लागत, मुनाफा व अन्य जानकारियाँ
लिक्विड सोप डिटर्जेंट उद्योग का प्रमुख उत्पाद है। इसे भी एक तरह का डिटर्जेंट ही कहा जाता है। हाथ धोने के काम आने वाले इस लिक्विड डिटर्जेंट को हैंड वाश भी कहते हैं। इसके अलावा मार्केट लिक्विड सोप कई अन्य तरह की साफ-सफाई करने वाले काम में आते हैं। लिक्विड सोप की उपयोगिता के बारे में बात करें तो आजकल इस प्रोडक्ट की सबसे अधिक मांग चल रही है। डिटर्जेंट उद्योग में हाल के कुछ वर्षों से काफी हलचल मची हुई है। पहले जहां नहाने, कपड़े धोने के साबुन के अलावा सर्फ यानी डिटर्जेंट पाउडर का परम्परागत तरीके से प्रचलन था लेकिन जैसे ही मार्केट में कपड़ों की सफाई व धुलाई के तरीके बदले वैसे ही साबुन उद्योग में मानो नई क्रांति सी आ गयी। अब लिक्विड सोप अपनी धाक जमा रहा है। इसलिये इस बिजनेस का आइडिया काफी अच्छा है और आजकल ये बिजनेस आइडिया बूम पर है।
डिटर्जेंट उद्योग की नई क्रांति से मिल रहा है लाभ
मॉडर्न जमाने की फ्लैट संस्कृति में जहां पति-पत्नी के रहने का प्रचलन है। वो भी दोनों पति पत्नी अपने-अपने काम धंधे में व्यस्त जिंदगी बिताने वाले होते हैं। उनके पास अपने निजी काम करने की फुर्सत ही नहीं होती है। यहां तक कि उन्हें न तो अपने कपड़ों को धोने का समय होता और न ही उनके पास अपने कपड़ों को धुलाने के लिए लाँड्री तक आने-आने का समय होता है। इसे अलावा लाँड्री का महंगा खर्चा हर परिवार सहन भी नहीं कर पाता है क्योंकि आज का युवा फ्लैट, कार, एवं गृहस्थी की अन्य जरूरतों का सामान लोन पर लेता है तो उसे अपने खर्चों में बचत करके ईएमआई भी देनी होती है। इन सारी समस्याओं को देखते हुए बदले हुए समय में कपड़ों को धोने के लिए जब से वॉशिंग मशीन आई है तब से डिटर्जेंट उद्योग में नया बदलाव आया है। पहले जहां डिटर्जेंट पाउडर ने कपड़े धोने के साबुन को प्रचलन से बाहर कर दिया। वॉशिंग मशीन में डिटर्जेंट पाउडर डालकर कपड़े धोने का काम शुरू हो गया। उसके बाद हर घर में डिटर्जेंट पाउडर का ही इस्तेमाल होना शुरू हो गया। अब फिर से एक और नया बदलाव आ रहा है। अब डिटर्जेंट पाउडर की जगह पर लिक्विड सोप लेने लगा है। लिक्विड सोप इस्तेमाल करने में सुविधाजनक तो है ही साथ ही इसके परिणाम डिटर्जेंट पाउडर से अच्छे आ रहे हैं।
लिक्विड सोप की मची हुई है धूम
डिटर्जेंट इंडस्ट्री में लिक्विड सोप की क्रांति ऐसी आयी कि इसने लोगों को अपनी खूबियों का मुरीद बना लिया। आजकल हर कोई लिक्विड सोप का दीवाना हो गया है। इससे चारों ओर लिक्विड सोप की धूम मची हुई है। इसके कारण बिजनेस मैन भी लिक्विड सोप की अनेक नई-नई वैरायटी खोज कर सामने ला रहे हैं। आज लिक्विड सोप केवल हाथ धोने तक ही सीमित नहीं रह गया है और कई तरह से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। जो इस प्रकार हैं:-
- हैण्ड वाश
- बॉडी वाश
- कार वाश
- बेबी सोप
- डिश वाश
- फर्श वाश
- टॉयलट क्लीनर
1. हैण्ड वाश
