कैसे शुरू कर सकते हैं आप इसका बिजनेस भारत में कहीं भी?
नागालैंड का नाम सुनते ही ऐसा लगता है कि हम कहीं भारत से बाहर की बात कर रहे हैं क्योंकि वहां की संस्कृति को देखने से ऐसा ही लगता है जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। नागालैंड भारत का ही सबसे छोटा राज्य है। यह म्यांमार, भूटान के करीब है। इसकी पूर्वी सीमा म्यांमार से लगती है तो बाकी की तीन सीमाएं भारतीय राज्यों असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश से लगी हुई हैं। इस राज्य की केवल 9 प्रतिशत भूमि समतल है। बाकी यहां का क्षेत्र मनोरम पहाड़ियों और जंगलों में सिमटा हुआ है। यहां के 20 लाख लोग 19 जनजातियों में बंटा हुए हैं लेकिन अंग्रेजी भाषा और इनकी सांस्कृतिक धरोहर एक दूसरे को आपस में जोड़े हुए है। यहां की रहने वाले जनजातीय काफी पहले से ही शिकारी रहे हैं। शिकारी होने के कारण ये अच्छे लड़ाकू हैं। इसका फायदा अंग्रेजों ने उठाया और इन्हें बाहर कई देशों में लड़ने के लिए भेजा। इसका फायदा इन जनजातियों को यह हुआ कि इन्हें अपना और अपने क्षेत्र का विकास करने की समझ आ गयी और आज के दीमापुर और कोहिमा ऐसे दो बड़े शहर हैं जो भारत के किसी भी महानगर को अच्छी-खासी टक्कर देने की क्षमता रखते हैं। चूंकि इस राज्य में जंगल और पहाड़ दो ही प्रमुख हैं तो यहां का खान-पान भी इन्हीं दोनों पर आधारित है।
चावल और मीट है यहां के मुख्य भोजन
यहां के जनजातीयों का मुख्य भोजन चावल और मांस होता है। चुकी ये लोग अधिक दिनों तक शिकारी रहे हैं। इसलिये इनको जंगली जानवरों का मांस बहुत अच्छा लगता है। लेकिन यहां के जनजाति टाइगर और लैपर्ड का शिकार नहीं करते हैं। यहां की प्रचलित कथाओं में टाइगर और लैपर्ड को भाई का दर्जा दिया जाता है। इसके अलावा यहां के लोग हर तरह के जानवरों, जीव जन्तुओं का मांस खाते हैं। यहां पर कुत्ते के मांस को बुशमीट कहते हैं। जैसे अन्य राज्यों के नॉनवेज खाने वालों में चिकन और बकरे का मीट के बिना काम नहीं चलता है वैसे ही यहां पर बुशमीट के बिना यहां के लोगों का पेट नहींं भरता है। यहां के लोगों का मुख्य भोजन तो पोर्क, चिकन से बनता है लेकिन यहां के लोग सांप, घोंगे, गिलहरी, चूहे, बिल्ली, कुत्ते, बैल जैसा दिखने वाला जानवर मिथुन, भैंसा, मकड़ी, चिड़िया, केकड़ा, बंदर, मधुमक्खी का लार्वा, झींगा को भी चाव से खाते हैं।
शिकार को गौरव मानते हैं यहां के लोग
सदियों से शिकार करने वाले नागालैंड के निवासी आज भी शिकार करना गौरव मानते हैं। नागालैंड में सालभर कोई न कोई त्योहार मनाया जाता रहता है। कोई भी त्योहार मीट के बिना पूरा नहीं होता। वैसे यहां के लोग सुअर, कुत्ते-बिल्लियों, चिकन और भैंस का मीट खाते हैं लेकिन यदि किसी जंगली जानवर का मीट मिल जाये तो उसे ही प्राथमिकता दी जाती है। पहले तो यहां पर उबला हुआ मांस खाया जाता है लेकिन यहां के लोगों के बाहर आने-जाने के बाद काफी बदलाव आये हैं। अब यहां के लोग मांस को अच्छी तरह से पकाते भी हैं और उनमें मसाले का इस्तेमाल भी करने लगे हैं। दीमापुर में बुधवार को एक ऐसा बाजार लगता है जहां पर कुत्ते, बिल्लियां, झींगा, घोंघा आदि जीव-जन्तु बहुतायत से बेचे जाते हैं। यहां पर खास किस्म का छोटा घोंघा और मेढक सबसे ज्यादा बिकता है। इन घोंघों को दाल के साथ पकाया जाता है। मेढक को यहां के लोग चिकन के समान ही बताते हैं और बहुत ही स्वाद से खाते हैं।
कौन-कौन से हैं फेमस स्ट्रीट फूड्स?
