क्या स्नूकर क्लब का बिजनेस भारत में लाभदायक है?

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क्या स्नूकर क्लब का बिजनेस भारत में लाभदायक है?

बहुत कम ही लोगों को यह पता होगा कि जिस स्नूकर की पूरी दुनिया दीवानी है, उस स्नूकर का जन्म भारत में ही हुआ था।  इस खेल का जन्म स्थान भारत के मध्य प्रदेश के शहर जबलपुर शहर में हुआ था। इसके बाद इस खेल के सारे नियम व कानून ऊटी में बनाये गये थे। यह सच्चाई वर्ल्ड प्रोफेशनल्स बिलियर्ड्स एण्ड स्नूकर एसोसिएशन की वेबसाइट ने बहुत ही गर्व के साथ उजागर की है। स्नूकर को क्यू स्पोर्ट के नाम से जाना जाता है। इस गेम में इस्तेमाल की जाने वाले स्टिक को क्यू कहते हैं। इस गेम में 15 गेंदें लाल होतीं हैं, एक-एक बॉल पीली, नीली, गुलाबी, काली, भूरे और हरे रंग की होती है। प्रत्येक बॉल के अलग-अलग अंक होते हैं।

कैसे हुआ था स्नूकर का जन्म?

16 वीं शताब्दी में इस गेम के जन्म से पहले बिलियर्ड्स के रूप में खेला जाता था। इसके बाद 1875 में भारत के शहर जबलपुर के आफिसर मेस में उस समय के एमपी चेम्बरलेन ने स्नूकर के काले पूल में कई नये प्रयोग कर इस नये गेम स्नूकर के रूप में तैयार किया था। इसमें लाल रंग के अलावा अनेक रंगों को बॉल को शामिल करके क्यू स्पोर्ट को भी नये तरीके से बनाया था। उसके बाद यह गेम स्नूकर के नाम से जाना जाने लगा। जबलपुर में इस गेम को जन्म देने वाले चेम्बरलेन जब ऊटी में तैनात हो गये तब भी उन्होंन इस गेम को पूरी तरह स्थापित करने के प्रयास किया। वहां उन्होंने इस गेम के आवश्यक नियमों को बनाया। उस समय ऊटी को स्रूटी ऊटी कहा जाने लगा था। आपको यह जानकर काफी ताज्जुब होगा कि स्नूकर पूरी दुनिया के 90 देशों के 12 करोड़ लोगों द्वारा खेला जाता है। इस गेम को  देखने वालों की संख्या दुनिया भर में लगभग 45 करोड़  हैं। सबसे अधिक स्नूकर प्रेमी चीन में पाये जाते हैं। जहां पर लगभग 6 करोड़ लोगों द्वारा यह खेल खेला जाता है। वहां देखने वालों की संख्या भी काफी अधिक है।

भारत में सबसे लोकप्रिय खेल क्रिकेट है

भारत  में खेलों में क्रिकेट सबसे अधिक लोकप्रिय है। इसके आगे हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी, कुश्ती, मुक्केबाजी, दौड, कूद, जिम्नास्टिक, बिलियर्ड्स, स्नूकर , टेनिस, लॉन टेनिस, वॉलीबॉल आदि किसी भी खेल को उतनी तरजीह नहीं दी जाती है। अन्य खेलों के खिलाड़ियों द्वारा चाहे जितनी बड़ी प्रतियोगिता जीत ली जाये, उसको उतना महत्व नहीं दिया जाता जितना क्रिकेटर को दिया जाता है। क्रिकेटर ने कोई छोटी सी प्रतियोगिता भी जीत ली हो तो उसे मीडिया इतना बड़ा कवरेज देता है जैसे कि ओलम्पिक के सारे मेडल जीत लिये हों ।दूसरे खेलों मे ओलम्पिक का स्वर्ण पदक जीतने वाले को उतना महत्व नहीं मिलता है।