हैण्ड वाश को लोग अच्छी तरह से जानते हैं। इस लिक्विड सोप को लोग अपने हाथों को धोने के लिए इस्तेमाल करते हैं। आजकल पूरी दुनिया में कोविड-19 की महामारी के चलते लोगों को समय-समय पर हाथ धोने की सलाह दी जा रही है। इसके लिए लोग हैण्ड वाश का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। घर से बाहर रहने पर लोग अपने हाथ सैनिटाइजर से भले ही धोते हों लेकिन घर या ऑफिस में रहने वाले लोग हाथ धोने के लिए लिक्विड सोप का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।
2. बॉडी वाश
बॉडी वाश का इस्तेमाल लोग नहाने के समय शरीर की साफ सफाई करने के लिए कर रहे हैं। कोरोना महामारी से बचाव के लिए लोग बाहर से कामकाज निपटाने के बाद धोने में लिक्विड सोप का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। साबुन के मुकाबले लिक्विड सोप से अधिक फायदा मिलने के कारण लोग उसको इस्तेमाल किया जाना पसंद कर रहे हैं।
3. कार वाश
अपनी कारों की धुलाई में भी लोग लिक्विड सोप का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। लिक्विड सोप इस्तेमाल करने में आसान है तथा उसका रिजल्ट भी अच्छा मिल रहा है। कार सर्विस सेंटर वाले भी अब डिटर्जेंट पाउडर या शैम्पू की जगह पर लिक्विड सोप का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।
4. बेबी सोप
नन्हें बच्चों के कोमल शरीर की साफ सफाई के लिए मेडिकेटेड या हर्बल बेबी लिक्विड सोप का इस्तेमाल किया जा रहा है। साबुन की अपेक्षा लिक्विड सोप से बच्चों के शरीर की सुरक्षित साफ सफाई होने के कारण उनके माता-पिता ने लिक्विड सोप को अपनी पहली पसंद बना रहे हैं।
5. डिश वाश
डिटर्जेंट केक से साफ होने वाले बर्तनों की साफ सफाई का काम अब लिक्विड सोप से किया जा रहा है। लिक्विड सोप से बर्तनों की सफाई करने में मेहनत भी कम लगती है और समय भी कम लगता है। इस कारण लोगों को इस काम के लिए लिक्विड सोप अधिक पसंद आ रहा है।
6. फर्श वाश
फर्श की साफ सफाई करने के लिए भी विशेष तौर पर बनाये गये लिक्विड सोप का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये लिक्विड सोप लोगों को खास क्वालिटी के कारण अधिक पसंद आ रहे हैं। इस प्रोडक्ट को पसंद करने का एक कारण यह भी है कि साफ सफाई के अलावा ये लिक्विड सोप विभिन्न तरह की खुशबुओं से माहौल को सुगंध मय बना देते हैं।
7. टॉयलट क्लीनर
टायलट क्लीनर भी लिक्विड सोप इंडस्ट्री का एक प्रोडक्ट है। इसका भी प्रयोग बहुतायत से किया जा रहा है। इस तरह के लिक्विड सोप के उत्पादन में बड़ी बड़ी कंपनियां काम करके अच्छा खासा मुनाफा कमा रहीं हैं। टॉयलेट की साफ सफाई के लिए लिक्विड सोप ही इस्तेमाल किया जाता है। पहले कभी इसका विकल्प तेजाब एसिड हुआ करता था लेकिन इसके खतरनाक साइड इफेक्ट के कारण लोगों के स्वास्थ्य हानि होने लगी। तबसे इसका स्थान इस लिक्विड सोप ने ले लिया है।
बिजनेस शुरू करने से पहले करें होम वर्क
