इन्वेस्टमेंट, टिप्स, आइडिया, फायदा जानें
एक कंस्ट्रक्शन कंपनी की शुरुआत आपके लिए काफी अच्छा रिवार्ड देने वाला व्यवसाय बन सकता है परंतु इसके लिए आपको काफी हार्ड वर्क की आवश्यकता होगी, साथ ही धैर्य भी रखना पड़ेगा।
इसकी शुरुआत करना कोई साधारण काम नहीं है इसलिए शुरुआत से ही आपको अपने माइंड को अच्छे से प्रिपेयर करके इस व्यवसाय को चलाने की एक पैशन पैदा करनी होगी।
आज हम आपको बताएंगे कि किस तरीके से आप भी अपनी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाकर बदलते भारत की स्ट्रक्चर को बदलने में अपना योगदान देने के साथ-साथ पैसा भी कमा सकते हैं, आइए जानते हैं :-
1. बनाए एक बिजनेस प्लान :-
किसी भी व्यवसाय की तरह अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाने के लिए भी आपको एक प्रॉपर और यूनीक बिजनेस प्लान बनाना होगा, इस तरह के बिजनेस प्लान को बनाने से पहले आप अपने व्यवसाय के बारे में अच्छी तरीके से जानकारी लेनी होगी और डीप रिसर्च करते हुए मार्केट की डिमांड और परफॉर्मेंस को ध्यान में रखकर कंस्ट्रक्शन रिक्वायरमेंट को एनालिसिस करते हुए आपकी कंपनी की शुरुआत की लोकेशन, एरिया तथा सोसाइटी के बारे में एक यूनिक बिजनेस प्लान बनाना होगा।
इस तरह के प्लान में बिजनेस के नेचर के अलावा इन्वेस्टमेंट कॉस्ट, बजट, वर्किंग कैपिटल, कच्चे माल और वर्कर जैसी आवश्यक बातों के बारे में ही पहले से रिसर्च करके अपनी एक स्ट्रेटजी बना सकते हैं।
2. अपनी कंपनी को करवाएं रजिस्टर :-
कंपनी एक्ट 2013 के तहत किसी भी कंस्ट्रक्शन कंपनी की शुरुआत करने के लिए आपको मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के पोर्टल पर जाकर अपनी कंपनी को रजिस्टर करवाना होता है।
इसके लिए आपके पास प्राइवेट लिमिटेड, पब्लिक लिमिटेड कंपनी, पार्टनरशिप फर्म और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप जैसे विकल्प मौजूद रहते हैं आप अपने निवेश और पार्टनरशिप के आधार पर निर्धारित कर सकते हैं कि इनमें से आपको किस तरह की कंपनी को चुनना है।
रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आपको जीएसटी पोर्टल पर जाकर अपना एक यूनिक जीएसटी नंबर लेना होगा और जैसा कि आप जानते हैं कि इस तरह की कंपनी में आपको कर्मचारियों की भी आवश्यकता होगी, इसलिए यदि आप 20 से अधिक कर्मचारी रखते हैं तो आपको श्रम मंत्रालय के द्वारा बनाए गए लेबर कानूनों का भी पालन करना होगा।
साथ ही पीएस नंबर और पीडब्ल्यूडी लाइसेंस के अलावा अपना एक बिजनेस बैंक अकाउंट भी खुलवाना पड़ेगा।
3. कंस्ट्रक्शन कंपनी की शुरुआत करने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट :-
- एक प्रॉपर और यूनीक बिजनेस प्लान
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- ओनर का आधार कार्ड
- इलेक्ट्रिसिटी या वाटर बिल
- परमानेंट अकाउंट नंबर कार्ड (PAN card)
- कंपनी इस्टैब्लिशमेंट सर्टिफिकेट
- जीएसटी रजिस्ट्रेशन
इन सब डॉक्यूमेंट की हेल्प से आप अपने कंस्ट्रक्शन बिजनेस को मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर की वेबसाइट पर जाकर एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर रजिस्टर करवा कर अपना एक यूनिक कॉरपोरेट आईडेंटिटी नंबर हासिल करके अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं।
