Franchise business kaise kare [यहाँ पढ़ें फ्रैंचाइज़ी बिज़नेस कैसे शुरू करें]

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Franchise business kaise kare [यहाँ पढ़ें फ्रैंचाइज़ी बिज़नेस कैसे शुरू करें]

आजकल कोरोना की महामारी से उबरने का समय चल रहा है। पूरा विश्व अभी भी आर्थिक महामंदी से पूरी तरह से उबर नहीं पाया है। ऐसी दशा में बेरोज़गारी या आधी-अधूरी तनख्वाह वाली नौकरी तथा बर्बाद हो चुके काम धंधे से लोगों की कमर टूटी पड़ी है। महंगाई है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। लोगों का घर-परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। इन हालातों में आम आदमी कम से कम पूँजी लगाकर जल्द से जल्द अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की सोच रहा है। बेरोजगार नौकरी पाने की जुगत न मिल पाने से और आधी अधूरी तनख्वाह में काम करने वाला व्यक्ति अपनी नौकरी से पीछा छुड़ा कर बिजनेस का विचार बना रहा है। बेरोजगार व्यक्ति भी कोई न कोई काम शुरू करने की सोच रहा है। लेकिन सभी के पास एक ही समस्या है कि इस समय न तो अधिक पूंजी लगा सकता है और ना ही कोई नया बिजनेस करके मुनाफे के लिए प्रतीक्षा ही कर सकता है। इन विकट परिस्थितियों में तो यदि कोई सबसे सुरक्षित और सबसे सरल रास्ता खोजना चाहता है तो उसके लिए फ्रेंचाइजी बिजनेस से अच्छा कोई दूसरा रास्ता नहीं निकल सकता है।

What is franchise business in Hindi ?| फ्रेंचाइजी बिजनेस क्या है?

फ्रेंचाइजी बिजनेस को यदि हम देशी भाषा में समझना चाहें तो इस बिजनेस को डीलरशिप या एजेंसी लेने जैसा माना जा सकता है। आप किसी मशहूर कंपनी की अपने शहर या अपने मनपसंद एरिया में  शाखा खोल कर अपना बिजनेस शुरू करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। इस बिजनेस की खास बात यह है कि इसमें आपको मुनाफे के लिए प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। अपना नया बिजनेस शुरू करने की अपेक्षा पूँजी भी कम लगानी पड़ेगी। भागदौड़ भी कम ही करनी होगी। इसमें एक सुविधा यह भी हे कि आप अपनी रुचि और एरिया की डिमांड के हिसाब से बिजनेस शुरू कर सकते हैं। इसके लिये इतना ध्यान रखना होगा कि  आपको बिजनेस के हिसाब से दुकान, शोरूम मेन मार्केट में लेनी होगी  और उस बिजनेस से जुड़ी मशीनी उपकरण व अन्य जरूरी सामान लेनें होंगे या आपकी कंपनी आपको अपनी तरफ से उपलब्ध करवायेगी। कोई-कोर्ई कंपनी फ्रेंचाइजी लेने वाले को अपनी मशीनें व कारीगर की सुविधा अपनी तरफ से इसलिये देती है ताकि उसके ब्रांडडेड  प्रोडक्ट की क्वालिटी न बनी रहे, इसमें किसी तरह की कमी न आ पावे। क्योंकि उसी क्वालिटी के कारण ग्राहक उसका माल खरीदता है। इसका लाभ फ्रेंचाइजी लेने वाले को मिलता है।

फ्रेंचाइजी बिजनेस की खास बातें

आजकल फ्रेंचाइजी बिजनेस का चलन बहुत तेज़ी से चल रहा है। इसका कारण यह है कि अनेक सुविधाओं वाला और फिक्स आमदनी वाला बिजनेस है। इसमें मूल कंपनी को थोड़ा सा प्रॉफिट शेयर या रॉयल्टी व  फीस भले ही देना पड़ता हो लेकिन फ्रेंचाइजी को उस मूल कंपनी के बिजनेस के सारे फायदे नये बिजनेस मैन को मिलते हैं।

1. इस तरह के बिजनेस करने से व्यक्ति को पहले दिन से ही कमाई होने लगती है। क्योंकि मूल कंपनी का मार्केट पहले से ही बना होता है और उसके ग्राहक पहले दिन से ही  सामान लेना शुरू कर देते है। फ्रेंचाइजी का नया बिजनेस इसलिये चल निकलता है ली है और उससे  नये बिजनेस मैन को काफी राहत मिलती है।

