जानिए त्रिपुरा के फेमस स्ट्रीट फूड के बारे में। कैसे शुरू कर सकते हैं फूड बिजनेस?

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जानिए त्रिपुरा के फेमस स्ट्रीट फूड के बारे में। कैसे शुरू कर सकते हैं फूड बिजनेस?

भारत के नॉर्थ ईस्ट में बसा है सात छोटे-छोटे राज्यों झुरमुट, जिन्हें सेवन सिस्टर भी कहा जाता है सात शहर आपस में रहते भी सात बहनों की तरह है और यहां का रहन-सहन भी बहनों की तरह का काफी मिलता जुलता है भी वहीं बांग्लादेश का भी असर यहां के कलचर पर साफ नजर आता है। त्रिपुरा भारत के नक्शे नॉर्थ के सबसे कोने में है. बंगाल  की खाड़ी से चिपका त्रिपुरा में आज भी आदीवासी लोग रहते हैं यहां उनकी संस्कृति का खासा असर भी देखने को मिलता है। त्रिपुरा एक छोटा सा राज्य है भारत में सबसे छोटे राज्यों में से त्रिपुरा तीसरे नंबर पर आता है यहां केवल तीन लाख लोगों की आबादी है। कम भीड़-भाड़ वाला त्रिपुरा पहाड़ों, झरनों और प्रकृति के ढेर सारे नजारों से भरा पड़ा है। इसलिए लोग यहां घूमने फिरने आते हैं। यहां कई तरह के खूबसूरत मंदिर हैं, यहां का इतिहास महाभारत से भी जुड़ा है, और इसी की निशानियां आपको यहां देखने को मिलती है, त्रिपुरा अपने ट्रेडिशन को पूरी दुनिया में प्रख्यात करने में जुटा है हाल ही में यहां के स्पेशल गम्छे को यहां की पहचान बनाया जा रहा है और इस गम्छे का प्रमोशन किया जा रहा है, खाने पीने के मामले त्रिपुरा आज भी ट्रेडिशनल ही है । यहां आज भी पारंपरिक खाने को ही पसंद किया जाता है। यहां आपको ज्यादातर नॉनवेज खाना ही मिलता है। वहीं बंगाल की खाड़ी के पास होने की वजह से यहां के खान-पान में मछली का खासा असर है तरह तरह से लोग यहां मछली खाते हैं, इसके साथ-साथ यहां चावल, बांस की मारियां, आस-पास मिलने वाली जड़ी-बुटियां भी खाई जाती हैं,  त्रिपुरा की गलियों में भी आपको मछली से बने कई तरह के व्यंजन मिल जाएंगे। और अगर आपने एक बार त्रिपुरा की स्पेशल डिश खा ली तो आप इसका स्वाद कभी भूल नहीं पाएंगे।

त्रिपुरा में घूमने-फिरने की खास जगह

अगर आप त्रिपुरा आएं हैं तो पहले तो इसकी राजधानी यानि की अगरतला भी आप घूम सकते हैं। अगरतला छोटा लेकिन खूबसूरत शहर है। त्रिपुरा का उज्जयंत पैलेस बहुत फेमस है सफेद रंग का ये महल हर किसी को आकर्षित करता है। नीरमहल पूरे भारतीये उपमहाद्वीप में सबसे बड़ा महल है इसे भी आप देख सकते हैं। त्रिपुरा सुंदरी मंदिर भी बेहद खास है दरअसल ये 51 शक्ति पीठों में से एक है यहां सति माता के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। अगर आपको जगंल सफारी का शौक है तो भी त्रिपुरा आपके लिए बेस्ट जगह बन सकती है क्योंकि यहां सिपाहीजला वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी है।

