आज के समय में भारत में बेरोजगारी का आलम है। हर कोई नौकरी की तलाश में है और नौकरी की संख्या सीमित होने के कारण अधिकांश लोग नौकरी पाने से वंचित रहते हैं और बेरोजगारी के शिकार हो जाते हैं। सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि देश के हुनरमंद युवाओं को नौकरी खोजने में समय व पैसा बरबाद करने की जगह खुद का अपना रोजगार शुरू करना चाहिये। इस तरह से युवा स्वयं अपनी बेरोजगारी तो दूर ही कर सकते हैं और साथ ही अपने साथियों व कई अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं। हुनरमंद युवाओं को आगे बढ़ाने और उनकी मदद कदने के लिस सरकार हर तरह से तैयार है। स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (सिडबी) ऐसी ही संस्था है जो हुनरमंद युवाओं को उनकी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
कोरोना काल में लॉकडाउन और अनलॉक होने के बाद भी काम धंधें की स्थिति अभी अच्छी नहीं चल रही है। बिजनेस अच्छी तरह से ना चल पाने के कारण लोगों को नौकरियां भी नहीं मिल पा रही हैं। ऐसी स्थिति में नौकरी की तलाश करने वाले युवाओं के समक्ष एकमात्र सहारा स्वरोजगार का ही बचता है। उनकी इस योजना के लिए सिडबी मददगार साबित हो सकती है। हुनरमंद युवा अपने हुनर के बल पर अपनी आमदनी बढ़ाने का प्रयास कर सकते हें और सिडबी ऐसे हुनरमंद युवाओं को वित्तीय सहायता देने के लिए हमेशा ही तैयार है।
सिडबी का इतिहास
स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिरूा (सिडबी) की स्थापना 1990 में हुई थी। यह बैंक एमएसएमई एस को उनकी नयी तकनीकों और उत्पादों के विकास, एवं व्यापार शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। सिडबी का मुख्यालय लखनऊ में है। मुख्यालय लखनऊ के अशोक मार्ग में सिडबी टॉवर में है। इसके अलावा मुंबई में सिडबी का कार्यालय सिडबी स्वावलंबन भवन, सी-11 जी ब्लॉक, बांद्रा कुर्ला काम्पलेक्स बांद्रा ईस्ट में है। दिल्ली में भी सिडबी का कार्यालय आत्मराम हाउस , 1 टॉलस्टॉय मार्ग नई दिल्ली में है।
कौन-कौन से कार्य करता है सिडबी बैंक
सिडबी ऐसा बैंक है जो नये उद्यमियों और व्यवसायियों को कारोबार शुरू करने में मदद करता है। इसके अलावा वे व्यवसायी भी सिडबी बैंक से वित्तीय मदद ले सकते हैं जिनका व्यवसाय लड़खड़ा रहा है जो अपने कारोबार का विस्तार करना चाहते हैं। आईये जानते हैं कि सिडबी के प्रमुख कार्य कौन-कौन से हैं:-
- सिडबी बैँक का प्रमुख उद्देश्य ऋण उपलब्ध कराना और कौशल विकास को बढ़ावा देकर युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करना है।
- यह बैंक एनबीएफसी, एसएफसी अैर अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराता है।
- सिडबी सप्लीमेंटल सिक्येरिटी इनकम और अन्य सेवा क्षेत्रों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता है।
सिडबी से मिलते हैं किस किस तरह के लोन
सिडबी नये उद्यमियों व पुराने उद्यमियों को विभिन्न तरह के ऋण उपलब्ध कराता है। इनमें प्रमुख हैं
- डायरेक्ट लोन (प्रत्यक्ष ऋण)
- इनडायरेक्ट लोन (अप्रत्यक्ष ऋण)
- माइक्रो लैंडिंग
- वेंचर कैपिटल योजना
1. डायरेक्ट लोन (प्रत्यक्ष ऋण)