2. बिजनेस करने वाले व्यक्ति को खुद के बिजनेस को शुरू करने की लागत की अपेक्षा कम पूँजी लगानी होती है। इसमें केवल दुकान, शोरूम लेना होता है। बाद बाकी सारा तैयार माल अथवा तैयार किये जाने वाले माल की सप्लाई ओरिजनल कंपनी करती है।

3. फूड प्रॉसेसिंग वाली कम्पनी की फ्रेंचाइजी लेने में मूल कंपनी से विशेष रूप से प्रशिक्षित कारीगर भी नये बिजनेसमैन को मिलते हैं, जो उसके यहां काम करते हैं उनका वेतन आदि की जिम्मेदारी नये बिजनेसमैन की ही होती है। प्रत्येक कंपनियों की अपनी-अपनी अलग-अलग टर्म्स एण्ड कंडीशन होती है।

4. कई कंपनियां अपने प्रोडक्ट के हिसाब से उपकरण भी उपलब्ध करातीं हैं।  कच्चा माल भी देतीं हैं ताकि उनके प्रोडक्ट की क्वालिटी मेनटेन रहे। नये एरिया मेें ग्राहकों को पुराने एरिया वाला ही टेस्ट और क्वालिटी मिल सके। इससे ग्राहक को नयी दुकान व शोरूम पर विश्वास हो जाता है कि ये उसकी की कंपनी की ब्रांच है।

5. ब्रांडेड कंपनियों के रेडीमेड प्रोडक्ट मिलते हैं। ये प्रोडक्ट पहले से ही मार्केट में चल रहे होते हैं। इसका फायदा नये बिजनेसमैन को मिलता है। उसे अपने प्रोडक्ट के लिए ग्राहकों को तलाश नहीं करना पड़ता है और न ही किसी तरह की मार्केटिँग व एडवरटाइजिंग ही करनी होती है। ये सारे काम ओरिजनल कंपनी स्वयं करती है।

Benefits of franchise business in Hindi | फ्रेंचाइजी बिजनेस के फायदे

फ्रेंचाइजी बिजनेस के अनेक फायदे होते हैं। इनमें से कुछ खास इस प्रकार हैं:-

1. मशहूर ब्रांड होने की वजह से ग्राहक तलाशने में मेहनत नहीं करनी होती है, क्योंकि कंपनी का अपना खुद का ग्राहक वर्ग होता है, वह अपना मनपसंद प्रोडक्ट खरीदने के लिए खुद ही आपके पास आयेगा, जिससे आपको लाभ मिलता है। इस तरह से फ्रेंचाइजी बिजनेस करने वाले को रेडीमेड बिजनेस मिलता है।

2. दुकान व शोरूम के अलावा आपको बिजनेस के लिए कुछ खास नहीं लेना होता है। कुछ खास तरह के फ्रेंचाइजी बिजनेस में मशीनों और काम करने वाले कारीगरों की सेवाएँ लेनी होतीं हैं। जो कंपनी की बिजनेस की शर्तों में शामिल होता है।

Franchise business on Cubes wood concept

3. कम पूँजी और कम भागदौड़ में यह बिजनेस शुरू हो जाता है और इसमें फ्रेंंचाइजी की जिम्मेदारी भी अधिक नहीं होती है। इस बिजनेस में यदि नये व्यक्ति के पास अनुभव न भी हो तो भी वो इस बिजनेस को आसानी से कर सकता है क्योंकि सारा काम ओरिजनल कंपनी करके देती है।

4. आपको अपने प्रोडक्ट के लिए मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग पर भी कोई खर्च नहीं करना होता है।

5. फूड आइटम या अन्य तैयार किये जाने वाले आइटमों के लिए भी आपको टेंशन नहीं लेनी होती है। उसकी सारी टेंशन ओरिजनल कंपनी ही लेती है।

6. प्रोडक्ट की गारंटी, वारंटी आदि की भी जिम्मेदारी मूल कंपनी की होती है। इसमें आपकी कोई भूमिका नहीं होती है। इसमें  आपको केवल ग्राहकों से डीलिंग करनी होती है।

Types of franchise business in Hindi | फ्रेंचाइजी बिजनेस कितने प्रकार के होते हैं

