जीएसटी लागू होने के बाद से ही सभी व्यापारियों ने जो जीएसटी के कर दायरे के अंतर्गत आते हैं उन्होंने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। इस आर्टिकल में हम इस बात को समझेंगे की किनको हर महीने जीएसटी भुगतान करना है और किन व्यापारियों को त्रैमासिक भुगतान करना अनिवार्य है। जीएसटी का भुगतान व्यवसायी दो तरीके से कर सकता है जिसमे पहला विकल्प "ऑनलाइन" का है यह पूरी तरह से पेपर रहित है और सॉफ्ट कॉपी के जरिये कर अदा किया जा सकता है। दूसरा विकल्प "ऑफलाइन" है जिसे नकदी/चेक/डीडी द्वारा बैंक में भुगतान कर सकते हैं। साथ ही जानेंगे की कौन सा विकल्प अच्छा रहेगा कर अदायगी के लिए।
जीएसटी कर की बात करें तो सबसे पहले उठने वाला प्रश्न है की-
1. जीएसटी कर भरना किसका उत्तरदायित्व है?
जीएसटी (माल एवं सेवा कर) के भुगतान का निर्वाह आपूर्तिकर्ता का होता है जो की वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति करता है। जबकि कई मामले ऐसे हैं जिनमे प्राप्तकर्ता या आयात करवाने वाले पर इसका भर वहन करवाया जा सकता है। अंतर राज्य सेवाओं की आपूर्ति के कुछ मामलों में जोकि ई-कॉमर्स आपरेटरों द्वारा की जाती है उन मामलों में कर देयता / जीएसटी भुगतान का दायित्व इन पर होता है।
किसी विक्रेता जब एक निर्धारित सीमा से अधिक का भुगतान करता है तब उस पर टीडीएस (एक कॉन्टैक्ट पर 2.5 लाख धारा 51(1)डी के अंतर्गत) की कटौती होती है। ई-कॉमर्स आपरेटर सेवाओं की आपूर्ति करते हैं तब उसका निकलने वाला शुद्ध मूल्य यानि आपूर्ति के कुल मूल्य का जमा करना होता है।
2. मुख्य विशेषताएं जीएसटी कर भुगतान की
सरकार और जीएसटी परिषद् द्वारा संशोधित नियमानुसार माल एवं सेवा कर प्रणाली की विशेषताएं इस प्रकार है-
- बिना कागज के लेनदेन हो रहा।
- बैंकों के लिए प्रक्रिया सरल हो गयी है।
- लेखांकन और रिपोर्टिंग तेज गति से हो रही है।
- सभी भुगतान का इलेक्ट्रॉनिक मिलान हो रहा है।
- डिजिटल चालान का भण्डारण आसानी से हो रहा है।
- सरकारी खातों में राजस्व का प्रेषण तेजी से हुआ है।
- भुगतान करने में आसानी सबसे बड़ी सहूलियत है।
- अब चालान को पोर्टल से उत्पन्न कर हाथ से भरने की झंझट समाप्त हुई है।
- करदाता किसी भी समय, कभी भी, कहीं से भी बिना परेशानी के कर भुगतान कर सकता है।
- आंकड़े व डाटा इलेक्ट्रॉनिक रूप में मिल रहे है जिसे कभी भी चेक करना या मिलान की अवस्था में आसानी हो रही है।
3. ऑनलाइन भुगतान
सबसे पहले हम ऑनलाइन भुगतान की प्रक्रिया को समझते हैं उसके बाद हम ऑफलाइन की प्रक्रिया को समझेंगे। जीएसटी भुगतान करने के लिए व्यापारी का पंजीकृत होना आवश्यक है और पंजीकृत व्यापारी के पास नेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड इनमें से कोई भी सुविधा होना अनिवार्य है ताकि राशि का भुगतान किया जा सके। ये सुविधा नहीं होने की स्थिति में व्यापारी ऑनलाइन भुगतान नहीं कर सकता। ऑनलाइन भुगतान के लिए कई प्रक्रियायों से गुजरना होगा।
