इंश्योरेंस एडवाइज़र कैसे बनें? क्वालिफ़िकेशन और अन्य जानकारियाँ

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इंश्योरेंस एडवाइज़र कैसे बनें? क्वालिफ़िकेशन और अन्य जानकारियाँ

इंश्योरेंस सेक्टर ने पिछले कुछ सालों में काफी तरक्की कर ली है। इंश्योरेंस का मार्किट इस वक्त काफी बड़ा है और जितना बड़ा मार्किट है उतना ही ज्यादा अवसर। आप भी इस सेक्टर से जुड़ सकते हैं और खुद को एक इंश्योरेंस एडवाइज़र की तरह इस्टेबलिश कर सकते हैं। बीमा एडवाइज़र बनने के कई फायदें है आपको इसमें खुद के हिसाब से काम करना होता है । आपके पास टारगेट भले ही होता है लेकिन उसको पूरा करने किए क्या और कैसे करना है इसका फैसला सिर्फ आपका होता है। आप जब चाहें जैसे चाहें काम कर सकते हैं। इस काम में नफा-नुकसान आपके काम करने पर ही डिपेंड करता है आप काम करेंगे तो फायदा, नहीं करेंगे तो नुकसान। तो हम आपको बताएंगे कि कैसे आपक एक अच्छे बीमा एडवाइज़र बन सकते हैं?  एक अच्छे बीमा एडवाइज़र में क्या-क्या गुण होने चाहिए ? ये सब जानने के लिए इसे पूरा पढ़ें।

एडवाइज़र का काम क्या होता है

किसी भी कम्पनी का बीमा एडवाइज़र कम्पनी से जुड़े बीमे के बारे में लोगों को बताता है और उसे बेचने की कोशिश करता है। एडवाइज़र को खुद का एक नेटवर्क तैयार करना होता है जिसमें वो लोगों से मिलता है उन्हें नई-नई बीमा पॉलिसी के बारे में बताया है उन्हें समझाता है, कि अगर वो कोई बीमा पॉलिसी लेते हैं तो उन्हें इसका क्या फायदा होगा। एडवाइज़र कम्पनी और ग्राहक के बीच की कड़ी है, ये कड़ी जितनी मजबूत होगी कम्पनी और ग्राहक का रिश्ता भी उतना ही मजबूत होगा। इसलिए आपको इस काम को करते वक्त कई तरह की बातों का ध्यान रखना होता है।

एडवाइज़र बनने के लिए जरूरी बातें

1. एक बीमा एडवाइज़र बनने के लिए एजुकेशन

बीमा एडवाइज़र बनने के लिए आपको कम से कम ग्रेजुएट होना जरूरी है, और अगर आपने ग्रेजुएशन कॉमर्स से की है तो आपको ज्यादा फायदा पहुंचेगा। वहीं कुछ लोग 10वीं, 12वीं पास को भी अपनी कम्पनी में रख लेते हैं बशर्ते उसका दिमाग बीमा से जुड़ी बातों को आसानी से समझ सकता हों।

2. उम्र सीमा

एडवाइज़र के लिए कम से कम उम्र सीमा 18 साल चुनी गई है, 18 साल से कम का इंसान इस काम को नहीं कर सकता है वैसे इस काम के लिए आप जितने मैच्योर होगे उतना सही होगा, क्योंकि आपका काम किस को सलाह देने का है ऐसे में आपके चेहरे पर थोड़ी मैच्योरिटी तो होनी ही चाहिए।

3. IRDA की प्ररिक्षा को पास करना जरूरी

भारतीय बीमा विनिमायक प्राधिकरण यानि कि IRDA के एडवाइज़र बनने के लिए एक परीक्षा का आयोजन करती है आपको अगर बीमा एडवाइज़र बनना होता है तो आपको ये परिक्षा पास करनी जरूरी होती है। IRDA के अनुसार एडवाइज़र बनने के इच्छुक लोगों को कम से कम 100 घंटे की ट्रेनिंग लेना जरूरी होता है।

