Hindi Business books [ये बुक्स बदल देंगी आपकी जिंदगी]

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Hindi Business books [ये बुक्स बदल देंगी आपकी जिंदगी]

आपमें से अनेक लोग ऐसे होंगे जो चाहते हैं कि वो अपना बिजनेस अंपायर खड़ा करें और देश-दुनिया में उनका नाम हो। वह प्रयास करते हैं। कुछ फेल कर जाते हैं, कुछ थोड़ा सफल होते हैं, कुछ पूरा सफल होते हैं। जो पूर्णतः सफल होते हैं, उनकी कई क्वालिटी उनके साथ होती है। जैसे, काम की समझ, डेडिकेशन, मार्केट की समझ, उत्पाद की समझ, समय की पहचान और ग्राहकों के साथ प्रतिबद्धता। इसके अलावे आप पाएंगे कि जो भी लोग बिजनेस के क्षेत्र में आगे हैं, उनके पीछे कोई न कोई पावर सदैव रही है जो उन्हें गाइड और मोटिवेड करती है।

1. अंबानी और गीता

भारत के सबसे अमीर व्यवसायी मुकेश अंबानी को श्रीमदभागवत गीता पढ़ना बेहद पसंद है तो उनके स्वर्गीय पिताजी धीरूभाई अंबानी को श्री रामचरित मानस के कई प्रसंग याद थे। अजीम प्रेम जी और सत्या नडाल जैसे बड़े टायकून्स भी देश-दुनिया के सफलतम लोगों की पुस्तकों को पढ़ते थे और उसे वर्तमान में अपने जीवन में उतारने का भरसक प्रयास करते थे। तो, आपके जीवन में अगर मोटिवेशन कहीं से आनी है तो पहला है समाज और दूसरा है पुस्तकें। इसलिए, हम लोग आज इस बात पर चर्चा करेंगे कि हिंदी में बिजनेस की ऐसी कौन सी पुस्तकें हैं जो खूब पढ़ी जाती हैं। ध्यान रहे, यहां हम उन पुस्तकों का भी जिक्र कर रहे हैं, जो मूलतः किसी अन्य भाषा में लिखी गई हों पर उनका हिंदी में किया गया अनुवाद भी आज के दौर में खूब चाव से पढ़ा जाता है। ध्यान रहे, हम बिजनेस की पुस्तकों के बारे में सिर्फ यह सोच कर बात कर रहे हैं ताकि आपको पुस्तकों को पढ़ने से कोई लीड मिले। हम यह कतई नहीं कह रहे कि इन पुस्तकों को पढ़ने से आपका व्यापार बढ़िया हो जाएगा। इसे समझना जरूरी है।

2. शिव खेड़ा की Jeet Aapki

अब हम चर्चा करते हैं उन कुछ पुस्तकों की, जिसके मूल लेखक भारतीय हैं। इस श्रेणी में सबसे पहला नाम आता है शिव खेड़ा का। शिव खेड़ा किसी परिचय के मोहताज नहीं और देश-विदेश में वह अपने लेक्चर के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अनेक पुस्तकें लिखी हैं। उनमें से एक पुस्तक है जीत आपकी। शिव खेड़ा ने इस पुस्तक में जिस बात को लेकर ज्यादा चर्चा की है, वह है कोई भी विजेता हो, वह कोई भी काम असाधारण नहीं करते बल्कि वो जो भी काम करते हैं, उसको करने का तरीका असाधारण होता है। खेड़ा की यह पुस्तक मूलतः अंग्रेजी में सबसे पहले छपी थी और छपने के साथ ही इसने सारे रिकार्ड ध्वस्त कर दिये। फिर हिंदी समेत कई भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ और आज भी इस पुस्तक की बहुत डिमांड है। बड़े-बड़े बिजनेस टायकून्स के चेंबर में भी शिव खेड़ा की यह किताब आपको सेफ में लगी हुई जरूर दिख जाएगी।