1. जीएसटी पोर्टल
सबसे पहले भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गयी वेब साइट पर जाइये या इस https://www.gst.gov.in/ लिंक पर क्लिक करके भी ऑनलाइन पोर्टल पर जा सकते है।
2. लॉगिन
ऑनलाइन पोर्टल पर जाने के बाद आपको दाहिने तरफ ऊपर की ओर "लॉगिन" का विकल्प मिलेगा उस पर क्लिक करें।
3. अकाउंट लॉगिन करें
लॉगिन विकल्प पर क्लिक करके आगे बढ़ें। क्लिक करने के बाद नया पेज खुलेगा। इस पेज पर दो विकल्प पहले यूजरनाम (User Name) का दूसरा पासवर्ड (Password) का मिलेगा साथ में कैप्चा भी होगा जिसे भरना अनिवार्य होता है। अब जीएसटी द्वारा प्राप्त यूजरनेम और पासवर्ड को भर कर लॉगिन कर लें। यदि यूजरनेम और पासवर्ड भूल गए है तो फॉर्म के निचे देखें वहाँ पर फॉरगेट यूजरनेम और फॉरगेट पासवर्ड का ऑप्शन दिखेगा। इसका उपयोग कर व्यापारी दुबारा से अपनी आईडी को प्राप्त कर सकता है। इसे रिसेट करने पर जो OTP आएगा वह व्यापारी द्वारा उपलब्ध कराये गए मोबाइल नंबर और ई-मेल पर आएगा और उस पर ही नया यूजरनेम और पासवर्ड भी। तो जो भी नंबर या ई-मेल रजिस्टर करते हैं उन्हें अपने पास रखें चालू स्थिति में।
4. डैशबोर्ड
लॉगिन करने के बाद नया पेज ओपन होगा जिसमे डैशबोर्ड पर जाने का विकल्प दिया गया होगा। इस पेज पर पंजीकृत व्यक्ति का नाम देख सकते हैं जैसा की संलग्न चित्र में है देख सकते हैं।
5. सर्विसेज़
कंटिन्यू तो डैशबोर्ड पर क्लिक करने के बाद जीएसटी भुगतान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सर्विसेज विकल्प पर क्लिक करें।
6. पेमेंट्स विकल्प
सर्विसेज पर क्लिक करने के बाद उसकी सह-मेनू दिखेगी जिसमे Payments का ऑप्शन होगा। उसपर क्लिक करें।
7. चालान
पेमेंट्स के ऑप्शन पर क्लिक करते ही दो विकल्प सामने आ जायेंगे पहला चालान बनाने के लिए (Create Challan) दूसरा पुरानी लेखा जोखा देखने के लिए (Challan History), अब क्रिएट चालान पर क्लिक करें।
8. चालान बनाएँ
क्रिएट चालान पर क्लिक करके आगे बढ़ने पर नया पेज खुलेगा इस पेज पर तीन विकल्प देखने को मिलेंगे। अब पंजीकृत व्यापारी विकलप चुन कर प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकता है।
विकल्प:
- Create Challan (चालान बनायें)
- Saved Challan (चालान सुरक्षित करें)
- Challan History (चालान का इतिहास देखें)
पहला विकल्प क्रिएट चालान इससे चालान बना सकते हैं। दूसरे चालान में चालान को सुरक्षित रख सकते हैं ड्राफ्ट के रूप में। और आखिरी वाले विकल्प से चालान का इतिहास देख सकते हैं की क्या लेखा-जोखा रहा अब तक का।
9. वित्त दायित्व (Tax liability)
इस पेज पर आपको Tax liability के चार विकल्प दिखेंगे
- CGST(0005)
- IGST (0008)
- CESS (0009)
- Delhi SGST (0006)
हर विकल्प के बाद छः बॉक्स दिखाई दे रहे हैं इसे पंजीकृत व्यापारी अपने अनुसार भर सकता है।
- कर की राशि भरने के लिए पहला बॉक्स है।
- ब्याज भरने के लिए दूसरा बॉक्स है।