आइये अब जानते हैं कि नागालैंड में कौन-कौन से स्ट्रीट फूड प्रसिद्ध हैं। नागालैंड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए कहा जाता है कि इस राज्य में वैसे तो 11 जिले हैं लेकिन कोहिमा और दीमापुर ही बड़े शहर हैं, जो अन्य शहरों की तरह ही विकसित हैं। अब समय के बदलाव के साथ इन दोनों शहरों के विकास का असर इन 11 जिला मुख्यालयों में होने लगा है। इसलिये अब इन क्षेत्रों का भ्रमण करने वाले की पसंद का खाना यहां आसानी से मिल जाता है। यहां का मुख्य आकर्षण यहां की वर्षा ऋतु है। जब पूरा भारत प्रचंड गर्मी से झुलसता रहता है तब यहां पर जमकर वर्षा होती है। यहां की वर्षा ऋतु का समय मई से सितम्बर तक चलता है। इसलिये गमीै से परेशान होने वाले पर्यटकर वर्षा का आनंद लेने के लिए यहां आते हैं।
मसालेदार व्यंजन हैं यहां के मुख्य आकर्षण
नागालैंड का स्ट्रीट फूड अपने अनूठे टेस्ट के लिए जाना जाता है। इन व्यंजनों को मसालेदार बनाया जाता है। इन व्यंजनों में प्रयोग होने वाला मिर्च राज मिर्चा स्वाद में चार चांद लगा देता है। यहां के अधिकांश लोगों को पसंद आने वाली डिस को समथु कहते हैं। इस व्यंजन को स्मोक्ड पोर्क और करी का उपयोग करके तैयार किया जाता है। एइकिबेयी नामक नागालैंडका स्वादिष्ट नॉनवेज डिस में से एक है। इस व्यंजन को सरसों के पत्ते और कोलोकेसिया की जड़ों से तैयार किया जाता है। यह डिश एक तरह की गाढ़ी ग्रेवी है जिसे सूखे खाने के साथ खाया जाता है। अकिनी चोकिबो को पेरिला के बीच को भून कर बनाया जाता है, जिसे धान के खेत में मिलने वाले घोंघों के साथ बनाया जाता है। इस डिस में पोर्क और एक्सोन तथा अन्य मांसाहारों को मिलाया जाता है।
ब्वाइल्ड वेजीटेबल्स है हेल्दी व टेस्टी फूड्स
यहां के मेन फूड आइटम्स में ब्वाइल्ड वेजीटेबल यानी उबली हुई सब्जियों को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है। इस डिश को पालक, बीन्स, गाजर, कोलोकैसियों की पत्तियों आदि को मिलाकर बनाया जाता है। इस व्यंजन के बिना नागालैंड के लोगों का भोजन पूरा नहीं होता है। बैम्बू फ्राइड फिश यानी बांच में पकायी गयी मछली। नागालैंड की यह डिश सबसे स्वादिष्ट और अनोखी डिश है। मछलियों को कुछ खास मसालों से भरकर बनाया जाता है। इस व्यंजन में बांस की सोंधी महक से आदमी बड़े चाव से इस डिश को खाता है। बुशमेंट नागालैंड के पसंदीदा व्यंजनों में से एक है,जो कुत्ते का मांस होता है। लेकिन यहां के लोग शिकारी कुत्ते का मांस अधिक पसंद करते हैं। दीमापुर में के बुधवार बाजार में ये कुत्ते आसानी से मिल जाते हैं। यहां की बीयर जुथे पूरे भारत में प्रसिद्ध है। उत्तर भारत की खिचड़ी की तरह सब्जियों और मांस से बनी यहां की इस खिचड़ी को गल्हो कहते हैं। स्मोक्ड पोर्क और मौसमी सब्जियों से बनने वाले इस डिश में अदरक और लहसुन की गार्निश की जाती है। इसके अलावा हिंकज्वु, ब्लैक स्टिकी राइस पुडिंग, पोर्क करी जैसे स्वादिष्ट व्यंजन हैं।
लोकलिटी के हिसाब से चूज करना होगा आइटम