4. कैसे हायर करें वर्कफोर्स :-
कंस्ट्रक्शन कंपनी ओनर के तौर पर आपको एक हेल्दी रिलेशनशिप डिवेलप करनी होगी और अपने सप्लायर तथा बिल्डर, कांट्रेक्टर, ब्रोकर, पार्टनर और प्रॉपर्टी डीलर के बीच में एक लिंक की तरह काम करते हुए अपने व्यवसाय को बड़ा बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी।
इसके लिए आपको वर्क फोर्स की भी आवश्यकता होगी और यदि आपको स्किल्ड वर्क फोर्स चाहिए तो इसके लिए अधिक पैसा भी खर्च करना पड़ सकता है और आप अपने सप्लायर और बिल्डर की हेल्प से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बना सकते है।
मुख्यतया लेबर और वर्कर पर डिपेंड रहने वाले इस व्यवसाय के लिए आप सब-कांट्रेक्टर और दूसरे वर्किंग साइट पर काम कर रहे लोगों को बतौर कर्मचारी के रूप में चुनकर अपनी कंपनी में एंप्लोई के रूप में रख सकते हैं।
5. व्हीकल की आवश्यकता :-
कंस्ट्रक्शन बिजनेस में लॉजिस्टिक भी एक महत्वपूर्ण योगदान देता है, जिसका इस्तेमाल कच्चे माल के अलावा मशीनों और इक्विपमेंट को एक स्थान से दूसरे स्थान पर सप्लाई करने के लिए किया जाता है।
यदि आपके पास बहुत अधिक निवेश है तो आप अपने खुद के ही व्हीकल खरीद सकते हैं लेकिन कम निवेश की स्थिति में किराए पर कुछ समय के लिए बड़े साधन हायर भी कर सकते हैं।
किसी भी बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनी, जोकि परमानेंट या फिर कॉन्ट्रैक्ट बेस पर व्हीकल अवेलेबल करवाती है, उसकी हेल्प से आपके ऊपर आने वाला बर्डन काफी कम हो सकता है।
6. अपने व्यवसाय का करवाएं इंश्योरेंस :-
किसी भी बिजनेस में होने वाले नुकसान और रिस्क को अवॉयड करने के लिए हमेशा अपनी कंपनी के इंश्योरेंस को प्रायरिटी लिस्ट में रखना चाहिए।
कंपनी के इंश्योरेंस के अलावा अपने कर्मचारियों का भी इंश्योरेंस करवाना चाहिए, यदि आपने इस प्रक्रिया का अच्छे तरीके से पालन कर लिया है तो एक्सीडेंट डैमेज रिपेयर और वर्कर की डेथ जैसी समस्याओं के दौरान कोई फाइनेंसियल तनाव नहीं आएगा और ऐसी स्थिति में बिना स्ट्रेस और टेंशन के आप फ्री माइंड से अपने व्यवसाय को सफल बना सकते हैं।
7. कहां से प्राप्त करें फंड :-
किसी भी कंस्ट्रक्शन कंपनी को शुरुआत करने के लिए आपको बहुत ही लार्ज स्केल में निवेश करना पड़ेगा और निर्धारित बिजनेस स्टैंडर्ड तक लोगों की डिमांड को पूरा करने के लिए पैसे की त्वरित सप्लाई भी होनी चाहिए, क्योंकि आपको वर्क फोर्स के अलावा और कच्चे माल और बिल्डर एवं कॉन्ट्रेक्टर जैसे लोगों को भी पैसा देना रहता है।
इस प्रकार की पैसे की कमी की समस्याओं से लड़ने के लिए सरकार एवं बहुत से फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के द्वारा अलग-अलग लोन स्कीम लांच की गई है, जिससे कि टर्म लोन, वर्किंग कैपिटल लोन, कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट लोन, ओवरड्राफ्ट लोन जैसे लोन स्कीम्स में से किसी भी लोन स्कीम को चुनकर बड़े निवेश की व्यवस्था कर सकते है।
इसके अलावा सरकार के द्वारा आत्मनिर्भर भारत के तहत इंटरेस्ट सब्वेंशन लोन स्कीम्स जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई है, इसके तहत आपके द्वारा लिए गए लोन पर वापस चुकाने के वक्त आपको निर्धारित ब्याज दर से कुछ कम ब्याज दर देनी होगी क्योंकि उसमें से दो से तीन प्रतिशत ब्याज सरकार के द्वारा चुकाया जाएगा।