- जीएसटी न जमा करने पर तीसरा बॉक्स जुर्माना भरने के लिए है।
- फीस भरने के लिए चौथा बॉक्स है।
- अन्य कारण के लिए पाँचवा बॉक्स है।
- इन सभी का “टोटल” आखिरी बॉक्स में आता है।
इसके बाद Total Challan Amount के विकल्प में चालान की पूरी संख्या भरनी होगी। आखिरी में Total Challan Amount (in words) विकल्प में देय धनराशि को शब्दों में भरें।
10. भुगतान विकल्प
सारी प्रक्रिया होने के बाद भुगतान का प्रकार दिखेगा जिसमे लाल बिंदु दर्शायी गयी है उसे भरना अनिवार्य है। भुगतान प्रकार के विकल्प
- E -Payment (ई-भुगतान)
- Over the Counter (बिना पर्ची का)
- NEFT or RTGS
इसमें से कोई भी विकल्प चुन कर पेमेंट कर सकते हैं पर ऑनलाइन भुगतान के लिए पहला विकल्प ई-भुगतान चुनना होगा। सभी डिटेल भर लेने के बाद ई भुगतान से जीएसटी भुगतान कर दाहिने तरफ निचे की ओर जनरेट चालान बटन पर क्लिक करें।
11. भुगतान करें पेज
जनरेट बटन पर क्लिक करते ही नया पेज ओपन होगा इसमें पंजीकृत व्यापारी का सारा विवरण दिख जायेगा। इस विवरण को समझते हैं-
- GST Challan
जीएसटी चालान इसके ठीक नीचे पंजीकृत व्यापारी का महत्वपूर्ण सीपीआईएन (CPIN) नंबर है, दायीं और चालान बनाने की तारीख और वैधता है।
- Mode of Payment
भुगतान के प्रकार में भुगतान का ई-पेमेंट द्वारा किये गए भुगतान की जानकारी है जिसे नेट बैंकिंग, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से कर सकते हैं।
- Details of Taxpayer
इसमें करदाता की निजी जानकारियां होती है। जैसे ई-मेल, मोबाइल व अन्य।
12. मेक पेमेंट
पूरा फॉर्म भर जाने के बाद उसे वापस से चेक करें सब सही होने के बाद मेक पेमेंट पर क्लिक कर पेमेंट कर दीजिये। इस तरह भुगतान हो जायेगा।
4. ऑफलाइन भुगतान?
ऑनलाइन पेमेंट में सभी प्रक्रिया के बाद ई -पैमेंट का ऑप्शन चुन कर ऑनलाइन भुगतान किया गया ठीक उसी प्रकार ऑफलाइन भुगतान के लिए सभी प्रक्रिया कर लेने के बाद ई -पैमेंट की जगह "ओवर द काउंटर" (Over The Counter) विकल्प को चुनना होगा। उसके बाद जनरेट चालान” के बटन पर क्लिक करें। उसके बाद जिसमे सहूलियत हो उस बैंक का चयन करें।
बैंक चयन करने के बाद कैश / चेक / डीडी का विकल्प चुने फिर ड्राफ्ट चालान का ध्यान से निर्माण करें बाद में बदलाव नहीं कर सकते। यह 7 दिन के लिए वैध होगा। चालान की दो प्रिंट निकाल कर एक को चुने गए बैंक में जमा करें व दूसरा अपने पास रखें। बैंक में अधिकारी इसकी जाँच करेगा फिर उसके कुछ दिन बाद बैंक द्वारा पुष्टि हो जाने के बाद जीएसटी पोर्टल पर सन्देश आ जायेगा जिसके बाद भुगतान की जानकरी अपडेट हो जाएगी।
इस तरह हमारे आर्टिकल को ध्यान से पढ़ने के बाद व्यापारी बिना किसी के मदद के अपना जीएसटी भर सकता है ऑनलाइन और ऑफलाइन। जीएसटी से जुडी ज्यादा जानकारी के लिए हमारे पोर्टल को सब्सक्राइब करें या सिग्न इन करें लेटेस्ट खबर के लिए।
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