लिक्विड सोप का बिजनेस की अनेक वैरायटियां हैं। इन वैरायटियों में कुछ तो ऐसी हैं जो हर जगह चलने वालीं हैं, जैसे हैण्ड वाश, टायलट क्लीनर, बेबी सोप जबकि दूसरी अन्य वैरायटियां हैं जिनकी डिमांड हर जगह पर नही होती जैसे बॉडी वाश, कार वाश। इसलिये बिजनेस मैन को सर्वे करते समय इन बातों को ध्यान रखना चाहिये। उसी के हिसाब से अपना बिजनेस वाला क्षेत्र चुनना चाहिये।
लिक्विड सोप को इस्तेमाल करने वालों का एक अलग समूह होता है। उसी तरह की बस्ती व कॉलोनी का चुनाव बिजनेस के लिए करना चाहिये। इस बात की जानकारी की रिटेल दुकानदारों से प्राप्त की जा सकती है।
सर्वे में इस बात पर ध्यान दें कि उस ऐरिया में वॉशिंग मशीन कितने लोग इस्तेमाल करते हैं। वॉशिंग मशीन में कितने लोग डिटर्जेट पाउडर का इस्तेमाल करते हैं और और कितने लोग लिक्विड सोप का इस्तेमाल करते हैं। इन सबके सहीं आंकड़े एकत्रित करने चाहिये।
उस ऐरिया में कितनी रिटेल की दुकानें हैं और उन दुकानों में किस तरह का डिटर्जेंट पाउडर और किस तरह का लिक्विड सोप बिकता है। इन सबका पता लगाने का मुख्य कारण यह है कि आपको मालूम हो जायेगा कि आपका कंपटीशन किस-किस से है और उनके प्रोडक्ट की क्वालिटी क्या है और उनके रेट क्या हैं। इससे आपको अपना बिजनेस शुरू करने का रास्ता मिल जायेगा।
इन सबकी जानकारी लेने के बाद ही आपको उस एरिया में जमीन या फैक्ट्री लेने के बारे में पता करना चाहिये। यह जमीन मेन मार्केट या मेन लोकेशन वाली महंगी नहीं होनी चाहिये। बल्कि मार्केट से थोड़ी दूर पर यदि सड़क से लगी कोई जमीन या मकान मिल जाता है तो उसे फैक्ट्री के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। फैक्ट्री में कोई लम्बी चौड़ी मशीनें नहीं लगने वाली बल्कि केमिकल रखने के अलावा बना हुआ माल रखने के लिए स्टोर चाहिये।
लिक्विड सोप मेकिंग का बिजनेस प्लान बनायें
जब आपका होमवर्क पूरा हो गया तो बिजनेस का खाका खींच लेना चाहिये यानी बिजनेस प्लान बना लेना चाहिये। इसमें सबसे पहले यह तय करना होगा कि बिजनेस में कितना इन्वेस्ट करना है। किस आकार का बिजनेस शुरू करना है। उसके लिए कितनी जगह चाहिये। वैसे तो जानकार लोग इस काम के लिए 1000 से 1500 वर्ग फिट की जगह की जरूरत बताते हैं। शुरू में छोटी जगह से भी काम चलाया जा सकता है। इस काम में केवल एक गियरवाली मिक्सर मशीन, बोतल रिफिल करने वाली मशीन, बोतलें, बोतल पैकिंग मशीन व बोतल पर चिपकाने वाले ब्रांड नेम के रैपर चाहिये होते हैं। कुछ काम करने वाले कर्मचारी, इनमें से एक अनुभवी व दो सहायक होने चाहिये। मार्केटिंग के लिए बिजनेस मैन स्वयं भी कर सकता है या दो एजेंट भी रख सकता है। कितने तरह के प्रोडक्ट तैयार करने हैं, कब और कहां ये प्रोडक्ट बेचने हैं। इन सारी बातों की प्रापर योजना बनाकर बिजनेस प्लान बनाया जायगा तो आपका लिक्विड सोप का बिजनेस आसानी से चल जायेगा।
कौन-कौन से लाइसेंस की जरूरत होगी?
