में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कभी कभी ऐसी परिस्थितियां भी आती रहतीं हैं कि बिजनेस मैन को वित्तीय मदद की आवश्यकता होती है। इन जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों से मदद की जरूरत होती है। इसके लिए एक ऐसा सिस्टम विकसित किया गया है जिसे एमएसएमई बिजनेस लोन कहा जाता है। इसके तहत जहां बिजनेस मैन को अपनी जरूरत पूरा करने के लिए आसानी से पैसा मिल जाता है और अपने बिजनेस को आसानी से पटरी पर दौड़ा सकते हैं। वहीं बिजनेस मैन को ऋण देने वाले वित्तीय संस्थानों को भी बिजनेस मिल जाता है। कुल मिलाकर इए एमएसएमई बिजनेस लोन का उद्देश्य बिजनेस को आगे बढ़ा कर कमाई बढ़ाना है और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देना है।
कौन-कौन सी जरूरतें होतीं हैं पूरी?
एमएसएमई बिजनेस लोन से उद्यमी अपने बिजनेस की व्यवसायिक जरूरतें पूरी कर सकता र्है। इस लोन से उद्यमी अपनी कार्यशील पूंजी यानी वर्किंग कैपिटल, पूंजीगत व्यय यानी कैपिटल एक्सपेंडिचर और अन्य जरूरतों को पूरा कर सकता है।
एमएसएमई लोन की व्यवस्था की जरूरत क्यों पड़ी?
देश में बढ़ती बेरोजगारी को समाप्त करने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए सरकर ने एमएसएमई सिस्टम बनाया है। इस सिस्टम से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना भी मूल उद्देश्यों में शामिल था। इस व्यवस्था को बनाने के लिए तत्कालीन सरकारद्वार 12 मई, 2005 को संसद में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास बिल-2005 को पेश किया गया था। संसद से पास होने के बाद तत्कालीन राष्टÑपति ने हस्ताक्षर करके इस प्रस्ताव को एमएसएमई-2006 अधिनियम बना दिया था। लेकिन इसका सबसे अधिक प्रचलन 2014 के बाद से किया गया और इसका सबसे अधिक लाभ कोरोना काल के बाद उद्यमियों ने उस समय उठाया जब पूरी दुनिया महामंदी का शिकार हो गयी थी और उसके बाद अपने-अपने बिजनेस खड़े करने के लिए लोगों को पैसे की आवश्यकता हुई।
एमएसएमई के तहत दो तरह के उद्यम क्षेत्र आते हैं। इनमें से पहला है
1. सर्विस सेक्टर: इसके तहत वो उद्यमी क्षेत्र होते हैं जो सेवाएं देकर अपना बिजनेस चलाते हैं।
2. दूसरा है मैन्यूफैक्चरिंग करने वाले उद्यमी क्षेत्र: इस तरह के क्षेत्र में बिजनेस में किसी चीज का मॅन्यूफैक्चरिंग करने वाले यानी प्रोडक्शन करने वाले सेक्टर शामिल होते हैं।
एमएसएमई में कौन-कौन से उद्यम शामिल होते हैं?
एमएसएमई में तीन कैटेगिरी के उद्यम शामिल किये गये हैं। इन्हें माइक्रो यानी सूक्ष्म, स्माल यानी लघु और मीडियम यानी मध्यम एंटरप्राइजेज शामिल किये गये हैं। इन तीनों को इस प्रकार पहचाना जा सकता है।
1. माइक्रो यानी सूक्ष्म उद्यम: एक करोड़ तक के इन्वेस्ट मेंट करके 5 करोड़ तक के टर्नओवर हासिल करने वाले उद्यम के सूक्ष्म उद्यम की श्रेणी में रखा गया है। ये उद्यम सर्विस और प्रोडक्शन दोनों ही सेक्टर के हो सकते हैं।
2. स्माल यानी लघु उद्योग: इस प्रकार के उद्यम वो होते हैं जो 10 करोड़ रुपये इन्वेस्ट करके शुरू किये जाते हैं और उनका सालाना टर्न ओवर कम से कम 50 करोड़ रुपये होना चाहिये।
3. मीडियम यानी मध्यम उद्यम: इस प्रकार के उद्योग पहले दोनों उद्यमों से बड़े होते हैं अर्थात इस तरह के उद्यम कम से कम 30 करोड़ रुपये से शुरू किये जाते हैं और उनका टर्नओवर कम से कम 100 करोड़ रुपये होना चहिये।
कौन-कौन ले सकता है एमएसएमई बिजनेस लोन?