तेजी से उभरने लगा है स्नूकर

स्नूकर को धीरे-धीरे भारत में काफी लोकप्रियता मिलने लगी है। 2017 में कप्तान पंकज आडवाणी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान को हरा कर एशियाई खिताब अपने नाम किया था। इस विजेता को उस समय वापस अपने देश भारत आने पर हाथों हाथ लिया गया था। उस समय स्नूकर प्रेमियों ने कहा था कि भारत केवल क्रिकेट नहीं खेलता है और न ही केवल क्रिकेट में जीतना जानता है। बल्कि भारत में स्नूकर भी होता है और उसके ऐसे सूरमा खिलाड़ी भारत में हैं जो एशियाई प्रतियोगिता में पाकिस्तान को भी हरा सकते हैं।

Snooker ball on snooker table

स्नूकर क्लब की शुरुआत कैसे की जाये

स्नूकर गेम क्रिकेट व अन्य गेम की तरह नहीं है जिसे चाहे जहां खेला जा सकता है। यह एक ऐसा इन्डोर खेल है जिसके लिए सारी व्यवस्थाएं करनी होतीं हैं। यह खेल थोड़ा महंगा होने के कारण सम्पन्न लोगों का शौक माना जाता है। स्नूकर क्लब को खोलने के लिए बिजनेस मैन को एरिया में सर्वे करना होगा कि किस एरिया में स्नूकर प्रेमी सबसे अधिक कहां पर रहते हैं। स्नूकर प्रेमियों की संख्या को किसी बड़े स्नूकर क्लब से पता लगाया जा सकता है। यह संख्या पता लगने पर बिजनेस मैन को उनके पते ठिकाने मालूम करने होते हैं। इससे बिजनेस मैन को अपना मार्केट एरिया का पता चल सके। इसके सहारे ही उसे अपने कस्टमरों की वास्तविक संख्या भी मालूम हो सकती है।

इसके बाद आपको उस एरिया के ग्राहकों की पसंद में स्नूकर सेट जैसे पूल स्नूकर, पब्लिक स्नूकर, स्माल स्नूकर, सेंटर टेबल स्नूकर अथवा प्राइवेट रूम स्नूकर का पता लगायें ताकि आपको अपने बिजनेस में कस्टमर को अच्छी सर्विस देने का पूरा मौका मिल सके। उसका लाभ उठाकर अपना बिजनेस स्थापित कर सकें।

चूकि स्नूकर सम्पन्न घराने के युवकों और उससे बड़ी उम्र के लोगों की शौक का गेम है। इसलिये आपके क्लब काउंटर पर जो भी व्यक्ति बैठे वो काफी शालीन और मधुर व्यवहार करने वाला होना चाहिये। जिससे किसी तरह के विवाद की गुंजाइश न हो। इसके अलावा ये व्यक्ति ऐसा होना चाहिये कि यदि किसी गलतफहमी को लेकर खिलाड़ियों में आपस में किसी तरह का विवाद हो तो उसे सुलझा सके।

  • स्नूकर क्लब शहर के नजदीक ऐसी खुली जगह पर खोलना चाहिये जहां पर कई गाड़ियों को आसानी से पार्क किया जा सके और किसी को तकलीफ भी न हो।
  • स्नूकर क्लब को हमेशा नीचे बेसमेंट या ग्राउंड फ्लोर पर ही खोलना चाहिये। इनमें से जो भी जगह आपको सस्ते किराये पर मिले उसका चुनाव करना चाहिये।
  • बेसमेंट का हॉल किराये पर लेते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि उसमें सीलन या दीमक आदि न हो क्योंकि स्नूकर की लाखों रुपये की आने वाले टेबलों को सीलन व दीमक दोनों से नुकसान हो सकता है।
  • स्नूकर का क्लब कभी भी टॉप फ्लोर पर नहीं खोलना चाहिये। पहला तो ग्राहकों के आने-जाने में परेशानी होती है। दूसरा कस्टमरों के खेलने कूदने से जो धमक होती है, उस पर नीचे मंजिल वाले ऐतराज जता सकते हैं।
  • टॉप फ्लोर पर स्नूकर क्लब बनाने का एक और नुकसान आपको हो सकता है। सबसे ऊपर होने कारण सर्दी, गर्मी और बरसात सहित सभी मौसमों के दुष्प्रभाव का सबसे अधिक असर होता है। इससे स्नूकर की टेबल  को नुकसान होने की आशंका बनी रहती है।
  • वैसे बेसमेंट स्नूकर क्लब के लिए सबसे अच्छा स्थान होता है, जहां सर्दियों में सर्दी का असर कम रहता है और गर्मियों में गर्मी भी कम रहती है। बरसात  में पानी व सीलन की कोई टेंशन नहीं रहती है।