4. मिलनसार व्यक्ति के लिए आसान

जो व्यक्ति व्यवहार से काफी मिलनसार होता है उसका एक एडवाइज़र के तौर पर काम करना आसान हो जाता है, लगातार लीड खोजने के लिए आपका शर्मिला होना आपके सही नहीं होगा, आपको बिना किसी हिचक के हर किसी से बात करनी होगी एक बार को बार-बार बताना होगा जब तक की आपका ग्राहक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो जाते, आपको हर बार बताने में में रूचि दिखानी ही होगी।

5. मेहनती होना चाहिए

इश्योरेंस का काम बेहद मेहनत वाला होता है इसमें आपको जगह-जगह जाकर लोगों ले मिलना होता है, कई बार एक इंश्योरेंस के ले कई चक्कर लगाने पड़ जाते हैं, तो ऐसे में आपको काफी मेहनत करनी पड़ती है, नए-नए ग्राहकों को ढूंढने के लिए हर बार कुछ नई तरकीब लगानी पड़ती है, तो इस तरह से आप हमेशा ही कुछ ना कुछ करने में बिजी रहते हैं ।

6. 24 घंटे काम के लिए तैयार रहना

इंश्योरेंस के काम के लिए आपको 24 घंटे उपल्बध रहना होगा, क्योंकि कभी भी आपको ग्राहक का फोन आ सकता है ग्राहक की मर्जी से ही आपको काम करना होता है, किसी भी तरह के मेल का जवाब आपको तुरंत ही देना होगा, आपका ग्राहक अपनी सहूलियत के हिसाब से आपको रिप्लाई करेगा या कोई क्वेशचन पूछेगा तो इसके लिए आपको हमेशा ही उसको जवाब देना होगा, आपके अंदर मदद करने की भावना हमेशा ही होनी चाहिए।

Financial adviser showing terms of contract on tablet

7. प्रोफेशनल तरीके से काम करें

काम को आप जितना प्रोफेशनल तरीके से करेंगे उतना ही आपको, आपके ग्राहक को और कम्पनी को फायदा होगा। जब भी आप अपने ग्राहक को किसी पॉलिसी के बारे में बताएं तो उसे उसके फायदे गिनवाएं, और वो फायदे इतने सही तरीके से बताएं कि उसका ध्यान कीमत की ओर जाए ही नहीं, ये सबसे बेहतर तरीका है किसी भी पॉलिसी को बेचने का। हमेशा याद रखें कि आपको एक अच्छा सलाहकार बनना है ना कि सेल्समैन,  आप बेचने में फोकस ना करें बल्कि ग्राहक का विश्वास हासिल करने के बारे  सोचें।

8. निराशा ने ना घबराएं

कई बार ऐसा भी होगा कि आपकी मेहनत कोई रंग नहीं लाएगी आपको निराशा ही हाथ लगेगी तो ऐसे वक्त में आपको घबराना नहीं है बल्कि धैर्य के साथ काम करना है। टारगेट अचिव करने के चक्कर में खुद को परेशान ना करें , हां मेहनत पूरी करें बाकी टेंशन ना लें।

9. सबसे बड़ा है भरोसा

पॉलिसी एक भरोसे का सौदा है, ग्राहक आप पर भरोसा करता है इसलिए वो आपसे पॉलिसी लेता है तो इस भरोसे को सदा के लिए बनाएं रखें, ग्राहक को सर्वोपरि समझे, ग्राहक  खुश रहेगा तो आपका काम भी चलता रहेगा। हर ग्राहक की जरूरत को ध्यान में रख कर ही उसे बीमा पॉलिसी दें,  अपने फायदे के चक्कर में किसी भी तरह से उनके साथ धोखा ना करें। याद रखिए अगर आपके रिश्ते अच्छे होंगे तभी आपका बिजनेस भी बढ़ेगा।

10. अपनी परफॉर्मेंस पर हमेशा ध्यान रखें

जब भी आप काम करें तो अपने काम और उससे होने वाले फायदे पर हमेशा ध्यान रखें, अगर आपको किसी कारणवश सफलता नहीं मिल पा रही तो कारण जानने की कोशिश करें।  अगर आपको फायदा हो रहा है तो  उसके कारण को भी जाने और उसे हमेशा ध्यान में रख कर ही अगली पॉलिसी बेचें। जितना आप अपने काम को समझेंगे उतना ही आपको फायदा होगा।  