लिक्विड सोप मेकिंग बिजनेस के लिए कई लाइसेंसों और सरकारी परमीशन की आवश्यकता होती है। यदि घर में छोटे स्तर पर बिजनेस किया जाता है तो उसके लिए कम लाइसेंस की आवश्यकता होगी लेकिन यदि इस काम को मध्यम या बड़े बिजनेस के रूप में शुरू किया जाता है तो बिजनेस के लिए आवश्यक सभी तरह के लाइसेंस व परमीशन की आवश्यकता होगी। आइये जानते हैं कि जिन प्रमुख लाइसेंस व परमीशन की आवश्यकता होगी, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-
1. सबसे पहले आपको अपनी कंपनी या फर्म का नाम रखना होगा
2. कंपनी का प्रारूप तय करना होगा, सोल प्रोप्राइटरशिप, ओपीसी, पार्टनरशिप फर्म, एलएलपी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में से कौन सा प्रारूप बनायेंगे
3. फर्म या कंपनी का कंपनी रजिस्ट्रार के यहां रजिस्ट्रेशन कराना होगा
4. केन्द्र सरकार, राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन के सारे नियमों को पालन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज बनवाने होंगे
5. केमिकल का काम होने के कारण पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लानी होती है
6. ब्यूरो ऑफ इंडियान स्टैण्डर्ड यानी आईएसआई से भी आईएसआई का मार्क लेने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी
7. फैक्ट्री लाइसेंस भी लेना होगा
8. जीएसटी नंबर लेना होगा
9. पैन कार्ड बनवाना होगा
10. एमएसएमई में रजिस्ट्रेशन कराकर उद्योग आधार लेना होगा
कौन-कौन सी मशीनें चाहिये?
लिक्विड सोप बनाने के लिए केमिकल मिलाने के लिए ही कुछेक मशीनों की ही आवश्यकता होती है।
1. एसएस वेसल मशीन केमिकल को मिलाने के लिये आवश्यक होती है
2. बॉटल रिफिलिंग मशीन: अधिक उत्पादन के लिए बोतल में प्रोडक्ट को भरने की मशीन की आवश्यकता होती है
3. केमिकल रखने के लिए स्टोरेज टैंक की जरूरत होती है
4. साथ ही प्रोडक्ट की जांच परख के लिए आवश्यक टेंस्टिंग उपकरणों की आवश्यकता होती है
5. बड़ी पैकिंग बनाने के सामान व एक ट्रांसपोर्ट वाहन की भी आवश्यकता होती है
यदि कंपनी और प्रोडक्ट का नाम अलग-अलग रखना होता है तो प्रोडक्ट के नाम के लिये भी पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होता है। उसके बाद ही आप अपना रैपर बनवा कर बोतल पर चिपका पायेंगे।
कच्चा माल यानी केमिकल कौन-कौन से जरूरी होते हैं?
लिक्विड सोप बनाने के लिए कई केमिकल की आवश्यकता होती है। ये इस प्रकार हैं
- एसिड स्लरी लिक्विड फार्म में
- कास्टिक सोडा
- यूरिया
- रंग
- परफ्यूम
- प्लास्टिक की केन और बोतलें
- बड़ी पैकिंग के बॉक्स
कितनी लागत आयेगी
छोटे स्तर पर लिक्विड सोप मेकिंग का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको अधिक लागत की आवश्यकता नहीं होती है। आप अपने घर के एक कमरे से ही यह काम शुरू कर सकते हैं। आप अपनी क्षमता के अनुसार मार्केट से केमिकल लाकर उसको मिक्स करके पैकिंग कर बाजार में बेच सकते हैं लेकिन यदि मध्यम व बड़े स्तर पर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको उसके लिए पर्याप्त जगह चाहिये। कम से कम 1000 वर्ग फुट की जगह की जरूरत होती है। उसके अलावा आपको कुछ मशीनों की भी जरूरत होती है। साथ ही आपको काम करने वाले कुशल व अकुशल श्रमिकों की भी आवश्यकता होती है। कच्चा माल भी खरीदना होता है। बिजली व पानी की भी सुविधा की जरूरत होती है। माल को लाने व ले जाने के लिए कम से कम एक वाहन की आवश्यकता होती है। इन सब खर्चों को जोड़ा जाये तो नया बिजनेस शुरू करने के लिए कम से कम 4 से 5 लाख रुपये की आवश्यकता होती है। लोकेशन व शहर की आर्थिक स्थिति के अनुसार यह लागत थोड़ी घट-बढ़ भी सकती है।
