क्यों कराना चाहिए आपको अपने व्यवसाय का इंश्योरेंस?

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क्यों कराना चाहिए आपको अपने व्यवसाय का इंश्योरेंस?

आज के समय में अपना बीमा कराना या फिर बीमा पॉलिसी लेना हर किसी के लिए समझदारी भरा निर्णय होता है. और जब बात किसी व्यापार करने वाले इंसान और उसमें भी कोई छोटे व्यापार की हो तो ये और भी ज्यादा जरूरी होता है. अब बिजनेस बड़ा हो या फिर छोटा हर किसी को जोखिम तो उठाना ही पड़ता है. अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए आप तरह तरह की रणनीति बनाते हैं और उस को जमीनी तौर पर अप्लाई करते हैं तो इस तरह के काम में हर समय जोखिम तो होता ही है. और सभी बिजनेस मैन को इस दौरान जो एक चीज नहीं भूलना चाहिए वो है उसका और उन की कंपनी का जीवन बीमा करवाना.

अगर किसी बिजनेस मैन ने अपना इंश्योरेंस नहीं करवाया है तो उसे और उसकी फैमिली को अपने और अपने बिजनस में हुए किसी तरह की दुर्घटना का सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है. अब आज के समय में कब किस को, क्या हो जाए कोई बता नहीं सकता. लेकिन आपको और आपके परिवार के आर्थिक मदद मिलती रहे तो सभी की जिंदगी आसान हो जाती है. इस काम में आपका कराया हुआ इंश्योरेंस काफी अहर रोल प्ले करता है. और इसमें छोटा बिजनेस करने वालों के लिए तो अपना बीमा करवाना और भी जरूरी हो जाता है. अगर आप सोचते हैं की बीमा करना जरूरी नहीं और इसमें पैसे बेकार में भर कर बर्बाद होते हैं. तो आप को सोचना चाहिए की अचानक से हुए किसी एक्सीडेंट या दुर्घटना के बाद उसके बिजनेस या परिवार को कौन देखेगा. लेकिन अगर आप ने अपना बीमा कराया हुआ है तो आप सीधा पैसों के लिए क्लेम कर सकते हैं. जिस से आपके परिवार या आप के जीवन को आगे आर्थिक मदद मिल सके. इस लिए आप को जानना काफी जरूरी है की बीमा आपके लिए क्यों जरूरी भी है और फायदेमंद भी. इस लेख में आज आपसे आपके बिजनेस के लिए बीमा क्यों जरूरी है उस बारे में बात करने के साथ ही कुछ और जरूरी जानकारी दूंगा जिस की मदद से आप अपना और अपनी कंपनी का बीमा कर सकें.

लाइफ इंश्योरेंस करवाने के फायदे

इंश्योरेंस कराने के काफी फायदे हैं. आप जाहें तो अपना, अपने परिवार का या अगर आपको कोई व्यापार है तो उसकी भी बीमा करा सकते हैं. अपने व्यवसाय का बीमा कराना आज के समय में काफी जरूरी है. और कई छोटे और बड़े व्यापारियों ने अपने बिजनेस का बीमा कराया है. इसका ये फायदा है की अगर भगवान ना करे आपके साथ कोई दुर्घटना होती है तो बिजनेस लोन के पैसा बीमा कंपनी दे देती है. इस से आपके परिवार पर भविष्य में कम पैसों का कोई बोझ नहीं पड़ता. इंश्योरेंस करना के कई फायदे हैं. जैसे की

  • इस से आपके परिवार को आर्थिक रूप से मदद मिलती है
  • आप के द्वार आपके बिजनेस के लिया गया लोन चुकाने में आप को आसानी हो जाती है
  • आप अपने बीमा के आधार पर बिजनेस लोन ले सकते हैं.
  • बिजनेस या फिर आप पर अचानक आई किसी मुसीबत को आसानी से संभाला जा सकता है
  • आपके द्वारा कराया गया बीमा दिखा कर आप को टैक्स में छूट भी मिल जाती है.
  • भविष्य में आपके या बिजनेस के ना रहने से आपके परिवार को आर्थिक रूप से मदद मिल जाती है.