8. कैसे करें जगह का चुनाव :-
अपनी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरुआत करने के लिए आपको ऐसे जगह को प्राथमिकता देनी चाहिए जहां पर लोगों की पहुंच भी अधिक हो सके और साथ ही ट्रांसपोर्टेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी अच्छी सुविधा हो क्योंकि यदि आपकी साइट या फिर कंपनी की लोकेशन तक समय पर कंस्ट्रक्शन माल नहीं पहुंच पाएगा तो उसी स्थिति में आप समय पर अपनी सर्विस नहीं प्रदान कर पाएंगे, जिस वजह से लोगों का आप की कंपनी के प्रति विश्वास भी काफी कम होगा, इस कारण आपको नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर को भी ध्यान में रखें क्योंकि इस तरह के बिजनेस में इलेक्ट्रिसिटी और दूसरी चीजों की रेगुलर आवश्यकता होती है, इसलिए कभी भी अपनी लोकेशन को चुनते वक्त किराए को ध्यान में ना रखते हुए किसी महंगी जगह पर भी कंपनी की शुरुआत कर सकते हैं बशर्ते आपको अच्छी सुविधा प्राप्त हो।
9. मार्केटिंग पर करें फोकस :-
इस तरह के बिजनेस में ऑनलाइन मार्केटिंग का अभी इतना स्कोप नहीं है, परंतु फिर भी ऑफलाइन मार्केटिंग काफी सक्सेसफुल मानी जाती है, क्योंकि आप खुद भी सोच सकते हैं कि जो लोग अपना घर या फिर कोई बिल्डिंग बनवाना चाहते हैं इंटरनेट का इस्तेमाल करते भी है तो ऑनलाइन मार्केटिंग पर इतना विश्वास नहीं करते हैं।
यदि आप आपके द्वारा बनाई गई किसी अच्छी बिल्डिंग या फिर साइट का एक होर्डिंग तैयार करवा कर उसका बैनर के रूप में इस्तेमाल करते हुए आप की लोकेशन के आसपास के क्षेत्रों में लगा सकते हैं।
साथ ही उसी होर्डिंग में आप लोगों को आपके द्वारा वसूली जाने वाली रेट और दूसरी डिमांड के बारे में भी जानकारी अवेलेबल करवा सकते हैं।
इस तरह अपनाई गई एक यूनिक मार्केटिंग स्ट्रेटजी आपकी कंस्ट्रक्शन कंपनी को आपके प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलने में मदद कर सकती है।
इसके लिए आप एक और चीज पर फोकस कर सकते हैं कि यदि आपके आसपास के क्षेत्र में ही कोई दूसरी कंस्ट्रक्शन कंपनी सफल रुप से व्यवसाय संचालित कर पा रही है और अच्छा मुनाफा कमा पा रही है तो उनके द्वारा अपनाई गई मार्केटिंग स्ट्रेटजी को भी आप पूरी तरीके से फॉलो कर सकते हैं और समय की डिमांड के अनुसार आए बदलावों को थोड़ा ध्यान में रखते हुए आप भी अपने व्यवसाय को बड़ा बना सकते हैं
10. कितने निवेश की होगी आवश्यकता :-
जैसा कि हमने आपको पहले बताया मशीन और इक्विपमेंट तथा कच्चे माल खरीदने के अलावा आपको जगह की लोकेशन का किराया एवं बिल्डर तथा कांट्रेक्टर एवम दूसरे लोगों से संपर्क बनाकर रखने के लिए अच्छे खासे निवेश की आवश्यकता पड़ सकती है, साथ ही व्हीकल को खरीदने के लिए भी अच्छा निवेश करना पड़ सकता है।
इसलिए बड़े स्तर पर देखा जाए तो कर्मचारियों को दी जाने वाली सैलेरी को छोड़कर कम से कम पचास लाख रुपए तक के निवेश की आवश्यकता होगी और यदि इतना बड़ा निवेश आपके पास नहीं है तो आप छोटे स्तर पर भी शुरुआत कर सकते हैं, परंतु बड़ा निवेश करने पर ही बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है।
11. टैक्स रिक्वायरमेंट को करें अंडरस्टैंड :-