त्रिपुरा का स्पेशल स्ट्रीट फूड

some famous dish of Tripura served in a plate on bamboo sticks

1. मुई बोरोक

मुई बोरोक त्रिपुरा का एक पारंपारिक खाना है जिसे यहां हमेशा से ही खाया और परोसा जाता है। ये बेहद सिम्पल सी डिश है जिसमें कई तरह की सब्जियों जैसे टमाटर ,आलू , प्याज लॉकी, करेला सबको काट कर उसे दो छोटी मछलियों के साथ ऊबाला जाता है और नमक डालकर परोसा जाता है। दरअसल जब मछलियों का सीजन नहीं होता तब सूखी मछलियों को स्टोर करके रखा जाता और उन्हीं का इस्तेमाल इस डिश को बनाने में किया जाता है

रॉ मैटीरियल

  • सूखी मछली
  • टमाटर
  • आलू
  • सब्जियां
  • नमक

2. चावल सब्जी मटन

बांग्लादेश का पड़ोसी होने की वजह से त्रिपुरा में बांग्लादेश के खाने का रंग भी देखने को मिलता है बांग्लदेश की ही तरह यहां भी चावल के साथ मटना खाया जाता है। क्योंकि यहां भी काफी मात्रा में बंगाल लोग ही रहते हैं लिहाजा मांस-मछली यहां के खाने में ज्यादा देखा जाता है। यहां चावल के साथ ग्रेवी वाला मटन बनाया जाता है जिसे किसी सब्जी के साथ खाया जाता है।

रॉ मैटीरियल

  • चावल
  • मटन
  • सीज़नल सब्जियां

3. मॉसडेंग सेरमा

यहां सेरमा काफी चाव के साथ बनाया व खाया जाता है दरअसल यहां ज्यादा खाना उबाल कर ही बनाया जाता क्योंकि मॉसडेंग सेरमा हर तरह के मसाले की कमी पूरी कर देता है ये एक तरह का सॉस है या यूं कहें कि ये शेज़वान सॉस का इंडियन वर्जन है, जी हां विदेशों में मिलने वाले शेज़वान सॉस के आप जितने भी दीवाने क्यों ना हो लेकिन सच तो ये है कि त्रिपुरा में इस तरह सॉस कई जमानों से खाया जा रहा है। यहां के लोग खाना बनाने में जितना कम टाइम लगाता है उतनी ही टाइम लगाकर वो सेराम बनाते हैं। जी हां इस सॉस को बनने में काफी टाइम लगता है वो इस लिए क्योंकि इसमें मिलाए गए हर चीज़ का फलेवर आ सके। तो जब भी कुछ खास बनाया जाता है उसे इस सॉस को मिला दिया जाता है और खाने में स्वाद आ जाता है

रॉ मैटीरियल

  • लाल सूखी मिर्च
  • टमाटर
  • प्याज
  • लहसन
  • सरसों का तेल
  • नमक

4. व्हान मॉसडेंग

व्हान मॉसडेंग पोर्क ने बनने वाली डिश है जिसमें ढेर सारी मिर्च डाली जाती है इसे मीट वाला सॉस भी कहा जा सकता है। सबसे पहले पोर्क को ऊबाल लिया जाता है उसके बाद हरी मिर्च को आग पर भूना जाता है और दर के साथ कूट लिया जाता है फिर ऊबली हुई मीट के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसमें मिर्च का पेस्ट , प्याज और नकम मिलाकर परोसा जाता है ये किसी चिकन सैलेड जैसा दिखाई देता है

रॉ मैटीरियल

  • पोर्क
  • प्याज
  • हरी मिर्च

5. कोसोई ब्वबटी

यूं तो त्रिपुरा में ज्यादातर नॉन वेज फूड ही प्रचलित है लेकिन कुछ डिशेज ऐसी भी है जो पूरी तरह से वेजीटेरियन है उन्हीं में एक है कोसोई ब्वबटी भी है जिसे बिन्स की सब्जी से बनाया जाता है । पहले गर्म पानी में बिन्स और लहसन को उबाला जाता है उसके बाद नमक डाल कर पाकाया जाता है इसके चावल के साथ परोसा जाता है

रॉ मैटीरियल

  • चावल
  • बिन्स
  • लहसन
  • नमक
Tripura famous dishes on yellow background

6. गुडोक

गुडोक भी एक पारंपारिक डिश है जिसमें आलू को मछली के साथ पकाया जाता है त्रिपुरा में त्योहारों में इस डिश को बनाया व खाया जाता है.