स्नूकर क्लब खोलने के लिए किन किन चीजों की जरूरत होती है

  1. एक बड़ा सा हॉल जहां पर 5-7 स्नूकर टेबिलें आराम से लगायी जा सकें
  2. इसके अलावा कम से कम दो रूम स्नूकर टेबिल के लिए होने चाहिये
  3. पांच-सात स्नूकर टेबिलें
  4. पांच-सात टेबिलों पर आवश्यक खिलाड़ियों के लिए स्टिक व बॉल के दोहरे सेट
  5. क्लब में आने वाले खिलाड़ियों के लिए पानी व वाशरूम की व्यवस्था
  6. क्लब में आने वालों की गाड़ियों के लिए पार्किग की व्यवस्था
  7. एक रिशेप्सनिस्ट
  8. एक सहायक

सुरक्षित बिजनेस इस तरह से करें

1. जिस बिजनेस के बारे में अनुभव न हो तो उस बिजनेस को छोटे से ही शुरुआत करनी चाहिये। जैसे-जैसे अनुभव आता जाये, पास में पैसे आते जायें और लोगों की डिमांड बढ़ती जाये तो उस बिजनेस को बढ़ाना चाहिये। इसलिये इस बिजनेस के जानकार लोगों का कहना है कि यदि स्नूकर क्लब खोलने के लिए आपके पास अपनी खुद की पर्याप्त जगह है तो दो या तीन स्नूकर की टेबिल लगाकर बिजनेस शुरू करना चाहिये। उसके बाद धीरे-धीरे टेबिलों की संख्या बढ़ानी चाहिये। इस बिजनेस में आपका व्यवहार सबसे अधिक मैटर करता है।

2. आपका बजट कम है और आप अधिक टेबिल लगाकर बिजनेस करना चाहते हैं । उसके लिए अच्छा विकल्प यह है कि आप नई टेबिल की जगह अच्छी कंडीशन वाली इस्तेमाल की गयी टेबिलों को यूज कर सकते हैं। दोनों की तरह की टेबिलों के दामों में काफी अंतर होता है। जहां छोटी से छोटी

3. नई टेबिल 2 से 5 लाख में आती है, वही यूज्ड टेबिल एक से डेढ़ लाख रुपये तक में मिल सकती है। इस तरह से आप अपने खर्चे कम करके अधिक टेबिल लगाकर अपना काम शुरू कर सकते हैं।

4. दो तीन टेबिल लगाकर आपको कम से दो वर्ष तक ग्राहकों के उतार चढ़ाव को देखते रहना चाहिये। उसके बाद आपके लगे कि क्लब की बढ़ती डिमांड को आप अच्छी तरह से संभाल लेंगे और आपके पास पूंजी की व्यवस्था भी आसानी से हो जाये तो आप अपने बिजनेस को विस्तार दे सकतें हैं।

स्नूकर क्लब का बिजनेस प्लान भी बनायें

आपको सारी व्यवस्थायें जमाने और स्नूकर क्लब को अच्छी तरह से चलाने के लिए बिजनेस प्लान बनाना चाहिये। आपको हॉल लेना है, टेबिल लेनी हैं, स्टिक व बॉल लेनी है, बिजली, पानी, पार्किग आदि की सुविधाएं भी करनी है। इसके अलावा रिशेप्सनिस्ट, सहायक आदि की सैलरी, मार्केटिँग आदि पर होने वाले खर्चें भी करने हैं। इन सभी खर्चों को  जोड़ लें, पूंजी की व्यवस्था पहले से है तो ठीक वरना किस तरह से पूंजी की व्यवस्था का जिक करें, किस तरह से क्लब चलायेगे, इन सभी का एक लेखा-जोखा पहले से तैयार कर लेंगे तो आपको काफी सुविधा होगी।