इसके साथ ही इंश्योरेंस कराने से आपके बच्चों की पढ़ाई और दूसरी जरूरी चीजों को पूरना करने में मदद मिल जाती है. इंश्योरेंस की सबसी अच्छी बात ये है की इस में आपके द्वारा की गई छोटी बचत से कुछ टाइम बाद बड़ी रकम में लिया जा सकता है. इन पैसों का उपयोग आप अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.

आपके उधार चुकाने और भविष्य के लिए सहायक है इंश्योरेंस

कई छोटे बिजनेस करने वाले लोगों को अक्सर बिजनेस लोन की जरूरत पड़ जाती है. बिजनेस लोन अगर टाइम पर वापस ना दिया गया तो आपको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन बीमा में आपको ज्यादा पैसे जमा नहीं करने पड़ते बल्कि इसमें आप के थोड़े थोड़े पैसें जमा किए जाते हैं जो भविष्य में बड़ी रकम बन जाती है. इस पैसों से आप जाहें तो अपना उधार लिया हुआ पैसा चुका सकते हैं. या फिर अपने और अपने परिवार के भविष्य के लिए बचा सकते हैं. आप बच्चों की पढ़ाई, शादी या फिर बिजनेस को बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं.

इंश्योरेंस पर आप कर सकते हैं लोन की मांग

आज के समय में बीमा कंपनियों ने छोटे बड़े बिजनेस करने वाले लोगों के लिए कई तरह की बीमा पॉलिसियां डिजाइन की है. जिस के आधार पर आप अपनी कंपनी की बीमा करा सकते हैं. इस के बीमा में अगर किसी समय व्यापारी की मृत्यु हो जाती है तो बाद में व्यापारी के द्वारा बनाए गए नॉमिनी को बीमा का पैसा मिल जाता है. इससे आप चाहें तो लोन की मांग कर सकते हैं. या फिर इसे भविष्य के लिए भी बचा सकते हैं.

छोटी और अचानक आई मुसीबत के लिए जरूरी है इंश्योरेंस कराना

इंश्योरेंस पॉलिसी के आधार पर आप अपने और आपके परिवार पर भविष्य में आने वाली छोटी छोटी मुसीबतों और जरूरतों से निपट सकते हैं. अगर आपको किसी का उधार देना हो. या बिजनेस का विस्तार करना हो. या अचनाक आपके व्यापार में किसी तरह का कोई नुकसान या दुर्घटना हो जाए या आपके साथ ही कोई मुसीबत आ जाती है तो आप इंश्योरेंस के पैसों से इस से निपट सकते हैं.

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आपके टैक्स को बचाने में सहायक

सही सुना आप ने बीमा पॉलिसी के जरिए टैक्स भी बचाया जा सकता है. अगर आप नहीं जानते तो जान लीजिए की इंश्योरेंस के आधार पर हर कोई बीमा पॉलिसियों में डेढ़ लाख तक टैक्स में लाभ हासिल कर सकता है. इस बारे में अधिक जानने के लिए आपको टैक्स डिपार्टमेंट से संपर्क करना पड़ेगा. यहां आप इस बारे में उनसे अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं.

छोटे व्यपारियों के लिए 9 तरह की बीमा पॉलिसी जिस के आधार पर आप अपनी कंपनी का बीमा करा सकते हैं.

1. जनरल लायबिलिटी इंश्योरेंस

ये एक बेसिक बीमा है जो छोटे बड़े सभी व्यापारियों के पास होना चाहिए. ये आपके बिजनेस को होने वाले छोटे नुकसान जैसे आपके किसी कर्मचारी का दुर्घटनाग्रस्त हो जाना, प्रॉपर्टी का नुकसान, न्यायलय का खर्च जैसे हालतों के लिए सबसे अच्छा बीमा है आप चाहे अपने घर से कोई बिजनेस चला रहे हैं या फिर कोई दुकान या स्टोर ले कर आपके पास ये बीमा होना ही चाहिए.

क्या क्या शामिल है इसमें?

इसमें आपके बिजनेस में होने वाली प्रोपर्टी को नुकसान, किसी कर्मचारी को लगने वाली चोट या बीमारी, दवाईयों का खर्च, से लेकर वकील की फीस आदी तक में मदद करता है. इस लिए अगर आप कोई छोटा काम कर रहे हैं तो आपको इसकी जरूरत जरूर पड़ेगी.

