गेहूं, चावल, दालें, तिलहन, चीनी जैसे अनाज आम आदमी के जीवन कीं रोजमर्रा की जरूरत का सामान है। ये सारा सामान मानव जीवन की आवश्यक आवश्यकता में शामल है। कोई भी इंसान इन खाद्यान्नों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है। इसलिये अनाज का बिजनेस हमेशा चलने वाला है। अब इस बिजनेस किसानों से लेकर आम उपभोक्ता तक पहुंचाने के लिए कई चैनल काम करते हैं। जैसे किसानों से एक ब्रोकर यानी जिसे कमीशन एजेंट कहते हैं, वो खरीदकर होलसेलर्स को बेचता है। होलसेलर्स भी बड़े थोक मार्केट के बड़े सेलर्स को अपना माल बेचते हैं। इसके अलावा ये होलसेलर्स रिटेलर्स को अपना माल बेचते हैं। रिटेलर्स आम उपभोक्ताओं को प्रोडक्ट बेचता है। इतने सारे पैनल होने के कारण इस बिजनेस में लाभ का भी बंटवारा होता है। अब किसको ज्यादा और किसको कम लाभ होता है। इस पर बिजनेस करने के तरीके पर निर्भर होता है। अधिक लाभ कमाने के लिए लोग अधिक पूंजी वाला होलसेल का काम शुरू करना चाहते हैं।
स्टेप 1: अपने आप को तौलें
यदि आप अनाज का होलसेल बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सबसे पहले आप इस बिजनेस की बारीकियों से वाकिफ हों। इसके लिए कहां से माल खरीदा जाता है और कहां बेचा जाता है। इस खरीदने और बेचने के बीच में किस तरह की मुश्किलें आतीं हैं, किस तरह के कानूनों का सामना करना होता है, कितनी भागदौड़ करनी होती है, किस क्षेत्र में कौन सा अनाज ज्यादा मिलता है और किस क्षेत्र में कौन से अनाज, दाल आदि की खपत होती है। इन सबकी जानकारी करनी जरूरी है। इसके बाद ही आप बिजनेस की ओर कदम बढ़ायें। आप अनाज का होलसेल बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं। इसका मतलब हुआ कि आप अपनी बड़ी पूंजी इन्वेस्ट करने की तैयारी कर रहे हैं। अपनी बड़ी पूंजी इन्वेस्ट करने से पहले आप पहले अच्छी तरह से ठोंक बजा कर देख लें कि यह काम आपके वश का है भी या नहीं। यदि आपका विश्वास डगमगा जाये तो आप इस बिजनेस में कतई हाथ न डालें। यदि आपको लगे कि आप इस बिजनेस को आसानी से कर लेंगे। खरीदने वालों और बेचने वालों दोनों को ही अच्छे से डील कर लेंगे। तब भी इस बिजनेस की सारी बारीकियों को अच्छी तरह से जान लें।
स्टेप 2: सर्वे करने अपनी मार्केट तलाशें
अब आपने अनाज का होलसेल बिजनेस करने का मन बना ही लिया है तो आपको सबसे पहले अपने एरिया का सर्वे करना चाहिये। बेहतर हो कि आप सर्वे के दौरान अपना विजिटिंग कार्ड उन रिटेलर्स को दें जो आपके टारगेट कस्टमर्स हों। और उनसे उनका विजिटिंग कार्ड ले लें । यदि किसी रिटेलर्स के पास विजिटिँग कार्ड न हो तो उनकी डिटेल अपनी डायरी में नोट कर लें। इस तरह से आपको अपने क्षेत्र के रिटेलर्स की जानकारी मिल जायेगी। सर्वे के दौरान आपको यह भी देखना होगा कि इस क्षेत्र में किस चीज की ज्यादा खपत है। जैसे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेंहूं अधिक इस्तेमाल होता है और असम, प.बगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखंड,छत्तीसगढ़ आदि में चावल अधिक खाया जाता है। इसी तरह दालों के बारे में भी सर्वे करते वक्त ध्यान रखें। किस क्षेत्र में अरहर की दाल अधिक खाई जाती है, किस क्षेत्र में मसूर की दाल अधिक इस्तेमाल होती है। किस क्षेत्र में उड़द,मूूंग की दाल की डिमांड है। कहां पर चने की दाल और बेसन अधिक इस्तेमाल होता है। कहां पर मटर, राजमा और काबली चने का प्रयोग होता है। इन सब का सर्वे करने के बाद आपके सामने यह तस्वीर साफ हो जायेगी कि आप जिस क्षेत्र में बिजनेस शुरू करना चाहते हैं , वहां आपको किस-किस चीज की जरूरत होगी।
