मोबाइल क्रांति के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल मार्केट बन गया है। यहां की 135 करोड़ की आबादी और उसमे से भी 90 प्रतिशत लोग मोबाइल फोन के यूजर्स होने के कारण भारत विश्व का सबसे बड़ा ग्राहक देश बना हुआ है। इसको देखते हुए दुनिया भर की मोबाइल उत्पादक कंपनियों की नजर भारत पर ही टिकी हुई। प्रत्येक कंपनी अपने सारे तिकड़म लगा कर भारतीय मोबाइल मार्केट पर कब्जा करना चाहती है। इसका कारण यही है कि यहां से इन कंपनियों को वो मुनाफा मिलता है जो विश्व में कहीं भी नहीं मिल पाता है। इसी मुनाफे को लेकर मोबाइल उत्पादक कंपनियों में छीना झपटी होती रहती है।
स्मार्ट फोन बनाने वाली कंपनियों की खास रणनीति
भारतीय मोबाइल मार्केट पर कब्जा करने वाली कंपनियों में सबसे ज्यादा संख्या चीन की है। चीन की कंपनियों में आपसी होड़ इस बात की लगी है कि कौन सी कंपनी भारत की मार्केट पर कितना ज्यादा कब्जा कर लेती है। यही नही कई कंपनियों ने मिलाकर ऐसी रणनीति बनायी है कि भारत की मोबाइल मार्केट पर चीनी कंपनियों के अलावा दूसरी किसी देश की कंपनियां भारत के मार्केट में घुस ही न पायें। इसलिये चीनी कंपनियां यह कोशिश करतीं हैं कि भारतीयों की पसंद को देखते हुए विभिन्न आकर्षक सॉफ्टवेयर वाले मोबाइल सस्ते दामों में उतारे जायें ताकि भारतीय दूसरे किसी देश की कंपनी के मोबाइल फोन न खरीद पायें। इन कंपनियों की ऐसी रणनीति है कि बाजार में सभी तरह के मोबाइल फोन के खास-खास फीचर्स अपने अलग-अलग फोन में अलग-अलग रखे हुए हैं ताकि कोई भी खास फीचर्स को पसंद करने वाला व्यक्ति उनके फोन को ही खरीदे।
कम दाम पर स्मार्ट फोन देने में आगे हैं ये OPPO समेत ये कंपनियां
चीनी कंपनियों का तो ये आलम है कि वे एप्पल व सैमसंग कंपनियों के स्मार्ट फोन की टक्कर के फोन उनके फोन के दामों से आधे दामों में भारतीय मार्केट में उतार रहीं हैं। अब भारतीय इस बात को लेकर हैरान हैं कि वे चीनी कंपनियों के अलावा दूसरी कंपनियों को चुन ही नहीं पाते हैं जबकि भारत और चीन सरकारों के बीच सीमा पर हुई टेंशन के बाद सम्बन्ध अच्छे नहीं हैं। इसके बावजूद चीनी कंपनियां भारतीय मार्केट में छायी हुर्इं हैं। भारत की मार्केट पर कब्जा करने वाली कंपनियों में रियलमी, वीवो, वनप्लस, एमआई,रेडमी जैसी अनेक कंपनियों की धाक जमी हुई है।
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क्यों है OPPO कंपनीकी भारतीय मार्केट पर पकड़
ओप्पों कंपनी के बारे में बात की जाये तो यह भी चीन की कंपनी है। इसके मोबाइल फोन भारतीय मार्केट पर बहुत अच्छी पकड़ बनाये हुए हैं। इसका कारण यह है कि भारत में बच्चे से बूढ़े तक सभी के लिए मोबाइल फोन एक खास जरूरी वस्तु बन गया है। जिस तरह से रोटी, कपड़ा और मकान आवश्यक आवश्यकताओं में हैं, उसी तरह मोबाइल फोन भी आवश्यक आवश्यकताओं में शामिल हो गया है। मोबाइल फोन के बिना किसी की जिंदगी नहीं चलती। भारत के युवा तो मोबाइल फोन के ऐसे दीवाने हैं तक 24 घंटों में से 18 घंटे तक मोबाइल फोन और इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल करते हैं। इसकी कारण ओप्पी जैसी कंपनियों के प्रोडक्ट तेजी से बिकते हैं।