3. डा. सुधीर दीक्षित की Time Management

दूसरे भारतीय लेखक हैं डा. सुधीर दीक्षित। डा. दीक्षित की पुस्तक का नाम है टाइम मैनेजमेंट। इस पुस्तक में उन्होंने लिखा है कि ब्रह्मांड में वक्त या समय ही एक ऐसी चीज है जिसे आम इंसान रोक नहीं सकता। इसकी रफ्तार न तो बढ़ती है, न घटती है। यह अपनी ही लय में चलता जाता है। लिहाजा, अगर आप अपने जीवन में सफलता का स्वाद चखना चाहते हैं तो आपको वक्त के साथ चलना होगा, समय के प्रबंधन को समझ कर अमली जामा पहनाना होगा। अगर आपने टाइम मैनेजमेंट सही कर लिया तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको रोक नहीं सकती।

4. एलन मस्क की Elon Musk Summary

अब हम उन लेखकों के बारे में बात करेंगे जो गैर भारतीय हैं पर उनकी लिखी हुई पुस्तकें भारत भर में ही नहीं, पूरी दुनिया में बेहद चाव से पढ़ी जाती हैं। इन्हीं में से एक लेखक हैं एलन मस्क। एलन मस्क ने जो किताब लिखी, उसका नाम है एलन मस्क समरी। दरअसल, यह किताब आपको बताती है कि मस्क कैसे थे, उनका बचपन कैसे बीता और दुनिया की सबसे वैल्यूबल कंपनी टेस्ला को उन्होंने कैसे बनाया और कैसे आगे बढ़ाया।

5. राबर्ट कियोसकी की Rich Dad Poor Dad

एक और किताब पूरी दुनिया में बेहद चाव से पढ़ी जाती है। इस किताब का नाम है रिच डैड, पुअर डैड। अर्थात अमीर बाप और गरीब बाप। इस किताब के लेखक हैं राबर्ट कियोसकी। वह मूलतः अमेरिका के रहने वाले हैं।

दरअसल, सबसे पहले इस किताब का प्रकाशन फ्रेंच में किया गया और फिर दुनिया भर की भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया। एक लंबे अर्से से यह किताब भारत का प्रायः हर जागरूक बिजनेसमैन जरूर पढ़ता है। इस किताब में बताया गया है कि जो लोग अमीर होते हैं, वह निरंतर अमीर कैसे होते जाते हैं और जो लोग गरीब हैं, वो निरंतर गरीब कैसे होते चले जाते हैं। भारत के संपर्क में इस बात को समझना हो तो ऐसे समझें कि हमारी अर्थव्यवस्था कुछ ऐसी है कि यहां जो अमीर है वह उत्तरोत्तर अमीर होता चला जाता है और जो गराब है, वह उत्तरोतर गरीब ही होता चला जाता है।

यानि, इस किताब का भारत की अर्थव्यवस्था के साथ सीधा-सीधा रिश्ता है। यही वजह है कि हर कारपोरेट दिग्गज के शेल्फ में आपको यह किताब रखी हुई जरूर मिलेगी। कारपोरेट दिग्गज ही नहीं, राजनीतिक पार्टियों के लोग भी इस किताब को खूब चाव से पढ़ते हैं। भारत में अर्थशास्त्र के कई स्टूडेंट्स ने अपनी शोध में इस किताब का भी जिक्र किया है। चूंकि अमीरी और गरीबी की स्पष्ट खाई भारत में दिख जाती है, लिहाजा इस किताब का महत्व सदैव एक समान ही रहा।

6. पीटर थिएल की Zero To One

एक अन्य किताब है जीरो टू वन। यह किताब एक महान एन्टरपेन्योर पीटर थिएल ने लिखी है। मूलतः यह फुटनोट था, जो उन्होंने एंटरपेन्योरशिप के गुर समझने के लिए लिखा था। जब वह अरबपति हो गए, उनका काम चल निकला तो उन्होंने उन फुटनोट्स को एक किताब की शक्ल दे दी।