स्टेप 3: फिर अनाज खरीदने की रणनीति बनायें
जब आपकी मार्केट सर्वे में सब कुछ साफ हो जायेगा तो आपको बिजनेस आइटम सेलेक्ट करना आसान हो जायेगा। जब आपके बिजनेस आइटम सेलेक्ट हो जायें तब आपको यह विचार करना होगा कि हमें अपनी जरूरत की चीजें कहां से खरीदें, जो किफायती दाम में आसानी से मिल सकें ताकि उस पर अधिक से अधिक मुनाफा कमाया जा सके। आपको अपनी जरूरत वाले अनाजों के उत्पादक राज्यों की ओर रुख करना होगा। आप वहां की लोकल मंडियों में बैठे ब्रोकरों से बात कर सकते हैं। आप सीधे किसानों से भी अनाज खरीद सकते हैं। चूंकि आपको बड़े पैमाने पर अनाज खरीदना है। इसलिये सीधे किसानों से सौदा खरीदना आपको सूट नहीं करेगा। आप इन ब्रोकरों से बात करके ही सौदा खरीद सकते हैं। ये ब्रोकर यानी कमीशन एजेंट बहुत थोड़े कमीशन पर आपको अच्छा माल दिलवा सकते हैं। आपको उस क्षेत्र के कई कमीशन एजेंटों से बात करनी होगी और जो कम से कम कमीशन पर काम करने को तैयार हो उससे ही आपको सौदा लेना होगा।
स्टेप 4: एक दुकान व गोदाम की करें व्यवस्था
अब इस स्टेप में आपको अपना होलसेल बिजनेस शुरू करने के लिए एक दुकान व एक गोदाम की आवश्यकता होगी। दुकान तो आपको थोक मार्केट में या उसके आसपास ही लेनी होगी। जो आपको थोड़ी महंगी मिल सकती है। यदि आप अपना गोदाम मार्केट से थोड़ी दूर पर भी बना लेते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। लेकिन बेहतर तो यही होगा कि दुकान के साथ ही गोदाम हो।
स्टेप 5: बिजनेस प्लान भी बनायें
अब आपको अपना बिजनेस प्लान बनाना होगा। कितनी पूंजी लगानी है। उसमें कौन-कौन सी चीजें खरीदनीं हैं। दूकान और गोदाम पर कितना खर्च करना है,कितना माल खरीदना है, कैसे आपको अपना माल बेचना है, कितने हेल्पर रखने हैं, ट्रांसपोर्ट का साधन भी रखना होगा या हायर करना होगा, बिजनेस में होने वाले सारे खर्चों, र् ेका और सबसे आखिर में आपको अपना कितना मुनाफा लेना है, उसका भी हिसाब रखना होगा। इन सब बातों को अच्छी तरह से अपने बिजनेस प्लान में दर्ज कर लें और उसी के हिसाब से काम करेेंगे तो आपको बिजनेस में मात नहीं मिलेगी।
स्टेप 6: कानूनी कार्रवाई पूरी करने में ही है समझदारी
अक्सर यह देखा गया है कि लोग अपना बिजनेस शुरू तो कर लेते हैं लेकिन बिजनेस के बारे में कानूनी कार्रवाई को नजरंदाज कर देत हैं। जब तक कोई बाधा न खड़ी हो जाये तब तक वह वैसा ही करते रहते हैं। यह करना मंहगा भी पड़ जाता है। एक समय के बाद जब किसी कानूनी कार्रवाई सामना करना पड़ता है तब भागदौड़ भी अधिक करनी पड़ती और कानूनी कार्रवाई महंगी पड़ती है। कभी-कभी तो व्यापारी को जुर्माने आदि का भी सामना करना पड़ जाता है। इससे सबसे अच्छा तरीका तो यही है कि शुरू-शुरू में ही आपको कानूनी कार्रवाई कर लेनी चाहिये। सबसे पहले आपको अपनी फर्म का नाम