जानिये OPPO कंपनी की पूरी डिटेल
आइये जानते हैं कि ओप्पो कंपनी शुरुआत कब, कैसे और कहा हुई थी। किस व्यक्ति ने इस कंपनी की स्थापना की थी और वर्तमान समय में कौन व्यक्ति इस कंपनी को संभाल रहा है।
किस देश की कंपनी है OPPO
ओप्पो कंपनी भी अन्य कंपनियों रियलमी, वनप्लस,वीवो व आईक्यूओओ की तरह चीन की ही कंपनी है। इस कंपनी का भी जन्म चीन की मशहूर मोबाइल उत्पादक कंपनी बीबीके इलेक्ट्रानिक्स कंपनी से हुआ है। ओप्पो की कंपनी का मुख्यालय चीन के गुआंगडोंग राज्य के डोंगुआन शहर में है। ओप्पो कंपनी मोबाइल फोन के अलावा आॅडियो डिवाइस, पॉवर बैंक, स्मार्ट वाच और इयर फोन आदि मोबाइल फोन की ऐसेसरीज बनाती है। दुनिया के दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल उत्पादक कंपनी बीबीके इलेक्ट्रानिक्स भारतीय मार्केट पर पूरी तरह से कब्जा करने के लिए आये दिन नई नई सहायक कंपनियों की संख्या बढ़ा रही है। ओप्पो कंपनी की स्थापना भी उसकी इस रणनीति का एक हिस्सा है।
कब हुई थी OPPO कंपनी की स्थापना, कौन है मालिक
ओप्पो कंपनी की स्थापना के बारे में बताया जाता है कि इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन तो सन् 2001 में ही हो गया था लेकिन इस कंपनी की योजना तीन साल तक बनती रही और 2004 में इस कंपनी की विधिवत तरीके से शुरुआत की गयी। इस कंपनी ने मोबाइल फोन चार साल बाद बनाना शुरू किया था। इस कंपनी की स्थापना टोनी चेन ने की थी। तब से वो ही लगातार इस कंपनी की कमान संभाले हुए हैं।
सबसे पहले कौन सा प्रोडक्ट बनाती थी OPPO कंपनी
ओप्पो कंपनी ने अपनी शुरुआत मोबाइल फोन के उत्पादन से नहीं की थी बल्कि यह कंपनी शुरू में डेटा स्टोर करने वाली डिस्क बनाती थी, जिसक ब्ल्यू रे डिस्क कहते थे। 2008 तक ओप्पो कंपनी यही ब्ल्यू रे डिस्क बनाती रही।
पहला स्मार्ट फोन OPPO ने कब बनाया
ओप्पो कंपनी ने अपना पहला मोबाइल फोन 2008 में बनाया था। उस समय कंपनी ने आज की तरह स्मार्ट फोन नहीं बल्कि एक की पैड बनाया था। उस समय इस फोनको ओप्पो ए 103 के नाम से जाना जाता था। उसके बाद ओप्पो कंपनी ने 2012 में एंड्रायड फोन बनाने का काम शुरू किया तब से पीछे मुड़ कर नहीं देखा और तब से लगातार एक से एक धाकड़ फीचर्स वाले स्मार्ट फोन कंपनी द्वारा पेश किये जा रहे हैं। आज का युवा ओप्पो के स्मार्ट फोन को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। इन स्मार्ट फोन की खास बात यह है कि यह हर तरह के बजट के अनुरूप होते हैं। इसलिये ये स्मार्ट फोन हर व्यक्ति की पहुंच तक होते हैं। इस वजह से अधिक फोन बिक जाते हैं, जिसका लाभ कंपनी को मिलता है।
कितना धाकड़ था OPPO का पहला मोबाइल फोन
ओप्पो कंपनी का जिस तरह से दुनिया की मोबाइल उत्पादक कंपनियों में नाम है, उसी तरह का उसका पहला मोबाइल फोन भी धाकड़ था। इस कंपनी का पहला फोन टच स्क्रीन वाला नहीं बल्कि कीपैड वाला था लेकिन कंपनी ने 2008 में क्वेर्टी वाला कीपैड अपने फोन में दिया था। सुनहरे रंग के इस फोन में पीछे की ओर मुस्कराता हुआ चेहरे का आईकोन नजर आता था। इसके अलावा इसकी बैटरी को हटाया भी जा सकता था। इस फोन में एक कैमरा सामने और दूसरा कैमरा पीछे दिया गया था। एक नजर से देखा जाये तो उस समय के हिसाब से यह फोन काफी आकर्षक था। आज भी लोग इस फोन को याद करते हैं क्योंकि इसका सॉफ्टवेयर भी काफी दमदार था। ओप्पो कंपनी ने अभी तीन साल पहले अपने कारोबार के दस साल के सफर का जश्न मनाया था जिसमें अपने सारे स्मार्ट फोन को प्रदर्शित किया था। उसमें यह पहला फोन भी शामिल था।
