जीएसटी को लागू हुए करीब 1 साल से ज्यादा हो गया है। लेकिन अभी तक भी ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है। वहीं एचएसएन (HSN) कोड का मतलब क्या होता है इसके बारे में तो बहुत ही कम लोग जानते हैं। जीएसटी और एचएसएन कोड एक दूसरे से ही संबंधित है। दरअसल, जीएसटी को वर्गीकृत करने के लिए एचएसएन (HSN) कोड अपनाया जाता है। यदि आप भी एचएसएन की जानकारी से बेखबर है तो इस लेख के माध्यम से जान सकते हैं। आज हम आपको इस लेख के जरिए बताएंगे कि, एचएसएन कोड क्या होता है और जीएसटी में एचएसएन कोड क्यों जरूरी है? तो आइए जानते हैं एचएसएन कोड की पूरी जानकारी
HSN code kya hota hai | क्या है एचएसएन कोड?
यदि सरल भाषा में कहा जाए तो एचएसएन (HSN) कोड का अर्थ 'वस्तुओं का वर्गीकरण' करना होता है। बता दें, एचएसएन (HSN) कोड का पूरा नाम 'हार्मोन इज द सिस्टम ऑफ नोमेन कल्चर' होता है। जबकि हिंदी में इसे 'सामंजस्य पूर्ण सिस्टम नामकरण' कहा जाता है। एचएसएन (HSN) कोड सर्विसेस और ऑब्जेक्ट्स का एक अंतरराष्ट्रीय तरीका है। इतना ही नहीं बल्कि एचएसएन कोड का इस्तेमाल जीएसटी टैक्स के जरिए बेची जा रही सभी चीजों का सही रूप से क्लासिफिकेशन और उन पर लागू होने वाले टैक्स के रेट को फिक्स करने के लिए किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सभी वस्तुओं पर अलग-अलग टैक्स होते हैं ऐसे में उनके रेट भी अलग-अलग होते हैं। इसी टैक्स रेट विवाद से बचने के लिए एचएसएन कोड का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें, एचएसएन के अंतर्गत करीब 2 हजार कोड को तैयार किए गए हैं।
HSN code kyu jaruri hai | कितना जरूरी है एचएसएन कोड?
बता दें, जीएसटी में एचएसएन कोड का होना बहुत ही जरुरी है। क्योंकि एचएसएन (HSN) कोड के माध्यम से आप आसानी से पता कर सकते हैं कि मार्केट में बेचे जाने वाली किस वस्तु पर कितना टैक्स लगेगा। हर वस्तु पर एक अलग कोड तैयार किया गया है। मान लीजिए यदि मोटर बाइक पर टैक्स रेट 5% है तो बाइक के पार्ट्स के लिए यह टैक्स रेट अलग होगा। ऐसे में जब कोई व्यक्ति इस बाइक को बेचता है तो उसके बाइक का एचएसएन (HSN) कोड अलग होगा जबकि बाइक के पार्ट्स का एचएसएन कोड (HSN) अलग होगा। ठीक इसी प्रकार मार्केट में आए किसी भी प्रोडक्ट हीरे, मोती, सोने के गहने या फिर अन्य जेवरात इत्यादि पर एचएसएन कोड और टैक्स रेट भी अलग-अलग निर्धारित किया जाता है।
उदाहरण के तौर पर हम आपको कुछ एचएसएन कोड के बारे में बता रहे हैं जिससे आप जान पाएंगे कि कौन सी सर्विस के लिए कौन से कोड का इस्तेमाल किया जाता है।
- एचएसएन कोड 9987 : यह कोड इंपोर्ट एक्सपोर्ट के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- एचएसएन कोड 878704 : यह कोड ट्रांसपोर्ट के लिए निर्धारित किया गया है।
- एचएसएन कोड 9954 : यह कोड कंस्ट्रक्शन सर्विस के लिए निर्धारित किया गया है। इसी तरह करीब 2 हजार (HSN) एचएसएन कोड निर्धारित किए गए हैं।
क्या होता है एचएसएन कोड (HSN) का कार्य?