चुनना होगा। उसका रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उसके बाद चूंकि आप खाद्य पदार्थ का बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं तो आपको फूड सेफ्टी एण्ड स्टैडर्ण्ड अथॉरिटी आफ इंडिया यानी एफएसएसएआई से फूड लाइसेंस लेना होगा। अब प्रत्येक व्यापार के लिए जीएसटी जरूरी हो गया है तो जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराकर जीएसटी नंबर लें लें। इसके अलावा स्टेट और स्थानीय निकाय से भी बिजनेस का लाइसेंस ले लेंगे तो आप पूरी तरह से निश्चिंत हो कर व्यवसाय कर सकेंगे।
स्टेप 7: कितनी लागत आयेगी
चंूकि बिजनेस करने की पहले से ही तैयारी कर ली है तो आपने बिजनेस में लगने वाली लागत के बारे में भी तैयारी कर रखी होगी। इसका यदि आपको अनुमान नहीं है तो आप सबसे पहले दुकान और गोदाम पर होने वाले खर्च, माल खरीदने, कर्मचारी की सैलरी, ट्रांसपोर्टेशन, अपने आने-जाने व भागदौड़ पर होने वाले खर्च को जोड़कर लागत निकालें। वैसे तो यह लागत बिजनेस के आकार के अनुसार ही तय होती है। इसके बावजूद एक्सपर्ट की राय है कि इस बिजनेस को अच्छी तरह शुरू करने के लिए 10 लाख से 20 लाख तक की पूंजी की जरूरत होती है। यदि इससे कम पूंजी से बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको अनाज की एक या दो वैरायटी पर ही काम करना होगा। इसमें आपको 5 से 7 लाख की लागत आयेगी।
स्टेप 8: मुनाफा कितना मिलेगा
कोई भी व्यक्ति बिजनेस लाभ कमाने के लिए करता है। बिजनेस शुरू करने से पहले ही यह सोचता है कि पूंजी और मेहनत लगाने के बाद उसे कितना मुनाफा होगा। यह बात अवश्य सोचनी चाहिये। जो व्यक्ति यह नहीं सोचता है वो बिजनेस को चला नहीं सकता है। बहुत से लोग सोचते हैं कि शुरू-शुरू में मुनाफा न भी मिले तो कोई बात नहीं कंपटीशन में पहले ग्राहक को फायदा दे दें हम तो बाद में कमा लेंगे। इस चक्कर में उनकी पंूजी का घटना शुरू हो जाता है और जब वो मुनाफा कमाने की सोचते हैं तब तक तो बिजनेस उतार पर आ जाता है। इसलिये बिजनेस शुरू करने के साथ ही मुनाफा सोचना होगा। रही बात मुनाफे की तो इस बिजनेस में मुनाफा तो निश्चित है लेकिन कितना है, यह तय नहीं है क्योंकि मार्केट में आने वाला उतार-चढ़ाव और आपके खरीदने और बेचने की कला पर मुनाफे की राशि तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसके बावजूद कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बिजनेस में 20 प्रतिशत से लेकर 40 प्रतिशत के आसपास मुनाफा हो सकता है।
स्टेप 9: अपने बिजनेस को इस तरह बढ़ायें
बिजनेस शुरू करने और उसको स्पीड देने के लिए क्या करना होगा। इसका एक ही जवाब है कि आपको अपनी फर्म और अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करनी होगी। इसके लिए आपको आफ लाइन व आॅन लाइन मार्केटिँग के साथ ही आपको कुछ एजेंट मार्केट में उतारने होंगे जो आपके प्रोडक्ट की खूबियों और रेट तथा ग्राहकों को मिलने वाले फायदे के बारे में अच्छी तरह से समझायेंगे। इससे आपकी फर्म और रिटेलर्स के बीच रिलेशन अच्छे बनेंगे। अच्छे रिलेशन के आधार पर आपका बिजनेस अच्छा चलेगा।
स्टेप 10: ये काम कर सकते हैं