इस किताब में उन्होंने लिखा है कि अगर आप ट्रेडिशनल तौर पर काम करते रहेंगे तो आप जीरो ही रहेंगे। लेकिन, जैसे ही आप अपने थाट प्रोसेस में एक्सट्रा आढिर्नरी चीजों को शामिल करेंगे, उस पर मेहनत करेंगे, आप जीरो से वन की दिशा में बढ़ जाएंगे। इस किताब में उन्होंने बाकायदा इस चीज पर लिखा है कि कैसे फेसबुक, गूगल जैसी कंपनियां एक यूनिक आइडिया पर काम करके दिग्गज कंपनियों में शुमार हो गईं। दरअसल, इस किताब में ही सबसे पहली बार एक शब्द का जिक्र हुआ था-Out of Box मतलब, परिधि से बाहर जाकर सोचने की प्रक्रिया। कुछ नया, कुछ यूनिक। यह किताब सभी को पढ़ना चाहिए।

7. एरिक राइज की The lean startup summary

स्टार्टअप बिजनेस को समझने और समझाने के लिए एक शानदार पुस्तक हिंदी में ट्रांसलेट होकर आई है। इस पुस्तक का नाम है The lean startup summary इस पुस्तक के लेखक हैं एरिक राइज। एरिक की इस पुस्तक में आपको स्टार्टअप के बारे में प्रारंभ से लेकर आखिरी तक की सभी अहम जानकारियां मिलेंगी। जैसे, स्टार्टअप का कांसेप्ट क्या है, क्यों जरूरी है, रिस्क फैक्टर क्या हैं, सफलता के सूत्र क्या हैं, अपनी सोच में नयापन कैसे लाएं, अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कैसे करें आदि। इस पुस्तक के लेखक अभी मात्र 42 साल के हैं। यह पुस्तक कोई पांच साल पहले मार्केट में आई थी। हर साल इसकी हजारों प्रतियां छप रही हैं। यह बेस्च सेलर की लिस्ट में आज भी बरकरार है।

8. बेन होरोविज की The Hard thing about hard things

The Hard thing about hard things एक ऐसी पुस्तक है, जिसमें आपको पता चलेगा कि एक बिजनेसमैन अथवा एक सीईओ की जाब किन मुश्किलों से गुजरती है और आप इन परेशानियों से रोज कैसे गुजरते हैं। इस किताब में समस्या तो है ही, समाधान भी है। इतना ही नहीं, इस किताब के लेखक बेन होरोविज ने यह भी लिख है कि सफलता प्राप्त करने के लिए कैसे आपको नरम और गरम, दोनों किस्म के फैसले लेने पड़ते हैं। इस किताब में इस बात का भी जिक्र है कि एक कर्मचारी को रखने या हटाने के क्रम में आपको किन बातों का ध्यान रखना पड़ता है। यह भी कि आप कैसे बिना भावुक हुए अपना काम करते चलें और यह भी कि सफलता के दरवाजे को कभी थपथपा कर तो कभी जोरदार किक मार कर कैसे खोला जा सकता है। यह पुस्तक हर बिजनेसमैन के लिए उपयोगी है, चाहे वह किसी भी बिजनेस से क्यों न जुड़ा हो। बिजनेस का कल्चर क्या हो, गलत कल्चर को कैसे खत्म किया जाए, गुड कल्चर को कैसे कंपनी में फ्लो किया जाए, इन बातों का भी जिक्र है इसमें।

इन पुस्तकों के अलावे दुनिया भर में अनेक ऐसी पुस्तकें हैं जिन्हें पढ़ कर आपको अपना बिजनेस और बढ़िया करने में मदद मिलेगी। हां, जैसा कि पहले कहा गया था कि ये पुस्तकें आपको रौशनी दिखाएंगी, आपको गाइड करेंगी, बस। करना कैसे है, कब से करना है, करना है या नहीं करना है, ये सारे फैसले आपके होंगे।

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