OPPO ने सबसे पतला फोन किया था लांच
2012 में ओप्पो कंपनी ने दुनिया का सबसे पतला फोन ओप्पो फाइंडर के नाम से लांच किया था। उस समय के लोगो ओप्पो के फोन के दीवाने इसलिये हो गये थे। क्योंकि उस समय कंपनी ने 6.6 एमएम की मोटाई वाला फोन ओप्पो फाइंडर मार्केट में उतारा था जबकि मार्केट में इसके सात साल बाद तक इससे काफी मोटे फोन चलते रहे। कंपनी को इसका काफी लाभ मिला। उस समय हल्के व पतले फोन का चलन लोगों के बीच काफी तेजी से चलना शुरू हो गया था। शुरू-शुरू में इस फोन के आने के बाद से अनेक कंपनियों के मोबाइल फोन की बिक्री पर भी काफी असर पड़ा था। ये सिलसिला काफी समय तक चलता रहा था।
12 साल में चीन की सबसे बड़ी कंपनी बन गयी थी OPPO
वर्तमान समय में ओप्पो कंपनी 40 से अधिक देशों में अपने मोबाइल फोन का कारोबार करती है। 2016 के आंकड़ों के आधार पर बात की जाये तो ओप्पो कंपनी ने पुरानी कंपनियों को पीछे छोड़ कर चीन मे सबसे बड़ी स्मार्ट फोन बनाने वाली कंपनी बन गयी थी। उस समय ओप्पो कंपनी के चीन में 2 लाख से भी अधिक आउटलेट थे,जिनके माध्यम से कंपनी के स्मार्ट फोन बेचे जाते थे। इसके बाद से ओप्पो कंपनी की प्रगति लगातार बढ़ती ही जा रही है।
अब तो वर्ल्ड की टॉप फाइव कंपनियों में से एक है OPPO
2019 में ओप्पो कंपनी की गिनती विश्व की टॉप 5 मोबाइल निर्माता कंपनियों में होने लगी थी। बताया जाता है कि ओप्पो कंपनी 2019 में स्मार्ट फोन मार्केट इंडस्ट्री में पांचवें नंबर पर पहुंच गयी थी। इसी बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि ओप्पो का प्रोडक्ट कैसा हो सकता है। अब तीन साल और बीच जाने के बाद 2022 में कंपनी की प्रगति लगातार जारी है। इसका कारोबार तेजी से बढ़ रहा है।
कौन है OPPO कंपनी का ग्लोबल सीईओ
ओप्पो की कंपनी के मालिक की बात की जाये तो कंपनी ने दो तरह की व्यवस्थाएं बना रखीं हैं। एक तो यह कि कंपनी का एक पूरा मालिक है और दूसरा प्रत्येक देश का एक-एक सीईओ नियुक्त किया गया है। पूरी कंपनी का मालिक एक ही व्यक्ति है, जिसको ग्लोबल सीईओ कहते हैं, वो टोनी चेन हैं, जो 2004 से लगातार आज भी इसी पद पर हैं। विश्व स्तर पर होने वाली ओप्पो कंपनी की सारी गतिविधियां उन्हीं की निगरानी में होतीं हैं।
भारत में कौन है OPPO का सीईओ
जबकि भारत में ओप्पो के सीईओर चार्ल्स वांग हैं। भारत में सारा कारोबार इनकी देखरेख में किया जाता है। ओप्पो कंपनी ने भारत के ग्रेटर नोएडा में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया है, जो लगभग 110 एकड़ में फैला हुआ है। कंपनी की ओर से दावा किया जाता है कि ग्रेटर नोएडा के इस प्लांट से प्रति माह लगभग 40 लाख फोन बनाये जाते हैं। इस प्लांट में 10 हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं।
OPPO कंपनी का फोन मेड इन इंडिया क्यों है?