एमएसएमई बिजनेस लोन लेने के लिए सरकार द्वारा कुछ शर्तें रखीं गयीं हैं। इसलिये इस तरह का ऋण लेने वाले आवेदन को अपनी पात्रता को चेक कर लेना चाहिये कि वह किसी कैटेगिरी में आता है, उसे इस लोन मिल भी जायेगा या नहीं। अथवा कौन सी कमी को पूरा किया जाये कि उसे लोनआसानी से मिल सके। क्योंकि लोन देने वाले बैंकिंग और नॉन बैंकिंग संस्थान ऐसे है जिनके लोन देने का पैमाना यानी मापदंड अलग-अलग होते हैं। इसलिये आवेदक को अपनी पसंद का ऋणदाता संस्थान चुनना होता है और उस संस्थान से पूछताछ का लोन के लिए आवश्यक शतें जाननी होतीं हैं। इनमें से कुछ पात्रताएं एक सी रहतीं हैं जबकि कुछअलग भी होती हैं। आइये जानते हैं कॉमन पात्रताएं जो सभी उद्यमियों को हर हाल में पूरी करनी ही होतीं हैं।
1. सबसे पहली पात्रता यही है कि आवेदक की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिये और 75 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये।
2. दूसरी पात्रता यह है कि आपका बिजनेस कम से कम 3 साल पुराना होना चाहिये।
3. आपका बिजनेस सीए यानी चार्टर्ड एकाउंटेंट से प्रमाणित होना चाहिये। आपके बिजनेस की ऑडिटेड बैंलेंस शीट होनी चाहिये। दोनों से एक भी होगा तो भी चलेगा।
4. लोन लेने वाले व्यक्ति को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि जिस बिजनेस के लिए लोन लेने जा रहे हैं उसका रजिस्ट्रेशन सोल प्रोप्राइटरशिप, पार्टनरशिप, एलएलपी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में होना चाहिये।
5. आप जिस बिजनेस के लिए लोन लेने जा रहे हैं उसका आईटीआर अपडेट होना चाहिये। उसकी फाइल 1.5 लाख रुपये से अधिक होनी चाहिये।
6. आपके बिजनेस की जगह या घर की जगह का मालिकाना हक आपके नाम पर होना चाहिये।
7. घर और बिजनेस की जगह अलग-अलग होनी चाहिये। दोनों के मालिकाना हक एक ही व्यक्ति के नाम होंगे तो भी चलेगा। लेकिन दोनों में एक का मालिकाना हक अवश्य आवेदक के नाम होना चाहिये।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदक को एमएसएमई बिजनेस लोन लेने के लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत होती है। ये वही कागजात होते हैं जो किसी प्रकार के लोन लेने के वक्त इस्तेमाल किये जाते हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-
- आधार कार्ड
- सरकार द्वारा जारी पहचान प्रमाण पत्र, वोटर आईडी, पापसपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि।
- आपके निवास का सरकारी पहचान प्रमाण पत्र। भूमि की रजिस्ट्री, बैनामा आदि।
- आयु से जुड़ा प्रमाण पत्र हाईस्कूल की सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, वोटर आईडी,पैन कार्ड आदि।
- पैन कार्ड
- आपके बिजनेस से जुड़े बैंक खाते का एक साल का बैंक स्टेटमेंट
- आपके बिजनेस का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
- यदि आपका बिजनेस पहले से चल रहा है तो दो साल की बैलेंस शीट की कॉपी
- जीएसटी का सर्टिफिकेट
- आपके बिजनेस से सम्बन्धित विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी एनओसी
- आपके मनपसंद बैंक व वित्तीय संस्थानों द्वारा मांगे जाने वाले अन्य कागजात, जिनकी जांच पड़ताल पहले कर लें। मांगे जाने पर समय पर उपलथ्ध करा देंगे तो आपका लोन जल्दी से पास हो जायेगा।
एमएसएमई लोन के लिए कौन-कौन सी योजनाएं हैं?
