ऑटोमोबाइल रिपेयर का बिज़नेस कैसे शुरू करें? लागत, मुनाफ़ा और अन्य जानकारियाँ
कोरोना काल की वजह से अर्थव्यवस्था की बैंड बजी पड़ी है. लोगों के पास करने को काम नहीं है. जिनके पास काम था, उनकी नौकरी जा चुकी है. जिनके पास नौकरी है, वो किसी भी कीमत में उसे बचाने की कोशिश में लगे हैं.
बिगड़ते हालातों को देखते हुए ऐसा लगता है कि नौकरी से अच्छा है कि अपना खुद का काम शुरू किया जाये. ताकि आगे भविष्य में जॉब को लेकर किसी तरह का कोई प्रेशर न हो.
व्यापार करने से आपका सेल्फ़ कॉन्फ़िडेंस भी मजबूत हो और कभी नौकरी जाने का डर भी नहीं रहता है. हालाँकि, बिज़नेस में भी बहुत होड़ लगी हुई है. ऐसा नहीं है कि आज आपने किसी चीज़ का बिज़नेस प्लान करने का सोचा और कल इसे शुरू भी कर दिया.
व्यापार करने से पहले ये भी सोचना होता है कि मार्केट में किस तरह बिज़नेस सफलतापूर्वक चलाया जा सकता है. इसके अलावा आप वो काम करने में सक्षम हैं भी या नहीं. इसके साथ कौन सा व्यापार करने पर आपको नुकसान नहीं होगा. ये सारी बातें सोचने-विचारने के बाद ही काम शुरू किया जा सकता है.
सारी बातों को समझते हुए लघु व्यापार की शुरुआत करनी चाहिये. लघु व्यापार में न सिर्फ़ आपको नुकसान कम होता है, बल्कि आगे चलकर इस बढ़ा करने की कोशिश भी की जा सकती है.
आप किसी बड़े शहर (Cities) में रहते हों या छोटे. अगर व्यापार करना है, तो ऑटो मरम्मत व्यवसाय या ऑटो स्पेयर पार्ट्स का कारोबार करना भी बेहतर ऑप्शन है. पूरी दुनिया में ये एक ऐसा व्यापार है, जिसे कोई भी उद्यमी सफलतापूर्वक शुरू कर सकता है. इसके अलावा इसे कभी बंद भी नहीं किया जा सकता है. दुनिया में कोई भी आपदा आ जाये, गाड़ियां तो चलती-फिरती रहेंगी. अगर गाड़ियां चलेंगी, तो ख़राब भी होंगी.
अगर गाड़ी ख़राब हुई, तो उसकी मरम्मत भी की जायेगी. यहाँ सवाल ये है कि अगर सौदा इतना फ़ायदेमंद है, तो आखिर इसे शुरू कैसे किया जाये. कैसे ऑटोमोबाइल के व्यापार की शुरुआत करके उसे सफल बनाया जाये.
हालाँकि, इस व्यापार की शुरुआत हो, उससे पहले हम आपको बता दें कि आज कल मार्केट में ऑटो स्पेयर पार्ट्स (Auto Spare Parts) की मांग काफी बढ़ रही है. सबसे बढ़ी बात ये है कि इसे शुरू करने के लिये आपको कॉलेज से मंहगी डिग्री लेने की भी आवश्यकता नहीं है. बस ये कारोबार चलाने के लिये आपको एक ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होती है, जिसे ऑटो रिपेयर और स्पेयर के काम की जानकारी हो.
अगर आप काम शुरू करने से पहले उसके बारे में सारी जानकारी हासिल कर लेंगे, तो कोई भी इस काम में आपको बेवकूफ़ नहीं बना पायेगा.
कितने रुपये में किया जा सकता है ऑटो रिपेयर (Auto Repair) का कारोबार ?
देखिये इस काम के लिये आपको बहुत सारे पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं है. कारोबार शुरू करने के लिये आपको 80 हज़ार से एक लाख रुपये तक चाहिये होंगे. अगर आपके पास कम से कम एक लाख रुपये तक का बजट है, तो इस व्यापार की शुरुआत की जा सकती है.
कितने कर्मचारियों की आवश्यकता होगी ?