एचएसएन कोड जीएसटी के अंतर्गत आने वाले हर वस्तु का सही वर्गीकरण करता है और उन वस्तु पर लागू किया गया टैक्स को सुनिश्चित करने के लिए है। (HSN) एचएसएन कोड वस्तुओं पर 6 अंक, 4 अंक, 2 अंक और 8 अंकों का भी हो सकता है। बता दें, मार्केट में बेचे जाने वाले हर आइटम का एक अलग जीएसटी कोड निर्धारित किया जाता है और प्रत्येक वस्तु पर अलग-अलग जीएसटी टैक्स की दरें भी होती है। एचएसएन कोड के माध्यम से आप ये आसानी से पता लगा सकते हैं कि जिस माल को बेचा गया है उस प्रोडक्ट पर कितना टैक्स लगाया जाएगा। एचएसएन (HSN) कोड का मुख्य उद्देश्य होता है कि विश्व की वस्तुओं का वर्गीकरण करना। एचएसएन कोड के माध्यम से सारी वस्तुएं एक समान वर्गीकरण में लाया जाता है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सरल और आसान बनाया जाता है। बता दें, इसमें करीब 5 हजार से ज्यादा वस्तु है जिन पर 6 अंकों का एचएसएन (HSN) कोड निर्धारित किया गया है।
GST code kya hai | क्या होता है जीएसटी कोड?
बता दें, जीएसटी का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स हैं। जैसे कि पहले कारोबारियों को अलग-अलग तरह के कई टैक्स चुकाने होते हैं थे लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद सिर्फ एक ही टैक्स लगता है जिसका नाम में जीएसटी टैक्स। बता दें, जीएसटी लागू होने के बाद राज्य शुल्क, सेवा कर, लग्जरी कर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, बिक्री कर और अन्य ऐसे कई करों को एक साथ जोड़ दिया गया। जिसके बाद टैक्स की प्रक्रिया सरल हो गई और व्यपारियों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी। जीएसटी लगने के बाद से व्यापारी पंजीकरण, कर का भुगतान, रिटर्न दाखिल करना इत्यादि जैसे सभी काम ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल के जरिए भी कर सकते हैं। बता दें, पहले ई-कॉमर्स व्यवसाय करों में बहुत अंतर था लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद अंतर राज्य माल की आवाजाही से जुड़ी सारी परेशानियों को समाप्त कर दिया है। जीएसटी बिल लागू होने के बाद सबसे ज्यादा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वह देश की आम जनता का हुआ है। दरअसल, किसी भी सामान की कीमत पूरे देश में एक ही होगी। इसके अलावा जो अधिकारी कर वसूलते समय हेराफेरी करते हैं, इस तरह के मामलों में भी कमी आने लगेगी।
किन लोगों को जरूरी होता है एचएसएन का इस्तेमाल करना
- बता दें, जिन व्यक्तियों का टर्नओवर 1.5 से कम हो उन लोगों को एचएसएन कोड का पालन करना बहुत ही जरूरी होता है।
- जिन व्यक्तियों का टर्नओवर 1.5 से अधिक होता है उनको 2 अंकों वाले एचएसएन कोड का उपयोग करना होता है।
- इसके अलावा जिन लोगों का 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर होता है, उन लोगों को 4 अंकों वाला एचएसएन कोड इस्तेमाल करना होता है।
भारत में कैसे किया जाता है एचएसएन कोड का इस्तेमाल?
