वर्तमान समय में राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिंधु घाटी सभ्यता के कुछ प्रमुख स्थान जैसे कि कालीबंगा और बालाथल एवं दिलवाड़ा भी राजस्थान में ही स्थित है।
राजस्थान की पर्यटक आकर्षित करने की क्षमता मुख्यतः दो कारणों पर निर्भर करती है पहला कारण है राजस्थान की भौगोलिक संरचना जबकि दूसरा कारण है यहां का स्ट्रीट फूड और थार का रेगिस्तान।
राजस्थान में स्थित माउंट आबू यहां का एकमात्र हिल स्टेशन है जोकि प्राचीन काल में बनी अरावली माउंटेन रेंज का एक हिस्सा है। राजस्थान की स्थापना भारत की आजादी के बाद वर्ष 1949 में की गई थी जिसे पहले राजपूताना नाम से जाना जाता था।
राजस्थान शब्द राजाओं का स्थान से मिलकर बना है, राजस्थानी लोगों की अलग प्रकार की वेशभूषा और अलग प्रकार का खानपान इसे भारत के अन्य राज्यों की तुलना में सांस्कृतिक और भूगोलिक तौर पर मजबूत बनाता है. राजस्थान की राजधानी जयपुर जिसे पिंक सिटी के नाम से जाना जाता है, जयपुर पर कई प्रख्यात राजाओं ने शासन किया है।
जरूर आपने अपने इतिहास की किताबों में महाराणा प्रताप के बारे में तो पढ़ा ही होगा, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाराणा प्रताप राजस्थान के ही वीर राजपूत शासक रहे हैं जिन्होंने मुगलों के शासन के सामने घुटने टेकने से मना कर दिया था। राजस्थान के कुछ लोकप्रिय टूरिस्ट स्पॉट्स में उदयपुर, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर, अलवर आदि जिले शामिल किए जाते हैं।
आज हम आपके साथ बात करेंगे राजस्थान के कुछ लोकल स्ट्रीट फूड के बारे में जिन्हें आप राजस्थान के हर गली मोहल्ले में एक छोटी सी स्टॉल से लेकर बड़े-बड़े रेस्टोरेंट में बनाते हुए देख पाएंगे, आइए जानते हैं :-
1. दाल-बाटी-चूरमा :-
यह राजस्थान की सबसे लोकप्रिय डिश है, इसमें तीन चीजों को शामिल किया जाता है पहली चीज होती है दाल जोकि मूंग या फिर उड़द की बनी होती है।
दूसरी चीज होती है बाटी, जिसमें आटे को पीस कर उन्हें गोल कर दिया जाता है तथा उन्हें घी की सहायता से तला जाता है तथा तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है चूरमा, जिसे बनाने के लिए गेहूं के आटे की बड़ी और मोटी रोटियां बना कर उन्हें पीसा जाता है और घी तथा शक्कर मिलाकर सर्व किया जाता है।
यह व्यंजन आपको राजस्थान के हर क्षेत्र में मिल जाएगा परंतु जयपुरी दाल बाटी चूरमा कुछ अलग ही खास है।
2. जोधपुर की प्याज कचोरी :-
राजस्थान के हर जिले में आपको कई ऐसे रेस्टोरेंट मिलेंगे जिनका नाम जोधपुर से जुड़ा हुआ रहेगा, जो मुख्यतया जोधपुर की प्याज कचोरी ही बेचते हैं।
यह कचोरी का ही एक प्रकार होता है जिसमें प्याज और आलू को एक अलग शेप देकर तेल में तला जाता है।
इसको लाल और हरी चटनी के साथ सर्व करने पर अलग ही स्वाद मिलता है।इसकी कीमत लगभग बीस से तीस रुपया होती है।
3. बीकानेरी भुजिया :-