2. प्रॉपर्टी डैमेज इन्शोरेंस

नाम के ही हिसाब से ये बीमा आपकी प्रॉपर्टी को होने वाले नुकसान को बचाने और उस की भरपाई करने के लिए है. मानों अगर आपने ने कोई स्टोर या दुकान में अपना कोई बिजनेस का सामान रखा है. लेकिन कई कोई दुर्घटना हो जाए या शॉर्ट सर्टिक से आग लगने से आपके सामान को नुकसान पहुंच जाए. इस से आपको काफी नुकसान हो जाएगा. और अगर ऐसे हालात में आपने अपनी प्रॉपर्टी का बीमा नहीं कराया हो. तो नुकसान के कारण आपके काफी खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इस लिए आपको अपनी प्रॉपर्टी को बचाने के लिए ये बीमा कराना चाहिए.

क्या क्या शामिल है इसमें?

इस बीमा से आप अपनी प्रॉपर्टी को होने वाले सभी नुकसान जैसे उपकरणों, संपत्ति या फर्नीचर को होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकते हैं. जो कुदरती आपदा, अचानक आग लगने, या चोरी की वजह से हुई हो.

3. व्हीकल पॉलिसी

भारत सरकार के नियमों और गाइडलाइन के अनुसान आपको अपने व्यापार में काम आने वाले वाहनों का व्हीकल पॉलिसी का बीमा कराना चाहिए. यानी आप या आपका कोई कार्मचारी वाहन का इस्तेमाल करता है. तो उन के साथ साथ आपके वाहन का बीमा भी होना अनिवार्य है जिस से किसी दुर्घटना या एक्सीटेंड के बाद आपको हर्जाना आसानी से मिल सके.

क्या क्या शामिल है इसमें?

इस पॉलिसी में सबसे अच्छी बात ये है की इसमें वाहन के साथ साथ वाहन चालक और एक तीसरे इंसान के लिए भी हर्जाना मिलता है. जो वाहन में दर्घटना के समय मौजूद हो या उसे कोई चोट लगी हो. इसमें आग, एक्सीडेंट, चोरी जैसे सभी हालात शामिल हैं.

4. एमप्लॉयी पॉलिसी

आपके साथ काम कर रहे कार्यकर्ताओं को कोई नुकसान या क्षति पहुंचती है या किसी कारण से उसकी मृत्यु हो जाती है तो ये आपके बिजनेस के लिए काफी खराब होगा. इसमें बात सिर्फ अपने कर्मचारी या उसके परिवार को हर्जाना देने की नहीं है. अगर आपके पास काम कर रहे कर्मचारी के घर वाले चाहें तो आपके खिलाफ कानूनी मुकदमा दर्ज करा सकते हैं. इसी वजह से विदाशों के साथ ही अब भारत में भी एमप्लॉयी बीमा करना जरूरी हो गया है.

क्या क्या शामिल है इसमें?

इसमें बीमा कंपनियां किसी व्यवसाय या दुकान में काम करने वाले कार्यकर्ता की मृत्यु या बीमारी के खर्च को सुरक्षित रखती है. इसमें वे सभी कानूनी खर्च भी आते हैं जो कार्यकर्ताओं के परिजनों या परिवार के लोगों की तरफ से मुकदमा दायर करने से उठाने पड़ते हैं.

5. लीगल लायबिलिटी बीमा

किसी भी काम या बिजनेस में विक्रेता या फिर किसी ग्राहक के साथ नोक झोक या कोई विवाद होना आम बात है. और कभी कभी ये झगड़ा इसना बड़ जाता है की आपको कोर्ट की मदद लेनी पड़ जाती है. इस बीमा की वजह से आपके कोर्ट में होने वाले सभी खर्चों का ख्याल रखा जाता है. और अगर आपका ये बीमा नहीं हुआ है तो आपको सारे खर्च खुद ही उठाना पड़त सकता है.

क्या क्या शामिल है इसमें?

इसमें वे सभी खर्च आते हैं जो कानूनी कार्रवाही के कारण आपको या आपके बिजनेस को उठाने पड़ सकते हैं.