अब हम जानेंगे कि भारत में एचएसएन (HSN) कोड का इस्तेमाल कैसे किया जाता है और यह कितने नंबर का कोड होता है? जैसा कि हम सभी जानते हैं कि देश में जीएसटी लागू हो चुका है और इसके आने के बाद व्यापारियों को कई तरह के टैक्स से मुक्ति मिल गई है। ऐसा करने से व्यापारियों को जगह-जगह टैक्स देने की जरूरत नहीं रही और व्यापारियों के ऊपर से इसका बोझ भी कम हो गया। दरअसल, जीएसटी लगने के बाद सारे टैक्स एक ही टैक्स में शामिल हो गए हैं अब व्यापारियों को अलग-अलग टैक्स न देने की वजह केवल जीएसटी चुकाना होता है। बता दें, भारत में एचएसएन (HSN) कोड साल 1986 सेंट्रल एक्साइज (केंद्रीय उत्पाद शुल्क) के जरिए लागू हुआ था। जीएसटी एचएसएन कोड पहले 6 नंबर का होता था लेकिन वर्तमान में भारत में एचएसएन (HSN) कोड में दो नंबर और जोड़ दिए गए। दरअसल, दो नंबर और जोड़ने से वस्तुओं का वर्गीकरण अच्छे से होने लगा और स्पष्ट रूप से समझ आने लगा। अब भारत में किसी भी तरह की वस्तु की सही रूप से पहचान करने के लिए एचएसएन (HSN) कोड 8 का इस्तेमाल किया जाता है।
GST me HSN code | जीएसटी में एचएसएन कोड कैसे इस्तेमाल किया जाता है?
बता दें, भारत में एचएसएन (HSN) कोड का उपयोग जीएसटी के तहत वस्तुओं का वर्गीकरण के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर हम दवाई को फास्ट फूड के रूप में नहीं जानते लेकिन हम इसे औषधि के रूप में जरूर जानते हैं। ऐसी स्थिति में इसका वर्गीकरण होना बहुत जरूरी है ताकि सामान को आसानी से समझा जाए और किसी भी प्रकार की उलझन पैदा न हो। वस्तुओं का वर्गीकरण करने के लिए कुछ जरूरी नियम लागू होते हैं जो इस प्रकार है।
पहला नियम
- सबसे पहले वस्तुओं का वर्गीकरण करने के लिए इन वस्तुओं को अलग-अलग भागों में बांटना होगा, इसके बाद इन भागों को भी एक नाम दिया जाएगा।
- इसके बाद वस्तुओं का वर्गीकरण करने के लिए भागो और दिए गए नामों के शीर्षकों की मदद ले।
दूसरा नियम
- सामान्य शीर्षक के बावजूद एक विशिष्ट शीर्षक चुनना ज्यादा अच्छा रहेगा।
- मिश्रित उत्पादों को उस पदार्थ द्वारा वर्गीकृत किया जाना चाहिए जो उन्हें जरूरी यह आवश्यक चरित्र प्रदान करता है।
- इसके अलावा भी कई नियम बनाए गए जिनके जरिए सामानों का वर्गीकरण किया जाता है।
Conclusion
हम उम्मीद करते हैं की इस ब्लॉग के माध्यम से आपको समझ आ गया होगा की HSN code kya hai| आपको बता दें कि, एचएसएन का उपयोग करने पर यह आपके व्यापार को और भी सरल बनाएगा। इतना ही नहीं बल्कि आप एचएसएन के इस्तेमाल से भ्रमित और गलत अनुमान से भी बच सकेंगे। इसके अलावा एचएसएन आपको संपूर्ण शिपिंग का बेहतर अनुभव कराने में मदद कर सकता है। इसलिए आप कोशिश करें कि आपको एचएसएन कोड से जुड़ी सारी जानकारी से आप परिचित रहे ताकि आप अपने व्यवसाय में हमेशा शीर्ष पर रहे। ऐसा करने से आप भविष्य में किसी भी तरह के नुकसान से बचेंगे और बदलते समय के अनुसार आपको व्यापार में भी अधिक फायदा होगा। एचएसएन कोड और जीएसटी की पूरी जानकारी होने से आप किसी भी बिजनेस में आसानी से आगे बढ़ सकते हैं। आपके पास एचएसएन कोड से जुड़ी जानकारी जितनी अधिक होगी आपको व्यापार करने में उतनी ही आसानी होगी। यदि आप सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन अच्छे से करेंगे तो भविष्य में आपको बिजनेस में अधिक लाभ होंगे।
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