अब बात करें कि नागालैंड के इन फेमस स्ट्रीट फूड का बिजनेस भारत में कहीं भी कैसे शुरू किया जाये। इस पर गंभीरता से सोचना होगा क्योंकि नागालैंड जैसा कल्चर तो देश में कहीं भी नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि नागालैंड के फूड्स के बिजनेस की कोई संभावना नहीं है। हमें इसके लिए थोड़ी सी सावधानी बरतनी होगी। हम जिस क्षेत्र में इन फूड्स का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। वहां के लोकप्रिय व्यंजनों से मिलते जुलते नागालैंड फूड्स का सेलेक्ट करें तो यह बिजनेस तेजी से चलने लगेगा क्योंकि नागालैंड का पारंपरिक स्ट्रीट फूड्स सभी जगह के पारंपरिक फूड़स से अलग हटकर है। यही उनकी खास विशेषता इस बिजनेस करने वालों के लिए लाभ का सौदा बनायेगा।
चाइनीज रेस्टोरेंट के पास बिजनेस करना होगा फायदेमंद
नॉन वेज खाने वाले तो आपको सब कहीं मिल जायेंगे लेकिन उनके खान-पान के तौर तरीके और नागालैंड के खान-पान के तौर तरीकों से अलग हैं। इसलिये जरूरी नहीं कि नागालैंड के सभी व्यंजन सभी कहीं हिट हो जायें लेकिन उनमें से हिट होने वाले व्यंजनों को छांटने ही बिजनेस की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा बिजनेस करने वालों को उन शहरों या उन जगहों का चयन करना भी अच्छा होगा जहां पर चाइनीज फूड या चाइनीज रेस्टोरेंट अधिक हों।
यदि नागालैंड के सेलेक्टिव स्ट्रीट फूड्स का बिजनेस करने का इरादा रखने वाले शख्स को एक बात पर विशेष ध्यान देना होगा। जिस फूड आइटम का बिजनेस शुरू करना चाहते हों वो आपके बिजनेस वाली जगह के आसपास उस डिश को बनाने वाला कच्चा माल भी आसानी से और सस्ता उपलब्ध हो सके। यदि आप पारंपरिक चाइनीज रेस्टोरेंट के पास बिजनेस करेंगे तो आपके बिजनेस के शत-प्रतिशत चलने की गारंटी है।
बिजनेस शुरू करने के खास टिप्स
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आवश्यक कच्चा माल, एक्सपर्ट कारीगर और एक ऐसा स्थान जहां पर मीट को तैयार और उसकी साफ सफाई करने के लिए उपयुक्त हो। इसके अलावा पकाने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करना होगा जहां दुर्गंध आदि पर किसी तरह का कोई ऐतराज न कर सके। क्योंकि आप अपना माल तो उसी एरिया में बेचने के लिए जायेंगे जहां आपके फूडस को पसंद करने वाले कस्टमर होंगे लेकिन वहां पर बनाने की जगह लेंगे तो आपको बिजनेस महंगा हो जायेगा और शुरू-शुरू में उसका खर्चा निकालना मुश्किल हो जायेगा। इसके अलावा इस तरह के फूड्स बेचने के लिए आपको उन त्योहारों को टारगेट करना होगा जिस दिन लोग अवश्य ही नॉनवेज आइटम खाते हों। यदि आपके फूड आइटम पारंपरिक फूड आइटम से थोड़े सस्ते में होंगे और आपके स्टाल या दुकान में साफ साफई अधिक होगी तो हाइजैनिक लवर्स भी आपके यहां आ सकते हैं। एक बार हाइजैनिक लवर्स आपके स्वाद के मुरीद हो गये तो फिर आपके बिजनेस के वारे-न्यारे होने में देर नहीं लगेगी।
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