सिडबी इस कैटेगिरी में छह प्रकार के ऋण की सुविधा प्रदान करता है। जो इस प्रकार हैं:-
- स्माइल लोन: सिडबी बैंक मेक इन इंडिया सॉफ्ट लोन फंड फॉर एमएसएमई (स्माइल) ऋण कंस्ट्रक्शन या सर्विस सेक्टर वाले उद्यमियों को देता है। इस कैटेगिरी में मशीन खरीदने के लिए 10 लाख, अन्य कार्यो के लिए 25 लाख रुपये के ऋण देता है। इस तरह के ऋण की अवधि 10साल अधिकतम होती है। तीन साल बाद आपको ऋण चुकाने की प्रक्रिया शुरू करना अनिवार्य होता है।
- सेफ लोन: इस कैटेगिरी में सिडबी उन छोटे व मध्यम उद्यमियों को ऋण देता है जो अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए आवश्यक मशीन खरीदना चाहते हैं। इस योजना का नाम स्माइल इक्विपमेंट फाइनेंस है। इस योजना में नये उपकरण व मशीनरी खरीदने के लिए उद्यमी ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना में ऋण राशि 10 लाख रुपये से शुरू होती है और इसकी भुगतान अवधि 6 वर्ष की होती है।
- वर्किंग कैपिटल या कैश क्रेडिट: सिडबी की यह योजना छोटे व मध्यम व्यवसायियों के लिए है। इस तरह का ऋण उद्यमी की जरूरत के हिसाब से दिया जाता है। उसी तरह की नियम व शर्तें भी लागू होतीं हैं।
- स्पीड लोन: इस कैटेगिरी में जैसा नाम है वैसा ही ऋण दिया जाता है। किसी उद्यमी को अपने व्यवसाय को गति यानी स्पीड देने के लिए उपकरणों को खरीदने की जरूरत है। सिडबी बैंक उसके लिए ऋण उपलब्ध कराता है। इस योजना के तहत नया उद्यमी अधिकतम एक करोड़ रुपये का कर्ज ले सकता है। सिडबी के पुराने ग्राहक इस कैटैगिरी में दो करोड़ रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं। सिडबी ने इस योजना में ऋण प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तें भी लगा रखीं हैं। सबसे पहली शर्त तो यही है कि उद्यमी को व्यवसाय का कम से कम तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिये। इस प्रकार का ऋण 2 से पांच वर्ष तक के लिए दिया जाता है और इस पर ब्याज 9.25 प्रतिशत से लेकर 10 प्रतिशत तक होता है।
- स्टेफ्स लोन: इस योजना के तहत सिडबी छोटे, मध्यम व फुटकर उद्यमियों के अलावा थोक विक्रेताओं को भी सिडबी ऋण देता है। इस तरह के लोन दिये जाने में भी तीन वर्ष के कार्य के अनुभव की शर्त लगायी गयी है। इस कैटेगिरी में उद्यमी दस लाख रुपये लेकर एक करोड़ रुपये तक का लोन प्राप्त कर सकता है। इस तरह के ऋण के भुगतान की नियम व शर्ते सिडबी बैंक और ग्राहक के बीच आपसी समन्वय से तय की जातीं हैं। इसमें व्यापारियों के हित को ध्यान में रखा जाता है।
- ओईएम लोन: ओईएम लोन को ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर लोन कहते हैं। इस योजना से उन एमएसएमई यानी मध्यम व्यवसायिों को लाभ दिया जाता है। जैसा नाम है वैसे से ही यह योजना काम करती है यानी यह ऋण मशीन या उपकरण को खरीदने के लिए दिया जाता है। ऋण प्राप्त करने वाले को अपने व्यवसाय का कम से कम 3 वर्ष का अनुभव होना जरूरी है। इस योजना में उद्यमी एक करोड़ रुपये तक का लोन ले सकता है और उसको भुगतान करने के लिए आवेदक को पांच वर्ष यानी 60 महीने का समय दिया जाता है।
2. इनडायरेक्ट लोन स्कीम