आपको एक बात बताना चाहूंगा की राजस्थान में लगभग सभी लोकप्रिय डिशों का नाम वहां के स्थानीय जिले के नाम से जुड़ा हुआ है, इसी श्रृंखला में एक और नाम है बीकानेरी भुजिया।
यह भुजिया राजस्थान के बीकानेर जिले में बनना शुरू हुई थी और आज यह सिर्फ राजस्थान में ही नहीं बल्कि विदेश के कई बड़े एयरपोर्ट पर भी आपको बीकानेरी भुजिया की स्टाल नजर आ जाएगी।
4. राजस्थानी कढ़ी :-
आपने भारत के अलग-अलग कोनों में अलग-अलग जगह की कढ़ी खाई होगी, इसी का एक राजस्थानी रूप भी होता है जो कि अन्य की तुलना में थोड़ा ज्यादा तीखा होता है।
इसे स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद बनाने के लिए तुलसी और कई अन्य स्थानीय स्वास्थ्यगत लाभप्रद पदार्थ मिलाए जाते है।
5. घेवर :-
राजस्थान के कुछ लोकप्रिय घेवर जैसे की मलाई घेवर, मावा घेवर और प्लेन घेवर अंतरराष्ट्रीय टुरिस्टर के लिए एक कौतूहल का विषय बने रहते हैं।
देखने में छोटा सा लगने वाला यह घेवर बहुत अधिक मीठा होता है और आप इसे बहुत ही कम खा पाएंगे।
6. रबड़ी :-
सूखे मेवे और दूध से बने मावा की सहायता से बनने वाली यह डिश एक मिल्कमेड जैसा स्वाद देती है।
इसको मीठा बनाने के लिए इसमें चासनी या फिर चीनी मिलायी जाती है।
7. इमरती :-
यह एक तरीके से जलेबी का ही एक प्रकार होता है।इमरती की शुरुआत मुगल काल के दौरान हुई थी और यह एक ऑरेंज कलर की डिश होती है जो कि मेहमानों के स्वागत के दौरान खिलाई जाती है।
8. कोटा कचोरी :-
यह भी कचोरी का ही एक प्रकार होता है, हरी चटनी के साथ इस डिश को कई टूरिस्टर खाना पसंद करते हैं इसकी स्पेशयालिटी कोटा जिले के क्षेत्र में बनाने वाले लोगों के हाथों में ही होती है परंतु अब यह राजस्थान की कई स्थानों पर आपको बनाती हुई दिख जाएगी।
9. जवाहर पंड्या कचोरी :-
यह राजस्थान के सीकर जिले की लोकप्रिय कचोरी की एक वैरायटी है, जिसे वहां के स्थानीय हलवाई जवाहर पांड्या ने ईजाद किया था।
आज इस कचोरी की लोकप्रियता इतनी बढ़ चुकी है कि राजस्थान के बाहर भी कई राज्यों में एक पूरी रेस्टोरेंट की श्रंखला चल पड़ी है जहां पर सिर्फ यह कचोरी ही बिकती है।
10. पाव भाजी :-
पावभाजी वैसे तो एक पंजाबी डिश है परंतु आपको राजस्थान की राजधानी जयपुर की गलियों में पाव भाजी की बहुत दुकानें और स्टॉल लगाए हुए कई लोग काम करते दिखेंगे वैसे एक बात तो है स्ट्रीट फूड का मजा तभी आता है जब आप इसे रोड पर खड़े होकर या किसी छोटी सी थड़ी के पास बैठ कर खाते हैं।
11. दबेली :-
यह उसी प्रकार के डिश होती है, जिस तरह का बर्गर परंतु इसमें अतिरिक्त स्वाद के लिए बर्गर के साथ अनार और प्याज को काटकर हरी सब्जियां और छोले कुलचे डालकर अधिक से अधिक स्वादिष्ट बना दिया जाता है।
कई टूरिस्ट हरी चटनी के साथ भी इसको खाना पसंद करते हैं।
12. चिकन टिक्का :-
यदि आप राजस्थान की ट्रिप पर आए तो जरूर आपको एक बार यहां का चिकन टिक्का खाकर देखना चाहिए, जिन लोगों को ज्यादा ही चटपटा खाने का शौक रहता है वे इसी तीखा बनवा सकते है।