फ्रेंचाइजी बिजनेस भी कई प्रकार के होते हैं। इनमें से कुछ भारत में अधिक लोकप्रिय है और कुछ विदेशों में अधिक चलते हैं। आइये जानते हैं कि कितने प्रकार के फ्रेंचाइजी बिजनेस होते हैं और भारत में कौन सा सबसे अधिक लोकप्रिय है।

  1. बिजनेस फ्रेंचाइजी वेंचर
  2. बिजनेस फॉर्मेट फ्रेंचाइजी
  3. मैन्युफैक्चरिंग फ्रेंचाइजी
  4. प्रोडक्ट फ्रेंचाइजी

1. बिजनेस फ्रेंचाइजी वेंचर

इस तरह के फ्रेंचाइजी बिजनेस में मूल कंपनी के मालिक से फ्रेंचाइजी लेने वाला बिजनेसमैन प्रोडक्ट खरीद कर ग्राहकों को बेचता हैं। इसमें ओरिजिनल कंपनी द्वारा  अपना कस्टमर बेस प्रदान किया जाता है। जिन्हें फ्रेंचाइजी को बनाये रखने की आवश्यकता होती है। फ्रेंचाइजी को कस्टमर बेस से काफी लाभ मिलता है। इसके बदले में मूल कंपनी फीस, रॉयल्टी लेती है।

2. बिजनेस फॉर्मेट फ्रेंचाइजी

फ्रेंचाइजी बिजनेस का यह तरीका भारत में फ्रेंचाइजी बिजनेस करने वालों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय है। भारत में अधिकांश कंपनियां और फ्रेंचाइजी इसी प्रणाली पर काम करते हैं। इस प्रणाली के तहत नये फ्रेंचाइजी को बेहद सफल बिजनेस मॉडल मिलता है। यह बिजनेस मॉडल लोकप्रिय ब्रांड या प्रोडक्ट से मिलता है। ओरिजिनल कंपनी द्वारा फ्रेंचाइजी को बिजनेस स्थापित करने के लिए सभी जरूरी ट्रेनिंग एवं हर तरह से सहायता दी जाती है।  ओरिजिनल कंपनी फ्रेंचाइजी से रॉयल्टी या फीस वसूली जाती है। क्वालिटी कंट्रोल के लिए ओरिजिनल कंपनी टेक्निकल एवं मैटीरियल की मदद फ्रेंचाइजी को सप्लाई करती है।  इसका प्रमुख उदाहरण फूड आइटम्स का बिजनेस है।

3. मैन्युफैक्चरिंग फ्रेंचाइजी

इस मॉडल में बिजनेस करने वाले व्यक्ति को लाइसेंस लेकर ओरिजनल कंपनी का नाम एवं ट्रेडमार्क के साथ प्रोडक्ट बेचने या प्रोडक्शन करने की परमीशन मिल जाती है। इस तरह के फ्रेंचाइजी बिजनेस करने वाला व्यक्ति  प्रोडक्ट की मार्केर्टिंग के लिए नेशनल एडवरटाइजिंग का इस्तेमाल कर सकता है।  इस प्रणाली में फ्रेंचाइजी को ओरिजिनल कंपनी को एक निश्चित भुगतान करना पड़ता है।

4. प्रोडक्ट फ्रेंचाइजी

फ्रेंचाइजी बिजनेस की इस प्रणाली की बात करें तो यह सबसे पुराना तरीका है। इसके तहत प्रोड्यूसरों द्वारा डीलरों को स्वयं अपने प्रोडक्ट को डिस्ट्रीब्यूशन का अधिकार दिया जाता है। डीलर प्रोड्यूसर के ट्रेडमार्क वाले सामान को बेचने के लिए प्रोड्यूसर को कुछ फीस का भुगतान करता है। यह प्रणाली बड़े बड़े उद्योगों में आज भी चलती है। पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी जैसे उद्योगों में यही प्रणाली काम करती है।

How to start franchise business in Hindi | किस प्रकार से शुरू करें फ्रेंचाइजी बिजनेस

1. सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप ये बिजनेस कहां पर करना चाहते हैं। उससे पहले यह भी सोचना होगा कि आप किस प्रोडक्ट या किस सर्विस का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। इसके अलावा आपको इस बारे में अपनी पॉकेट को भी देखना होगा।  आप अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार ही शॉप या शोरूम ले सकते हैं । यदि आपका बजट लो है तो आपको शहर की ऐसी बस्ती या एरिया तलाशना होगा जहां की मेन मार्केट की दुकान आपके बजट के अनुरूप हो और जिस प्रोडक्ट का बिजनेस करना चाहते हों उसे वहां के लोग आसानी से खरीद सकते हों।