कोरोना महामारी की महामंदी के दरम्यान जहां बेरोजगारी बढ़ रही है और बिजनेस में मंदी आई है। सरकार का उद्देश्य नौकरी की जगह स्वरोजगार को बढ़ावा देना और लड़ाड़ाते बिजनेस को संकट से उबार कर नये सिरे से खड़ा किया जाये। इसके लिए सरकार ने एमएसएमई बिजनेस लोन को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार की ओर से जिन योजनाओं के तहत इस प्रकार का लोन दिया जाता है, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-
- महिला उद्यमी योजना
- पीएमईजीपी यानी प्राइम मिनिस्टर एम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम
- प्रधानमंत्री मुद्रा लोन
- माइक्रो क्रेडिट प्लान
- इक्विपमेंट फाइनेंस प्लान
- मुद्रा कार्ड
- सीजीटीएमएसई
- क्रेडिट गारंटी फण्ड
इन सभी योजनाओं के तहत एमएसएमई लोन लिया जा सकता है। यदि बिजनेस बढ़ाने के लिए कोई लोन प्राप्त करना चाहता है तो अनेक वित्तीय संस्थाएं 10 लाख रुपये का ऋण बिना किसी गिरवीं के जल्द से जल्द प्रदान करतीं हैं।
एमएसएमई लोन की कुछ खास बातें
एमएसएमई बिजनेस लोन की कुछ ऐसी खास बातें हैं, जिनसे उद्यमियों को विशेष प्रकार के लाभ हासिल हो सकते हैं। इन खास बातों में कुछ इस प्रकार हैं:-
1. ब्याज दर: एमएसएमई बिजनेस लोन की सबसे खास बात यही है कि इस प्रकार के लोन की ब्याज दर अलग-अलग होती है और बैंकिंग और नॉन बैंकिंग संस्थानों द्वारा व्यवसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप ब्याज दर लगायी जाती है।
2. ऋाण राशि: इस तरह के लोन में ब्याज की राशि की कोईन्यूनतम सीमा नहीं हैं वहीं इसकी अधिकतम राशि एक करोड़Þ रुपये तक है जो व्यवसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप बढ़ भी सकती है।
3. भुगतान का तरीका व अवधि: भुगतान का तरीका बहुत आसान होता है। साथ ही भुगतान करने की अवधि वैसे तो एक वर्ष से 5 वर्ष तक निश्चित है लेकिन यह अवधि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से घटायी या बढ़ायी भी जा सकती है।
4. सब्सिडी: इस तरह के लोन में सब्सिडी कुछ चुनिंदा संस्थानों द्वारा आफर की जाती है। इस बारे में आवेदक को जांच पड़ताल करनी होती है।
5. फीस: इस तरह के लोन में कई तरह की फीस अवश्य लगती है। जैसे प्रोसेसिंग फीस लोन राशि की 0 से 4 प्रतिशत तक लगती है। फोरक्लोजर फीस बकाया लोन राशि का 0 से 5 प्रतिशत तक लगती है। पार्ट पेमेंट फीस 0 से 4 प्रतिशत तक लगती है।
6. क्रेडिट सुविधाएं: वर्किंग कैपिटल लोन, बिल डिस्काउंटिंग, ओवर ड्राफ्ट, कैश क्रेडिट, लैटर आफ क्रेडिट, बिल परचेज, मर्चेट आफ कैश एडवांस आधि की सुविधाएं मिलतीं हैं।
7. एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन कराना पूरी तरह से मुफ्त है और एक बार रजिस्ट्रेशन कराने से आपका रजिस्ट्रेशन पांच वर्षों तक वैलिड होता है।
8. एमएसएमई बिजनेस लोन प्राप्त करने के लिए आवेदक का सिबिल स्कोर बहुत अच्छा होना चाहिये। आपका सिबिल स्कोर जितना अच्छा होगा लोन उतनी ही जल्दी मिल जायेगा। इसलिये आवेदक को अपना सिबिल स्कोर अच्छा ही रखना होगा। आपका सिबिल स्कोर 750 से कम नहीं होना चाहिये।
9. आपने पहले कोई लोन लिया हो तो उसका भुगतान रिकार्ड भी अच्छा होना चाहिये,अन्यथा आपके आवेदन के पास होने में दिक्कत आ सकती है।
10. इसके अलावा आपने यदि किसी तरह के पहले लिये गये लोन के भुगतान में कोई गड़बड़ी न की गयी हो अन्यथा आपका लोन नहीं मंजूर होगा।
एमएसएमई बिजनेस लोन के लिए कैसे आवेदन करें?
एमएसएमई बिजनेस लोन लेने के लिए आवेदन करने के लिए आवेदक को व्यवसाय की जरूरतो के हिसाब से विभिन्न ऋण विकल्पों की जांच करनी होगी। इसके बाद अपनी जरूरत के विकल्प को चुनना होगा।
स्टेप 1
सबसे पहले आपको एमएसएमई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और उसके बाद वहां पर होम पेज पर बिजनेस लोन पर क्लि करके बिजनेस लोन के लिए दी गयी प्रक्रिया का पालन करना होगा।
स्टेप 2
अपनी जरूरत के विकल्प को चुनने के बाद आपको आपको सभी आवश्यक जानकारी भरनी होगी। इसमें आपको लोन का एमाउंट भरना होगा। वर्तमान समय में रोजगार की स्थिति बतानी होगी। अपने बिजनेस का सालाना टर्नओवर बताना होगा। आप किस शहर में रहते हैं उसका नाम लिखना होगा। आपका बिजनेस कितने वर्ष से चल रहा है ,उसका विवरण देना होगा। आपको अपना मोबाइल नंबर भी देना होगा।
स्टेप 3
इसके बाद आपको शर्तों पर सहमत होने के लिए दिये गए बॉक्स को टिक करना होगा और आगे अनलॉक बेस्ट आफर्स पर क्लिक करना होगा।
स्टेप 4
इसके अलावा आपको कंपनी का प्रकार, बिजनेस का नेचर कि आपका बिजनेस किस तरह का है और किस चीज से जुड़ा हुआ है। कुल वार्षिक लाभ का विवरण। बैंक खाता नंबर। कोई और लोन लिया है तो उसकी ईएमआई। अपना पूरा नाम, लिंग, आवासीय पता पिन कोड सहित, पैन कार्ड नंम्बर, जन्म तिथि, ईमेलआईडी सहित अनेक जानकारियां देनी होगी।
स्टेप 5
सभी जानकारियां जमा करने के बाद बैंक का अधिकारी आपके द्वारा दिये गये मोबाइल फोन से सम्पर्क करके आपसे मुलाकात करके आगे की प्रक्रिया पूरी करायेगा।
स्टेप 6
इसके बाद आपका लोन जब पास हो जायेगा तो आपको सूचना दी जायेगी और निर्धारित कार्य दिवसों में लोन की मंजूर राशि आपके खाते में ट्रांसफर कर दी जायेगी।
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