भारत के इनकम टैक्स एक्ट के तहत बनाए गए प्रावधानों को अच्छी तरीके से फॉलो करते हुए टैक्स के बारे में पूरी जानकारी जुटाकर अपने टैक्स रिक्वायरमेंट के बारे में पूरी तरह से समझ सकते हैं और सही समय पर उठाए गए इस तरह के कदम भविष्य में कानूनी दांव पेंचों से बचने में आपकी मदद कर सकते हैं।
इस तरह के प्रावधानों को और अच्छे से समझने के लिए आप किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट की हेल्प भी ले सकते हैं, लेकिन ध्यान में रखें कि कभी भी टैक्स इनकम से बचने का प्रयास ना करें, क्योंकि समय पर टैक्स चुकाना एक कानूनी ड्यूटी के अलावा मोरल ड्यूटी भी होती है।
12. बनाए एक फाइनेंस रिपोर्ट लिस्ट :-
अपने फाइनेंस को सिक्योर करने के लिए आप रिपोर्ट एक लिस्ट भी बना कर रख सकते हैं, जिसमें पहले से ही आपके द्वारा किए जाने वाले परचेज, रेंट और लीज पर दिए गए इक्विपमेंट्स के बारे में पूरी जानकारी रखकर उनकी फाइनेंसियल वैल्यू को कैलकुलेट कर सकते है।
इससे आपको एन वक्त पर आने वाली फाइनेंसियल समस्याओं से सामना नहीं करना पड़ेगा और यदि आपको लगेगा कि आपके पास पैसा खत्म होने वाला है तो उस स्थिति में आप पहले ही लोन के लिए अप्लाई कर सकेंगे और लोन ले सकेंगे।
13. डिजिटल माध्यमों का करें अच्छे से इस्तेमाल :-
वर्तमान में डिजिटल माध्यमों के इस्तेमाल से एक समय काफी मुश्किल लगने वाले काम आसानी से किए जा रहे हैं और आप अपने कंस्ट्रक्शन सॉफ्टवेयर के लिए अलग से फंड अलॉट करके अपना व्यवसाय संचालित कर सकते है।
सही समय चुना गया सॉफ्टवेयर सलूशन आपके काम को आसान बना देगा और इसकी वजह से समय भी काफी कम लगने की संभावना रहेगी।
इस तरह के कंस्ट्रक्शन सॉफ्टवेयर की हेल्प से आप अधिक इंजीनियर के स्थान पर केवल एक ही इंजीनियर को बतौर कर्मचारी के रूप में रख सकते है।
14. सुधारें अपनी कम्युनिकेशन स्किल :-
इस तरह के व्यवसाय में आपका पीपल टू पीपल इंटरेक्शन रहता है इसलिए आपकी अच्छी कम्युनिकेशन स्किल आपकी कंस्ट्रक्शन कंपनी को समय पर अधिक काम दिलाने में मददगार साबित हो सकती है।
किसी भी अच्छे कम्युनिकेटर के वीडियो देखकर या फिर दूसरे माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए आप कम्युनिकेशन स्किल को सीख सकते है।
इसके अलावा आप अपने कर्मचारियों के लिए भी एक कम्युनिकेशन पीपल सेंट्रिक पॉलिसी बना सकते है, जिसके तहत उन्हें आपके यहां आने वाले लोगों से अच्छी तरीके से कम्युनिकेट के लिए प्रेरित कर सकते है।
15. अपने सहकर्मियों से करें अच्छा बर्ताव :-
जैसा कि आपको पता है कि हर व्यवसाय में आपके साथ काम करने वाले सहकर्मी आपके व्यवसाय को बड़ा बनाने में आपकी मदद भी कर सकते हैं या फिर उसे पूरी तरह खराब भी कर सकते है।
इसलिए अपने सहकर्मियों के बीच में एक सकारात्मक सोच का प्रसार करने के साथ-साथ उन्हें आपकी कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए और ज्यादा मेहनत और लगन से काम करने के लिए प्रेरित कर सकते है।
इस प्रकार हमने जाना कि कैसे आप भी अपनी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी की शुरुआत कर भारत के शहरों और गांवों में हो रहे डेवलपमेंट का हिस्सा बनने के साथ-साथ बहुत अच्छा मुनाफा भी कमा सकते है।
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