2. जब आप यह तय कर लें कि कहां पर आपको अपना फ्रेंचाइजी बिजनेस शुरू करना है। उस एरिया की मार्केट और उस एरिया के ग्राहकों की तलाश कर लें। इसके बाद आप अपने मनपसंद प्रोडक्ट व सर्विस के बारे में भी जानकारी जुटा लें। अपने ग्राहकों के बीच प्रोडक्ट की सेल की संभावनाएं व ग्राहकों की परचेज पॉवर की भी अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त कर लें। इन सभी का अच्छी तरह से विश्लेषण कर लेंगे तो आपका बिजनेस बहुत अच्छी तरह से चल जायेगा।

3. इस बिजनेस को शुरू करने से पहले आपको यह तय करना जरूरी है कि आपको किस चीज की गहरी जानकारी है अथवा किस चीज में आपकी खास रुचि है। उसी चीज में हाथ आजमायें। जो चीज जहां से अधिक बिक सकती हो, उस जगह का चुनाव करें । उसी जगह पर आपको दुकान या शोरूम लेना होगा। इसका फायदा यह होगा कि आपका बिजनेस तो अच्छी तरह से चलेगा और उसके लिए आपको कोई भी कंपनी आसानी से फ्रेंचाइजी देने के लिए तैयार भी हो जायेगी।

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4. इसके बाद आप अपने एरिया में चलने वाले प्रोडक्ट या सर्विस की कंपनियों की तलाश करना शुरू करें। आप यह तलाश ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरीके से करें। कंपनी की टर्म्स कंडीशन को अच्छी तरह से जान लें। कंपनी की हिस्ट्री या अन्य फ्रेंचाइजीज के साथ कंपनी किस तरह से व्यवहार करती है। इन सभी की जानकारी प्राप्त कर लें।

5. जब सबकुछ ठीकठाक हो जाये तो फिर फ्रेंचाइजी लेने के लिए कंपनी से बात करें। अपनी सारी टर्म्स एण्ड कंडीशन के लिए एक लिखित समझौता करें। इस समझौते में सारी बातें साफ-साफ लिखी होनी चाहिये। इसके लिए समझौते की कोई अवधि, पीरियड,टाइम, लिमिट हो तो उसका भी दोनों पक्षों के बीच स्पष्ट होना चाहिये।

6. समझौते में सबसे महत्वपूर्ण चीज प्रॉफिट की शेयरिंग की है। चाहे वह रायल्टी हो, एडवांस फीस हो, या प्रॉफिट शेयरिंग हो। इस बारे में सारा कुछ पहले से स्पष्ट तौर पर तय हो जाना चहिये। इसमें किसी तरह की हिडन पॉलिसी यानी छिपी हुई नीति नहीं होनी चाहिये। अन्यथा बिजनेस बीच में कभी भी प्रभावित हो सकता है।

अपने बिजनेस को चमकाने के लिए क्या करें?

आप किसी मशहूर कंपनी की फ्रेंचाइजी लेकर बिजनेस शुरू करते हैं। उससे आपको ग्राहकों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उस ब्रांड या प्रोडक्ट के ग्राहक स्वयं आयेंगे। इसके अलावा अपने बिजनेस को चमकाने के लिए कुछ ऐसे उपाय कर सकते हैं, जिनसे आपको अधिक मुनाफा मिल सके।

यदि आपके समझौते में दूसरे प्रोडक्ट को बेचने की बंदिश न हो तो आप अपने ओरिजिनल कंपनी के प्रोडक्ट के साथ उसके साथ बिकने वाले अन्य प्रोडक्ट को भी बेचें। इससे आपको साइड बिजनेस में पूरा प्रॉफिट मिल सकता है।

फ्रेंचाइजी बिजनेस को और बढ़ाने के लिए डिलीवरीमैन को रखकर ग्राहकों की डिमांड पर उनके घर की सप्लाई करेंगे तो आपको नये ग्राहक मिलेंगे। एक सीमित दूरी तक फ्री सर्विस देंगे तो यह आपके बिजनेस के बढ़ायेगा। एक सीमित दूरी के बाद आप चार्ज भी ले सकते हैं अथवा एक बड़े ऑर्डर की लिमिट भी तय कर सकते हैं। इससे आपका अधिक माल बिकेगा। जब माल अधिक बिकेगा तो उस पर आपको फायदा भी अधिक होगा।

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