यह स्टेप आपके प्रोडक्ट की बिक्री से जुड़ा है। यदि आपका बिजनेस स्थिर हो गया है। यानी आपकी मार्केट में चुने हुए रिटेलर हैं और उनकी खरीद से आपका मुनाफा आगे नही बढ़ रहा है तो आपको कुछ और प्रयास करने होंगे। उन प्रयासों में खाद्यान्न वस्तुओं की नामी-गिरामी ब्रांडवाली कंपनियों से टाइअप करना होगा। साथ ही सरकारी टेंडरों में आपको भाग लेना होगा। टेंडर की मंजूरी मिलने के बाद आपको बड़े पैमाने पर सप्लाई करने का आॅर्डर भी मिल सकता है। जिससे आपको काफी लाभ हो सकता है।
स्टेप 11: कुछ अलग हट कर करना होगा
अनाज के होलसेल बिजनेस में कुछ खास बातें हैं जो काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभातीं हैं। जैसे सीजन पर सस्ता माल खरीद कर स्टोर करके और उसे आफ सीजन में बेचने से काफी लाभ होता है। इसके लिए आपके पास डबल पूंजी हो और स्टोर करने के लिए लम्बे चौड़े गोदाम हों। गोदामों में रखे माल की देखरेख करने वाले कर्मचारी हों तो आपक इस बिजनेस से काफी लाभ उठा सकते हैं।
स्टेप 12: पूंजी से जुड़े कुछ खास टिप्स
इस बिजनेस में लेन-देन के कई तरीके प्रचलित हैं। उनका इस्तेमाल करके होलसेल व्यापारी अपनी पूंजी को अच्छी तरह से इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि इस बिजनेस में होलसेल व्यापारी को अनाज खरीदने के लिए नगद पैसे देने होते हैं जबकि रिटेलर्स को माल उधार देना होता है। माल खरीदने के लिए भी दो तीन तरीके हैं। एक तरीका यह होता है कि आप जहां से माल खरीद रहे हैं और ब्रोकर या किसान से माल खरीदते हैं तो आपको माल लोड होने से पहले ही पेमेंट करनी होती है। दूसरा तरीका यह है कि लोकल ब्रोकर यदि व्यापारी भी है तो वो आपके यहां माल उतरने के बाद ही आपसे पैसे मांग लेता है। तीसरा तरीका यह हो सकता है कि आपके और लोकल व्यापारी से संबंध अच्छे बन गये और आपके द्वारा किये गये पेमेंट के तरीके से खुश है तो वो आपसे पार्ट पेमेंट यानी कई हिस्सों में भी पेमेंट ले सकता है। आप स्मार्ट तरीके से अपनी पूंजी को बढ़ा सकते हैं। दूसरा आप यदि रिटेलर्स को पेमेंट करने के लिए प्रमोट कर सकते हैं। जैसे उन्हें थोड़ा सा लालच दे दें कि यदि वो नगद भुगतान करते हैं तो मौजूदा रेट में आधा या चौथाई प्रतिशत की छूट मिल सकती है। इस तरह से अपनी पूंजी रिटेलर्स से भी निकाल सकते हैं।
यह भी पढ़े :
1) UP Mukhyamantri Yuva Swarojgar Yojana In Hindi
2) SIDBI Scheme In Hindi
3) CGTMSE Scheme In Hindi
4) SFURTI Scheme In Hindi
5) PM Svanidhi Scheme in Hindi
6) ओके स्टाफ क्या है? कैसे ये ऐप आपका बिजनेस बढ़ाने में मदद करता है?
OkCredit के ब्लॉग के साथ पाएँ बेस्ट बिज़नेस आइडीयाज़ और बिज़नेस टिप्स कई भाषाओं में जैसे की हिंदी, अंग्रेज़ी, मलयालम, मराठी और भी कई भाषाओं में.
डाउनलोड करें OkCredit अभी और छुटकारा पाएँ रोज़ की झंझट से.
OkCredit 100% भारत में बनाया हुआ ऐप है!
हमें उम्मीद है कि हमारा लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ है। इस तरह की अधिक जानकारीपूर्ण सामग्री के लिए, आप इन लिंक किए गए लेखों पर भी जा सकते हैं:
|
||
Trademark Registration Kya Hai | Credit Card Kya Hai | FSSAI License Kya Hai |
TDS Kya Hai | EMI Kya Hai | MSME Registration Kya Hai |