रॉ मैटीरियल

  • आलू
  • मछली

7. चुआक

ये एक चावल से बनने वाली बीयर है जिसको त्रिपुरा में  खान के साथ परोसा जाता है, चावल को सड़ा कर इसे तैयार किया जाता है चुआक दुनिय की सबसे सुरक्षित शराब मानी जाती है ।

रॉ मैटीरियल

  • चावल

8. भांनगुई

ये एक चावल से बनने वाली डिश है जिसमें घी का इस्तेमाल किया जाता है साथ ही अदरअस और प्याज का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे केल के पत्ते में रख कर पाकाया जाता है ।

9. पंच फोड़न तरकारी

ये वैसे एक बंगाली डिश है लेकिन इसको त्रिपुरा में खाया जाता है इसमें बैंगन, आलू, प्याज ,टमाटर , तेज पत्ता, हर मिर्च, हल्दी और कद्दू का इस्तेमाल किया जाता है पंच फोड़न पांच तरह के मसालों से बनता है उसे ही इस सब्जी में डाला जाता है जिससे इसका स्वाद काफी बढ़ जाता है

10. मोमो

मोमोज इस वक्त पूरे इंडिया में ही खाया जा रहा है और हर किसी का फेवरेट भी बन चुका है लेकिन कभी मोमोज नॉर्थ इंडिया में ही खाया जाता था लिहाजा यहां के मोमोज़ के टेस्ट में तो अलग ही मजा है । यहां भी मोमोज के स्टॉल जगह-जगह देखने को मिल ही जाते हैं । यहां वेज और नॉन वेज दोनों ही तरह के मोमोज मिलते हैं। मोमोज को बनाना और बेचना बेहद आसान काम है ये ही वजह है जो इस वक्त कई लोग मोमोज़ का बिजनेस कर रहे हैं। मोमोज वैसे तो एक चाइनीज़ डिश है लेकिन इस वक्त हर कोई इसे बना भी रहा है और खा भी रहा है। वेज नॉन वेज में कई तरह के मोमोज़ बनते हैं। क्योंकि यहां पोर्क ज्यादा खाया जाता है लिहाजा यहा मोमोज़ में भी इसकी स्टफिंग भरी जाती है। वहीं वेज में सब्जियां और तोफू भरा जाता है । स्टफिंग को मैदे से बनी रोटी में लपेटा जाता है और भाप में पकाया जाता है इस तरह से तैयार होता है मोमो

रॉ मैटीरियल

  • मैदा
  • चिकन/पोर्क
  • तोफू
  • सब्जियां

कैसे शुरू करें त्रिपुरा के खाने का बिजनेस?

इस तरह के खाने का बिजनेस अगर आप शुरू करना चाहते हैं तो आपको काफी सोच समझ कर फैसला लेना होगा:

  • पहले आपको इसकी डिमांड का अंदाज़ा लगाना होगा तभी इसे शुरू करें।
  • या तो आप अपने डिशेस को इस्तेमाल करते हुए इनके साथ कुछ नया एक्पेरीमेंट करके इसे नए अंदाज में पेश कर सकते हैं। जैसे शेजवान की जगह मॉसडेंग सेरमा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • हो सकता है कि  इन डिशेस का असली स्वाद हर किसी को पसंद ना आए लेकिन अगर आपक चाहें को थोड़ा सा बदलाव करके इसे पेश कर सकते हैं इससे आपके कस्टमर को नई वैराइटी मिल जाएगी और आपके बिजनेस को नयापन ।
  • वहीं अगर आप नॉन वेज तरह का रेस्टरोटेंट या स्टॉल खोलना चाहते हैं तो आपको त्रिपुरा के खाने से अच्छी इनस्पीरेंशन मिल सकती है।
  • बिना रिस्क के कोई बिजनेस सक्सेफुल नहीं बन पाता है तो आपको अगर रिस्क लेने का मन है तो आप अपने बिजनेस को कुछ अलग करके भी जमा सकते हैं।

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