इस काम के लिये आपको बहुत अधिक लोग नहीं चाहिये होंगे. अगर आप 2-3 कामकाजी और होशियार लोगों की ज़रूरत होगी. ऐसे लोग जिन्हें ये काम अच्छे से करना आता हो.
काम खोलने के लिये आपको किन-किन चीज़ों की आवश्यकता होगी
1. जगह
ये काम ऐसा है कि इसे घर पर शुरू नहीं किया जा सकता है. अगर आपके पास ऐसी जगह है, जहां गाड़ियों के मरम्मत काम आराम से हो सकता है, तो उस जगह को काम के लिये इस्तेमाल करें.
अगर आपके पास ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां से ये काम किया जा सके, तो फिर आपको गैरज खोलने के लिये जगह रेंट पर लेनी पड़ेगी.
2. मैकेनिक
इस काम के लिये आपको ऐसे कारीगर रखने पड़ेंगे, जिन्हें इस काम की जानकारी हो. उनका काम देख कर लोग आपके गैरज में खींचे चलें. ऐसे लोगों को काम पर रखें, जिन्हें काम अच्छे से न आता हो. मंझे हुए लोगों के साथ काम करने शुरुआत अच्छी होती है.
3. ऑटो पार्ट्स
अगर आप ऑटो रिपयेर काम कर रहे हैं, तो आपको ग्राहकों की गाड़ियां ठीक कराने के लिये ऑटो पार्ट्स की आवश्यकता भी होगी. इसके लिये आपको हर तरह की गाड़ियों के पार्ट्स रखने पड़ेंगे. अगर आप कुछ स्पेशल गाड़ियों की मरम्मत कराना चाहते हैं, वो भी मेंशन करें.
4. कहां से ले सकते हैं ऑटो पार्ट्स का सामान
इसके लिये आपको अपने शहर के डिस्टिब्यूयर्स (Distributor) से संपर्क करना पड़ेगा. हर शहर और गांव में जगह-जगह ऐसे डिस्टिब्यूयर्स होते हैं, ऑटो पार्ट्स की सेल करते हैं. यानि उन्हें ख़रीदते बेचते हैं, तो इसके आपको मार्केट जाकर उनके बारे में पता करना पड़ेगा.
5. जानकारी लेने के लिये ट्रेनिंग और मीटिंग में जायें
देखिये ये बहुत काम तो नहीं है, लेकिन हां इसे छोटा भी मत समझिये. काम के बारे में जानकारी लेने के लिये आपको बाकी व्यापारियों द्वारा रखी जाने वाली मीटिंग में जाना चाहिये. इसके साथ ही अगर आपको बहुत ज़्यादा एक्सपर्ट बनना है, तो आप ट्रेनिंग भी ले सकते हैं.
6. लोकेशन
काम की शुरुआत करने से पहले लोकेशन का चुनाव करना आवश्यक है. अगर आप किसी ऐसी जगह पर शॉप खोलेंगे, जहां गाड़ियां आती-जाती न हो, तो वहां दुकान खोलने का फ़ायदा नहीं है.
अगर किसी ऐसी जगह दुकान खोली जहां दिन-रात लोग गाड़ियां लेकर निकलते हैं, तो वहां काम खोलने पर मुनाफ़ा ज़्यादा होगा.
7. लाइसेंस एंड रेजिस्ट्रेशन
अगर व्यापार की शुरुआत थोड़े बड़े लेवल पर कर रहे हैं, तो इसके लिये आपको दुकान के लिये लाइसेंस लेना पड़ेगा, इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा.
8. ऑटो मरम्मत व्यवसाय के लिए विज्ञापन
अब बात है कि अपने काम का प्रचार कैसे करें, जो कि सबसे महत्वपूर्ण काम है. अपने व्यवसाय को बढ़ावा देने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक नेटवर्किंग और कार डीलरशिप के साथ संबंध स्थापित करना है. कई लोगों की अपनी मैकेनिक की दुकानें नहीं होती हैं और वे ग्राहकों को स्थानीय ऑटो मरम्मत की दुकानों पर भेजते हैं.
यदि कोई डीलर जानता है कि आप कार-बाइक के ब्रांड को ठीक करने में माहिर हैं, तो अपने अच्छे ग्राहकों को आपके यहां काम कराने के लिये भेजेगा.