इसको बनाने के लिए चिकन और प्याज को एक लोहे की नुकीली कील में डालकर भुना जाता है और साथ ही मसाले का भी प्रयोग किया जाता है।
इस प्रकार हमने जाना राजस्थान के कुछ लोकल स्ट्रीट फूड के बारे में, वैसे तो इनमें से कई स्ट्रीट फूड आपको राजस्थान के बाहर भी मिल जाएंगे जैसे की जोधपुर की प्याज कचोरी और बीकानेरी भुजिया विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है पर स्थानीय लोगों के द्वारा इस प्रकार की डिश को बनाने की कला और अनुभव इन्हें राजस्थान में और अधिक स्पेशल बना देती है।
आइए अब हम जानते हैं कि कैसे आप भी राजस्थान के इस स्ट्रीट फूड व्यवसाय को भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में स्वयं का रेस्टोरेंट खोलकर शुरू कर सकते हैं:-
🔸 यदि आप ऐसा ही कोई रेस्टोरेंट राजस्थान के ही किसी क्षेत्र में खोलना चाहते हैं तो आपके लिए एक खुशखबरी है कि राजस्थान में इसके लिए लाइसेंस प्राप्त करने की सुविधा बहुत ही आसान है और एक बार परमिट मिलने के बाद आपको फ़ूड डिपार्टमेंट के ऑफिसर के द्वारा परेशान किए जाने की संभावना भी बहुत कम रहती है।
🔸 यदि आप इसे राजस्थान के बाहर किसी अन्य क्षेत्र में लगाना चाहते हैं तो सबसे पहले जानिए की आपको इस भोजन के बारे में पूरा ज्ञान होना चाहिए नहीं तो आप इसे बनाना सीखने के लिए राजस्थान के स्थानीय रेस्टोरेंट में काम कर रहे किसी व्यक्ति के साथ ट्रेनिंग भी ले सकते हैं।
🔸 कुछ समय पहले ही राजस्थान सरकार के द्वारा एक स्कीम लाई गई है जिसके तहत यदि आप राजस्थान का स्थानीय स्ट्रीट फूड भारत के किसी दूसरे क्षेत्र में बेचते हैं तो आपके रेस्टोरेंट को राजस्थान टूरिज्म की वेबसाइट पर प्रमोट किया जाएगा, क्योंकि भारत के किसी अन्य क्षेत्र में खोला गया आपका रेस्टोरेंट वहां के लोगों की राजस्थान के प्रति रोचकता बढ़ाएगा और वह राजस्थान घूमने आ सकते हैं।
🔸 आप इंटरनेट की सहायता से अपनी वेबसाइट बना सकते हैं और वहां पर ऑनलाइन फूड डिलीवरी की सुविधा प्रदान कर सकते हैं, इसके साथ ही आप अपने ग्राहकों के लिए फीडबैक का ऑप्शन भी रख सकते हैं जिससे यदि आपके खाने में कोई कमी है तो आपको आसानी से सुझाव भी प्राप्त हो सके।
🔸 आप अपने रेस्टोरेंट का नाम राजस्थान के किसी स्थानीय फूड के नाम पर रख सकते हैं क्योंकि इस स्थिति में जिस क्षेत्र में आपने अपना रेस्टोरेंट लगाया है वहां पर रहने वाले राजस्थानी लोग आपके रेस्टोरेंट पर विजिट करेंगे, जोकि आपका प्रमोशन करने में भी सहायक होगा।
इस प्रकार हमने जाना कि किस तरह से राजस्थान का स्ट्रीट फूड व्यवसाय प्रगति की राह पर चल पड़ा है और यहां की भौगोलिक संरचना आने वाले समय में अधिक से अधिक टूरिस्ट को अपनी तरफ आकर्षित करेगी, इस कारण आप भी यहां की स्थानीय स्ट्रीट फूड व्यवसाय को आपके स्थानीय क्षेत्र में स्थापित कर राजस्थान के प्रति आकर्षण रखने वाले टूरिस्ट को सेवा प्रदान कर सकते हैं।
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