सिडबी बैंक इस कैटेगिरी में सिडबी बैंक बैंकों को, नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी यानी एनबीएफसी, स्माल फाइनेंस बैंक यानी एसएफबी और माइक्रो सेमीइनप्रोटीन-बेटा यानी एमएसएमबी जैसी संस्थाओं को वित्तीय सहायता देता है। सिडबी इन सभी बैंकिंग संस्थाओं को अप्रत्यक्ष रूप से वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
एनबीएफसी श्रेणी में सिडबी उन्हीं नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज को वित्तीय सहायता देती है जिनका रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास रजिस्ट्रेशन किया हुआ है। दूसरी शर्त यह भी लगायी गई है कि इस तरह की संस्थाएं छोटे व मध्यम उद्यमियों को ऋण देतीं हों। कोई दूसरे काम के लिए सिडबी इस तरह की संस्थाओं को ऋण नहीं देती है।
स्माल फाइनेंस बैंक यानी एसएफबी की सहायता: इस श्रेणी में सिडबी स्माल फाइनेंस बैंक को उनकी इक्विटी और संसाधनों को मजबूत करने के लिए वित्तीय सहायता देती है। सिडबी बैँक द्वारा यह योजना पुन:वित्तीयकरण यानी री-फाइनेंस के लिए भी शुरू की गयी है।
री-फाइनेंसिंग स्कीम में सिडबी बैंक उन वित्तीय संस्थाओं को सहायता प्रदान करती है जो इस योजना के माध्यम से अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास करते हैं। सिडबी उन बैंकों की स्थिति और उनके पिछले रिकार्ड को देखने के बाद ही उनकी मदद करती है।
3. माइक्रो लेंडिंग
सिडबी की माइक्रो लेंडिग योजना के तहत तीन प्रमुख योजनाएं हैं, जो इस प्रकार हैं:-
- माइक्रो लेंडिंग डेवलपमेंट: माइक्रो लेंडिंग डेवलपमेंट का उद्देश्य एक ऐसी संस्था बनाना है, जो छोटी ऋण सुविधा देती हो और महिलाओं को भी प्रमोट करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। सिडबी इस तरह की संस्थाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- रिस्पॉन्सबिल फाइनेंश इनिशिएटिव्स: सिडबी बैंक वित्तीय क्षेत्र में सहयोग और सही ऋण देने को प्रोत्साहित करने के लिए ये योजना लाई है। इस योजना का उद्देश्य बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं को पूर्ण समर्थन देना होता है।
- बियॉन्ड माइक्रो फाइनेंस: सिडबी बैंक की यह योजना उद्यमियों को प्रमोट करने के लिए है। इस कैटेगिरी में उन उद्यमियों को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराना है जो अपने व्यवसाय को छोटे यानी लघु से मध्यम स्तर तक ले जाना चाहते हैं और मघ्यम से बड़े व्यवसाय की ओर बढ़ना चाहते हैं।
4. वेंचर कैपिटल स्कीम
सिडबी बैंक की इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य स्टार्ट अप को वित्तीय सुविधा प्रदान करना है। स्टार्ट अप को वित्तीय सुविधा चार तरह से दी जाती है, जिनका विवरण इस प्रकार से है:
- सिडबी के साथ स्टार्ट-अप लाइफ साइकिल स्कीम के तहत सिडबी बैंक नए स्टार्ट अप को और उन बिजनेस को जिन्हें समय-समय पर अपने विस्तार के लिए फण्ड की आवश्यकता होती है, उनको नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी और स्माल फाइनेंश बैँक के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- इंडिया एस्पिरेशन फंड: सिडबी ने स्टार्ट अप और छोटे व मध्यम व्यवसाय यानी एमएसएमई क्षेत्र में इक्विटी और इक्विटी आधारित इन्वेस्टमेंट को प्रमोट करने के लिए इंडिया एस्पिरेशन फंड की स्थापना की है। इससे इन छोटी संस्थाओं को काफी लाभ मिलता है।