इस कारोबार को करते हुए आपको किन चीज़ों पर ग़ौर करना चाहिये.
अपने काम के दायरे को परिभाषित करें-
इसके लिये निर्धारित करें कि आप प्रति दिन कितने ग्राहकों की मदद करने की योजना बनाते हैं और आप उनकी किस हद तक मदद करेंगे.
1. टाइप्स ऑफ़ सर्विसेस
व्यापार चलाने के लिये बहुत मायने रखता है कि आप ग्राहकों को कितने तरह की सर्विसेस (Services) देते हैं. आप या तो ऑयल और टायर परिवर्तन जैसी बुनियादी सेवाएँ प्रदान कर सकते हैं. या फिर टकराव की मरम्मत, इंजन रखरखाव और विद्युत सेवाओं जैसी व्यापक सेवाएँ प्रदान कर सकते हैं.
2. नई या वर्तमान दुकान
काम में निर्धारित करना ज़रूरी है कि आप किस तरह की दुकान की शुरुआत करेंगे. नई शॉप का मतलब आपको टूल्स और उपकरण सहित सब कुछ नया खरीदना है. वहीं वर्तमान दुकान खरीदने का मतलब हो सकता है कि आपके पास पहले से ही वह सब कुछ है, जिसके ज़रिये आप अपना व्यवसाय आराम से चला सकते हैं.
3. फ्रेंचाइजी या ख़ुद की दुकान
ऑटो रिपेयर की दुकान खोलने से पहले ये साफ़ करें लें कि आप अपनी ख़ुद की दुकान खोलना चाहते या फिर किसी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेना चाहते हैं. अगर आप फ्रेंचाइजी लेते हैं, उसके लिये आपको कीमत देनी होगी.
कितना होगा मुनाफा
किसी व्यापार में कितना मुनाफ़ा होगा, ये तो आपके काम पर निर्भर करता है. अगर आपका काम सही तरह से चल रहा है, तो मुनाफा भी अच्छा होगा. अगर काम ठीक नहीं चल रहा है, तो मुनाफा भी ठीक नहीं होगा.
वैसे अगर व्यापार को ढंग से चलाया जाये, तो मुनाफ़े की गुजाइंश ज़्यादा है. कम से कम जितनी लागत है, उससे तो ज़्यादा ही इनकम होगी. बर्शेत आप ग्राहकों को सर्विस अच्छी दें. अगर आप ग्राहक को अच्छी सर्विस देंगे, तो वो बार-बार आपसे ही काम कराने आयेंगे.
ऑटो रिपेयरिंग के साथ-साथ स्पेयर पार्ट्स का काम भी कर सकते हैं
अगर अपने बिज़नेस को बढ़ाना चाहते हैं, तो ऑटो पार्ट्स के साथ-साथ उसके स्पेयर पार्ट्स का काम भी शुरू कर सकते हैं. इसमें आपका दोगुना मुनाफा है. क्योंकि हिंदुस्तान में हर दिन कई गाड़ियां खरीदी और बेची जाती है. इसके साथ ही रोज़ाना बहुत सी गाड़ियां ख़राब भी होती है. इसके लिये रोज़ाना कई गाड़ियों के पार्ट्स बदले जाते हैं.
ऐसे में अगर साइड में इस काम को भी शुरू करें, तो डबल मुनाफ़ा है. एक तरफ गाड़ियों की मरम्मत चलती रहेगी और दूसरी तरफ उनके पार्ट्स भी बेचे सकेंगे. हुई न डबल कमाई.
तो फिर अब देर किस बात की है. अपने नये व्यापार की प्लानिंग शुरू करें और अच्छे मन से उसकी शुरुआत करें. मेहनत, लगन और दिल से किया गया काम हमेशा सफलता दिलाता है.
लेकिन हाँ कोई भी काम तभी शुरू करना चाहिये, जब उसमें दिलचस्पी हो. अगर आप काम सिर्फ पैसा कमाने के लिये करना चाहते हैं, तो ऐसे में कोई भी काम किया जा सकता है. लेकिन अगर काम दिल और दिमाग़ से किया जाये, तो उसमें मुनाफा ही मुनाफा होता है. चलो फिर काम पर लग जाओ.
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