कितना मुनाफा मिल सकता है
बिजनेस कोई सा भी शुरू करें तो सबसे पहले यह ध्यान रखें कि सबसे पहले आपको अपना बिजनेस जबर्दस्त कंपटीशन के बीच स्थापित करना है। नये नये बिजनेस को स्थापित करने के लिए बिजनेस मैन को कई कुर्बानियां भी देनी होतीं हैं। इसमें उसे अपना मुनाफा भी कुर्बान करना होता है। लेकिन इसका तरीका भी है। आप अपना मुनाफा तो प्रोडक्ट के साथ जोड़ लें और उसे फिक्स भी कर लें। नये नये बिजनेस को जमाने के लिए अपने मुनाफे में से कुछ हिस्सा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कुछ गिफ्ट या ऑफर आदि के लिए रखें। ये ऑफर आप पहले साल के उस समय तक जारी रखें जब तक आपके प्रोडक्ट की मांग मार्केट में न आ जाये। इसमें छह माह भी लग सकते हैं और एक साल भी लग सकता है। यह आपकी मार्केटिंग रणनीति पर निर्भर करता है। एक बार आपकी मार्केट डिमांड आ जाये तो आप अपने प्रोडक्ट से धीरे-धीरे अपने ऑफर वापस ले सकते हैं। उसके बाद आपको मुनाफा पूरा मिलने लगेगा। वैसे अनुभवी लोगों का मानना है कि इस बिजनेस में आसानी से 25 से 30 प्रतिशत तक का लाभ लिया जा सकता है।
लिक्विड सोप मेकिंग बिजनेस को रफ्तार देने की कुछ खास टिप्स
लिक्विड सोप मेकिंग बिजनेस को रफ्तार देने के लिए बिजनेस मैन को कुछ खास बातों पर ध्यान देना होता है, जो इस प्रकार हैं:-
1. सबसे पहले बिजनेस मैन को इस बात का पूरा ध्यान देना होगा कि उसके प्रोडक्ट की क्वालिटी मार्केट में सबसे ज्यादा चलने वाले प्रोडक्ट के समान होनी चाहिये या उससे भी अच्छी होनी चाहिये। यही इस बिजनेस की जान होगी।
2. आज का जमाना चमक-दमक का जमाना है। इस जमाने को आप शो यानी प्रदर्शन का जमाना है। आप अपने प्रोडक्ट का जितना ज्यादा प्रचार कर पायेंगे आपकी मार्केट उतनी जल्दी और अच्छी बन जायेगी। इस तरह से आप अपने बिजनेस को उड़ान दे सकते हैं।
3. शुरू-शुरू में मार्केटिंग के लिए आपको सबसे अधिक खर्चा करना पड़ सकता है। इसके लिए आपको पम्पलेट, पोस्टर, बोर्ड, होर्डिंग्स, लोकल न्यूज पेपर, लोकल टीवी चैनल आदि में विज्ञापन देकर प्रचार का भी सहारा ले सकते हैं।
4. ऑफ लाइन प्रचार के साथ-साथ आपको ऑनलाइन प्रचार पर भी जोर देना होगा। ऑन लाइन प्रचार के लिए आपको सोशल मीडिया के अनेक प्लेटफार्म पर प्रचार करना होगा। पहले आप फ्री प्लेटफार्म का ही इस्तेमाल करें तो ठीक रहेगा। बाद में जरूरत पड़े तो आप पेड प्लेटफार्म का भी सहारा ले सकते हैं। यह आपके बजट पर निर्भर करता है। इसके अलावा आपको अपनी वेबसाइट बनवा कर भी प्रचार करना होगा।
5. मार्केट में आपको थोक व्यापारी, फुटकर व्यापारियों से मिलकर उन्हें माल देना होगा। इसके अलावा आप बिजनेस टू बिजनेस कंपनियों से भी डीलिंग करनी होगी। इसके बाद आपका बिजनेस रफ्तार पकड़ लेगा।
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