6. प्रोडक्ट लायबिलिटी इन्शोरेंस

अगर आपका बिजनेस किसी चीज का उत्पादन करना है तो आपको भी इस बीमा को कराना चाहिए. हो सकता है की आपके उत्पादों से आपके ग्राहकों को कोई नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में इन हालातों से बचने के लिए भी आपके पास इस बीमा का होना बहुत जरूरी है. और भविष्य में ये आपकी काफी मदद कर सकता है.

क्या क्या शामिल है इसमें?

इसमें वैसे तो सभी वो खर्च शामिल है जो आपके प्रोडक्ट या उत्पाद के इस्तेमाल के कारण आपके ग्राहक या किसी इंसान को नुकसान पहुंचा हो. इसी लिए आपके पास इस बीमा का होना जरूरी है.

businessman holding insurance papers and pen in his hands

7. बिजनेस इंटेररूपशन पॉलिसी

ये बीमा उन बिजनेस करने वाले के लिए सबसे अच्छा होता है जिन का स्थायी होना जरूरी है. जैसे की किसी किराना स्टोर या कोई छोटी मोटी दुकान. कई बार कुदरती आपदाओं के कारण या फिर आपके इलाके में दंगों के कारण आपके कार्यकर्ता दुकान पर नहीं आ पाते. इस से आपके बिजनेस में हस्तक्षेप होता है. और आपके दिन भर की आय को नुकसान पहुंचता है. ये बीमा आप को ऐसे आर्थिक घाटों से बचाने में सबसे ज्यादा मदद करता है.

क्या क्या शामिल है इसमें?

प्राकृतिक आपदाओं जैसे की आग लगना. या किसी वजह से आपके बिजनेस में हस्तक्षेप होने के कारण आपको होने वाले नुकसान की भरपाई आप इस पॉलिसी से कर सकते है. इस से आपको काफी मदद मिलेगी.

8. एरर्स और ओमिशन इंश्योरेंस

अगर आप अपने पास आए ग्राहकों को सही तरह की सर्विद देने में असफल होते हैं तो आपको उन लोगों की तरफ से घृणा का सामना करना पड़ सकता है. जो आपको आपको आपके सामान का भुगतान करने से भी मना कर सकता है. इस से आपके बिजनेस को काफी नुकासन पहुंचता है.

क्या क्या शामिल है इसमें?

इस पॉलिसी में वो सभी नुकसान शामिल है जो आपको आपकी लापरवाही के कारण झेलने पड़ सकते हैं.

9. कस्टमाइज्ड इन्शोरेंस

अगल अगल तरह के बिजनेस के लिए अलग अलग तरह के बीमा की जरूरत पड़ती है. ऐसे में बीमा कंपनियां उन के लिए उन की शौलियत के हिसाब से बीमा तैयार करती है.

क्या क्या शामिल है इसमें?

जैसे की रेस्ट्रोरेंट वाले रेस्ट्रॉरेंट वाला बीमा ले सकते हैं. पेट्रोल पंप वाले पेट्रोल पंप वाला इंश्योरेंस या वेयर हाउस वाले उस के मतलब का बीमा ले सकते हैं. इस से आपके बिजनेस को आप के हिसाब से भविष्य में फायदा ही होगा.

सभी बीमा पॉलिसी में प्रीमियम और डिडक्टिबल देना पड़ता है. प्रीमियम उसे कहते हैं जो आप को बीमा कंपनी की तरफ से होने वाले आर्थिक फायदों के बदले देना पड़ता है. और डिडक्टिबल उसे कहा जाता है. जो आप को क्लेम के समय देना पड़ता है. आसान शब्दों में बताऊं तो जितना काम आपका डिडक्टिबल होगा उतना ही अधिक आपको प्रीमियम भरना पड़ता है. ये सब अब आप पर निर्भर करता है कि आप पूरी तरह से सोच समझ कर तय करें. की कौन सा बीमा लेना है और किस से आपको या आप के बिजनेस को सब से ज्यादा फायदा होगा. ये आप के इलाके और आप के बिजनेस के आधार पर ले सकते हैं मसलन आपके बिजनेस में आपको कितना जोखिम उठाना पड़ सकता है या आप को कितना आर्थिक खामियाजा उठाना पड़ सकता है.

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