कौन कौन से लाइसेंस चाहिये

स्नूकर क्लब खोलने के लिए आपको एक साधारण शॉप की तरह लाइसेंस लगेंगे। सबसे पहले तो आपको अपने स्नूकर क्लब का बहुत ही आकर्षक नाम रखना होगा जिसमें स्नूकर क्लब का अवश्य जिक्र होना चाहिये। ताकि आपके नाम से ही लोग जान जायें कि ये स्नूकर क्लब है। उसका शॉपिंग एक्ट में रजिस्ट्रेशन करवायें। उसके बाद अपनी फर्म को ट्रेड मार्क से रजिस्ट्रेशन अवश्य करवायें ताकि भविष्य में आपके क्लब का नाम अच्छा चल जाये तो कोई आपके नाम से दूसरा क्लब न खोल सके। साथ ही आप अपनी फे्रंचाइजी देना चाहें तो दे सकें। जब आपका टर्नओवर जीएसटी के दायरे में  आ जाये तब आपको जीएसटी नंबर लेना होगा। लोकल अथॉरिटी से भी परमीशन लेनी आवश्यक है।

कम से कम और अधिक से अधिक लागत कितनी आयेगी

प्रत्येक बिजनेस की तरह स्नूकर क्लब का बिजनेस भी छोटे और बड़े लेबल से शुरू किया जा सकता है। अब यह बिजनेस मैन की क्षमता पर निर्भर करता है कि वह इस बिजनेस में कितना बड़ा जोखिम उठा सकता है। यानी इन्वेस्ट करके अपना बिजनेस शुरू कर सकता है। वैसे विशेषज्ञों की राय के अनुसार आपको बहुत छोटे लेबल से क्लब की शुरूआत करनी चाहिये। इसमें यदि आपके पास खुद का हॉल आदि है तो आपको छोटे लेबल से स्नूकर क्लब खोलने के लिए 3-4 लाख रुपये की जरूरत होगी। इसमें आपको स्नूकर टेबिल इस्तेमाल की हुई खरीदनी होंगी। दो से तीन टेबिलों से ही बिजनेस शुरू करना होगा।

यदि आप बड़े लेबल से स्नूकर के क्लब का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। यदि आपके पास अच्छी खासी पूंजी है और आपके पास कोई बेसमेंट या ऐसी जगह पड़ी हुई है जिसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। उस जमीन को स्नूकर क्लब बनाने में इस्तेमाल करके आप अपना अच्छा बिजनेस शुरू कर सकते हैं। यदि आप नई टेबिलें लगाकर यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए कम से कम 20 लाख रुपये की जरूरत होगी।

मुनाफा कितना तक कमाया जा सकता है

स्नूकर क्लब के बिजनेस में मुनाफे की कोई थाह नहीं है। बस आपके बिजनेस के चलने पर निर्भर करता है। यदि आपके पास लगातार ग्राहक आते रहते हैं और सभी टेबलों पर पूरे समय तक बुकिंग रहती है तो आपको अच्छी खासी आमदनी हो सकती है। उदाहरण के तौर पर जानते हैं, यदि कोई 10 टेबल वाला स्नूकर क्लब है और प्रत्येक टेबल से बिजनेस मैन को पूरे दिन में 1000 से 1500 रुपये मिलते हैं तो उसकी एक दिन की आमदनी दस से पन्द्रह हजार रुपये होगी और प्रतिमाह तीन से चार लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है। इस बिजनेस की खास बात यह होती है कि इसमें शुरू-शुरू में ही जो कुछ लागत लगती है वही लगती है। उसके बाद तो आपको आमदनी ही आमदनी होती रहती है क्योंकि नई टेबिलों का 20-20 साल तक कुछ नहीं बिगड़ता है। केवल साल में एक बार उनका कपड़ा बदलता है। जिस पर प्रति टेबल 10-15 हजार रुपये खर्च आता है। क्यू यानी स्टिक भी काफी लम्बे समय तक चलती है । बॉल यदि अच्छी क्वालिटी की ले रखीं हैं तो वो भी कई वर्षों तक चलती हैं।