- स्टार्ट अप के लिए फण्ड ऑफ फण्डस योजना को भारत सरकार ने वैकल्पिक निवेश फण्ड यानी एआईएफ का समर्थन करने के लिए इस उद्देश्य से शुरू किया है कि स्टार्ट अप भी सफलता से अपना संचालन तो करेंगे और अन्य व्यवसायों में भी कुछ मदद करेंगे। इस योजना का मूल उद्देश्य नये स्टार्ट अप के माध्यम से बिजनेस सेक्टर को मजबूत बनाना और उनका विकास करना है।
- एस्पायर फण्ड्स सिडबी का यह फण्ड पूरी तरह से स्टार्ट अप को वित्तीय सहायता देने के लिए है। यह फण्ड केवल उन्हीं स्टार्ट अप के लिए है जो कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर में शुरुआती दौर से गुजर रहे हैं। इस दौर में उत्पन्न होने वाली वित्तीय समस्याओं का निराकरण सिडबी के माध्यम से किया जाता हैे।
सिडबी से ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया
सिडबी से ऋण प्राप्त करने की आवश्यक प्रक्रिया का पालन करना होता है। जिनका पूर्ण विवरण स्टेप बाई स्टेप दिया जा रहा है, जो इस प्रकार है:-
- पहला स्टेप: सबसे पहले आवेदक को वेबसाइट पर जाना होगा। वहां पर दी गयी सभी प्रकार के लोन की जानकारियों को ध्यान से पढ़ना होगा।
- दूसरा स्टेप: वेबसाइट की लॉगइन सेक्शन में जायें और वहां पर दिख रहे एप्लिकेंट को सेलेक्ट करें।
- तीसरा स्टेप: इसके बाद आपको न्यू यूजर का टेब दिखेगा जिसको सेलेक्ट करना है। सेलेक्ट करने के बाद उस पर क्लिक करना है।
- चौथा स्टेप: न्यू यूजर पर क्लिक करने के बाद आपको कई विकल्प सामने नजर आयेंगे।जिसमें आपसे ऋण की राशि और उससे संबंधित योजना के बारे में जानकारी मांगी जायेगी। इसके अलावा आपके समक्ष एसेस योर स्कीम सूटेबिलिटी यानी आपको अपनी क्षमता के अनुसार लोन को चुनने की सहायता दी जायेगी। यदि आप अपनी लोन स्कीम जानते हैं तो उसे चुने अथवा दूसरे विकल्प में क्लिक करके उसमें मांगी गयी जानकारी भरने के बाद आपको मालूम हो जायेगा कि किस कैटेगिरी में आपको आवेदन करना है।
- स्टेप पांच: यदि आप ने दो फील्ड भरी हैं तो आपको उसके लिए आवेदन पत्र में मांगी गयी व्यक्तिगत और व्यावसायिक जानकारियां भरनी होंगी।
- स्टेप 6: मांगी गयी जानकारियों को अच्छी तरह से पढ़ें और सारी जानकारियों के जवाब सोच समझ कर अच्छी तरह से भरे और उसके बाद सामने दिख रहे रजिस्टर पर क्लिक करें। इसके बाद एक एकाउंट खोलने संबेधी एक एक ईमेल आपके द्वारा दी गई ईमेल एड्रेस पर आ जायेगा। इस ईमेल मैसेज में आपका यूजर नेम और पासवर्ड होगा। इसके माध्यम से आप जो जानकारी चाहेंगे वो मिलेगी । इस तरह से आप ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया को शुरू कर सकते हैं।स्टेप 7: एक बार सारी जानकारी को भरने के बाद फिर ध्यान से पढ़ें कि कहीं कोई गलती तो नहीं हो रही है उसके बाद आप अपने इस पेज को वैलिड करके आगे फारवर्ड कर सकते हैं। उसके बाद आप अपनी प्रोफाइल के अनुसार ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
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