यह बात अलग है कि ओप्पो के स्मार्ट फोन पर मेड इन इंडिया की मुहर लगी होती है लेकिन भारत में आज भी कोई स्मार्ट फोन पूरी तरह से नहीं बनाया जाता है। ओप्पो के ग्रेटर नोएडा के प्लांट में स्मार्ट फोन के पार्ट चीन से मंगाये जाते हैं और यहां पर उनको असेम्बल किया जाता है। यहां पर काम करने वाले अधिकांश व्यक्ति चीन के लोग हैं और उनके साथ सहायक के रूप में भारतीय लोगों को भी रखा गया है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न. ओप्पो कंपनी के सीईओ ने किसी अन्य बड़ी मोबाइल कंपनी में काम तो नहीं किया है?
उत्तर. नहीं, उन्होंने अपनी कंपनी की शुरुआत डेटा स्टोर करने वाली डिस्क से की थी। उसके बाद उन्होंने मोबाइल कंपनी के प्रशिक्षित लोगों की मदद लेकर मोबाइल बनाने का काम शुरू किया है।
प्रश्न. ओप्पो कंपनी के स्मार्ट फोन की खास-खास बात क्या है?
उत्तर. ओप्पो कंपनी के स्मार्ट फोन काफी आकर्षक और दमदार फीचर्स वाले होते हैं। इनकी सबसे खास बात यह होती है कि दमदार फीचर्स के बावजूद दूसरी कंपनियों के स्मार्ट फोन की अपेक्षा काफी सस्ते होते हैं।
प्रश्न. भारत में ओप्पो के स्मार्ट फोन सबसे ज्यादा बिकने का प्रमुख कारण क्या है?
उत्तर. ओप्पो कंपनी हर बजट का फोन बनाती है। इससे उनके फोन को भारत में गरीब से अमीर तक सभी व्यक्ति अपनी पॉकेट की क्षमता के अनुसार खरीद सकते हैं। यही नहीं ओप्पो के फोन मेट्रो सिटीÑ महानगर, नगर, कस्बे और गांव की मोबाइल फोन की दुकानों पर उपलब्ध होते हैं, इसलिये इनकी बिक्री सबसे ज्यादा होती है।
प्रश्न. ओप्पो कंपनी के मोबाइल फोन का कारोबार कितने देशों मे फैला है?
उत्तर. इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी कंपनी के द्वारा ही जा सकती हैं, मार्केटिंग के आंकड़ों के अनुसार ओप्पो कंपनी दुनिया भर के 40 देशों में अपने मोबाइल बेचने का कारोबार करती है।
प्रश्न. ओप्पो कंपनी का भारत में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट है, यदि है तो कहां पर स्थित है और कितना बड़ा है?
उत्तर. ओप्पो कंपनीका भारत में मोबाइल बनाने का काफी बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट देश की राजधानी नई दिल्ली के करीब ग्रेटर नोएडा में स्थित है। यह प्लांट लगभग 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। इस प्लांट में 10 हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हें और इसमें लगभग 40 लाख मोबाइल फोन प्रतिमाह बनाये जाते हैं।