Hand with cue aiming on billiard ball at table

मार्केटिँग कैसे की जाये

स्नूकर क्लब का बिजनेस जरा अलग हटकर बिजनेस है। इसके लिए आम बिजनेस की तरह मार्केटिँग नहीं की जा सकती है। इसके लिए आपको आनलाइन प्रचार पर ज्यादा फोकस करना होगा। अपने क्षेत्र में होने वाली स्नूकर की प्रतियोगिताओं में भाग लेना होगा और वहां अपने क्लब की खास खास बातों का प्रचार करना होगा।

चूंकि इस बिजनेस में टॉप क्लास के लोग आपके ग्राहक होते हैं तो आप उनको खुश करके अपना ग्राहक बना सकते हैं। उनको किस तरह से आकर्षित कर सकते हैं, वो टिप्स आपको तलाशने होंगे। यह काम बहुत कठिन नहीं है।

इसके अलावा आप उन जगहों को टारगेट करके अपनी मार्केटिंग कर सकते हैं जहां शहर के सम्पन्न घराने के लोग अक्सर इकट्ठा होते हों। बिजनेस कार्यक्रम,सेलेब्रिटी कार्यक्रम, फैशन शो,ब्यूटी कांटेस्ट  जैसे कार्यकम हों। यदि इन कार्यक्रमों आपको सह आयोजक व स्पांसरशिप करने का मौका मिल जाये तो उसे अवश्य ही कर लेना चाहिये, जिससे हाई क्लास के पास आपके क्लब की जानकारी पहुंच सके।

अपना बिजनेस बढ़ाने के लिये और क्या करें

सच्चे बिजनेस मैन की यही पहचान है कि उसी परिसर में और उसी समय में थोड़ा बहुत प्रयास करके यदि कुछ अतिरिक्त कमाया जा सकता है तो उसे कतई चूकना नहीं चाहिये। चूंकि आपके स्नूकर क्लब में रिच फेमिली के लोग आयेंगे और वहां पर थोड़ा समय भी बितायेंगे। कोई समय ऐसा भी होगा जब लोगों को खाने-पीने की जरूरत महसूस होती हो तो उनके लिए एक कैफटेरिया खोल लें, जहां उनकी पसंद के कंपनी के प्रोडक्ट देकर कुछ कमाई की जा सके।

यदि आपके क्लब में कोई प्राइवेट रूम स्नूकर टेबिल की डिमांड करता है तो आपको उसकी प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखना होगा। साथ ही रूम स्नूकर टेबल के लिए कुछ आवश्यक शर्तें व नियम पहले से बनाकर रखें ताकि आपके ग्राहक को पहले से ही सारी जानकारी मिल जायेगी तो फिर किसी तरह के विवाद होने की संभावना नहीं रहेगी।

किन-किन चीजों से बचना होगा

स्नूकर क्लब के बिजनेस में दो तरह से नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। पहला नुकसान मौसम की मार से हो सकता है। बरसात और सर्दियों में सीलन से बचने की सारी तैयारियों को पहले से करना होगा। दूसरा नुकसान ग्राहकों के बीच किसी गलतफहमी अथवा ईगो के चलते होने वाले विवाद से हो सकता है। ऐसी स्थिति की संभावना को पहले से ही परखें और उसका जल्द से जल्द निवारण कर लें। ताकि इस तरह की कोई अप्रिय नौबत न आये।

जिन क्लबों में एयरकंडीशन की सुविधा नहीं होती है । वहां पर सर्दी और गर्मी के सीजन में बिजनेस पर  काफी असर पड़ता है। सर्दियों में तो ग्राहक अधिक आते हैं और वहां पर खेलने कूदने में रुचि भी दिखाते हैं लेकिन वही ग्राहक गर्मियों में क्लब जाना पसंद नहीं करते हैं। गर्मी के मौसम में बेसमेंट में चलने वाले क्लबों में काफी गर्मी महसूस करते हैं।  ऐसे में वहां ग्राहक आकर पसीना नहीं बहाना चाहते। इसलिये अपने बिजनेस को उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए एसी आदि की व्यवस्था करनी चाहिये।

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