सक्सेसफुल एडवायज़र बनने के टिप्स

  • जो कम्पनी की तरह से दिया जा रहा है या दिया जा सकता है वो ही वादा अपने ग्राहक से करें किसी तरह के  झूठ से बचें
  • खुद को हमेशा अपडेट रखें, कम्पनी की नई-नई पॉलिसी और प्रॉडक्ट के बारे में हमेशा पूरी नॉनेज रखें।
  • जहां से भी इंश्योरेंस से जुड़ी जानकारी मिले उसे ग्रैब करें, किसी तरह के सेमिनार या कॉन्फ्रेंस को मिस ना करें
  • अपनी किसी भी नई पॉलिसी के बारे में लोगों से नॉर्मल बातचीत करें, या फिर अपने सोशल मीडिया पर उसे शेयर करें

ऐसे करें एप्लाई

एक बीमा एजवाइज़र बनने के लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स फोलो करने होगें—

  • अगर आप 18 साल से ज्यादा की उम्र के हैं और 10वीं पास हैं तो आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • आप जिस भी कम्पनी के एंजेट बनना चाहते हैं उस कंपनी को आपको अपनी KYC डीटेल्स देनी होगी और अपने डोक्यूमेंट्स भी अरैंज करके देने होंगे।
  • रजिस्ट्रेशन करने के बाद कम्पनी द्वारा चलाए जा रहे ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा बनना होगा। और बीमा एजेंट से जुड़ी प्रक्रिया को सीखना होगा।
  • ट्रेनिंग के बाद IRDA का एग्ज़ाम क्लियर करना होता है,  ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह से करवाया जाता है
  • जैसे ही आप इसी टेस्ट को क्लियर करते हैं वैसे ही आप एक बीमा एजेंट बन जाते हैं आपको एक लाइसेंस दिया जाता है।
Businessman having meeting with a tax consultant while wearing face mask

मिस सेलिंग से बचें

आजकल हर कोई इंश्योरेंस एडवाइज़र बन जाता है और कई बार अपने मुनाफे के चक्कर में मिस सेलिंग करने लगता है, मिस सेलिंग मतलब है गलत तरीके से पॉलिसी को बेचना। जैसे कोई पॉलिसी आपके किसी काम की नहीं है लेकिन एजेंट ने आपको उसे खरीदने के लिए बहलाया-फुसलाया और आपको वो पॉलिसी खरीदनी पड़ गई। इससे ग्राहक का तो कोई फायदा नहीं हुआ लेकिन उसकी कमीशन बन गई। पर भले ही उस वक्त के लिए एजेंट खुश हो जाए लेकिन लंबे समय के लिए उस पर इसका बुरा असर पड़ता है, कई बार कम्पनियां इस तरह की पॉलिसी का क्लेम रिजेक्ट कर देती है। इससे बचने का सिर्फ एक ही तरीका है कि अपने ग्राहक को अपना भगवान माने और उससे कुछ ना छुपाएं। क्योंकि हो सकता है कि ग्राहक को एक पॉलिसी का नुकसान हो लेकिन उस एक पॉलिसी से आपके करियर पर दाग लग सकता है।

इश्योरेंस से आप कितना कमा सकते हैं

इश्योरेंस एजेंट बनने के बाद  आप हर पॉलिसी के प्रीमियम में कमीशन कमाते हैं, हर कम्पनी अपने हिसाब से अलग-अलग कमीशन देती है। आपने जो भी पॉलिसी बेची है उसमें आप 5 से लेकर 40 प्रतिशत तक की कमीशन कमा सकते हैं। अगर आपक मेहनत करते हैं और आपकी परफॉर्मेंस हर किसी को पसंद आती है तो आपको काफी सारे गिफ्ट्स मिलते हैं कई बार फॉरेन ट्रिप भी आप जीत सकते हैं।

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